काबुल में लगातार दूसरे दिन विस्फोट, एक दिन पहले भारतीय दूतावास के पास हुए धमाके पर तालिबान ने साधी चुप्पी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-12-2024
Kabul blast
Kabul blast

 

काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी में शनिवार सुबह 10 बजे शेख जायद अस्पताल के सामने धमाका हुआ. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां विस्फोट हुआ वह जगह आंतरिक मंत्रालय के कार्यालय के नजदीक थी.  काबुल में यह 24 घंटे के भीतर दूसरा विस्फोट है. पहला धमाका एक दिन पहले काबुल के शाहरी नव इलाके में भारतीय दूतावास के पास हुआ था. अफगान सरकार ने इस घटना पर चुप्पी साधी हुई है.

काबुल के स्थानीय निवासी समीउल्लाह ने बताया, "किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. आस-पास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है. विस्फोट के पीछे का मकसद अभी तक अज्ञात है. घटना के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है."

इससे पहले शुक्रवार को दोपहर करीब 3:30 बजे काबुल के शाहरी नौ इलाके में स्थित भारतीय दूतावास के पास स्थानीय लोगों ने विस्फोट की आवाज सुनी. अफगान तालिबान शासन ने इस घटना पर चुप्पी साधे रखी. हालांकि, रिपोर्टों से पता चला है कि विस्फोट में कम से कम 17 लोग हताहत हुए हैं.

काबुल में एक स्थानीय सूत्र ने बताया, "कल (शुक्रवार) हुए विस्फोट में दर्जनों लोग मारे गए और ऐसा लग रहा था कि इसका टारगेटक काबुल में भारतीय दूतावास के पास कहीं था. 24 दिसंबर को जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास के एक अफगान कर्मचारी पर हमला किया गया और वह घायल हो गया."

काबुल में विस्फोट ऐसे समय में हो रहे हैं जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर झड़पें तेज हो गई हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, टोलोन्यूज ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त और पक्तिका प्रांतों में भीषण झड़पें जारी हैं. सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई.

यह झड़पें मंगलवार रात को पक्तिका प्रांत में पाकिस्तानी एयर स्ट्राइक के बाद हुई हैं. हवाई हमले में महिलाओं और बच्चों सहित 51 लोग मारे गए.

कभी एक दूसरे के गहरे दोस्त रहे तालिबान और इस्लामाबाद आज सैन्य झड़पों तक पहुंच गए हैं. इस्लामाबाद और काबुल के बीच दुश्मनी की सबसे बड़ी वजह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान) है.

टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है. मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक यह पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को हटाकर इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के आधार पर एक कट्टरवादी शासन की नींव रखना चाहता है.

हाल के दिनों में, इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान सरकार पर सशस्त्र समूहों, विशेष रूप से टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया है. हालांकि काबुल इस आरोप को खारिज करता रहा है.