विस्फोट के कुछ घंटों बाद, हेलीकॉप्टरों ने आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार की. यह विस्फोट उस समय हुआ जब ईरान और अमेरिका ओमान में तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता कर रहे थे.
हालांकि, ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि यह विस्फोट किसी हमले का परिणाम था, लेकिन ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्वीकार किया था कि उनकी सुरक्षा सेवाएं उच्च अलर्ट पर हैं, खासकर पूर्व में हुए तोड़फोड़ और हत्या के प्रयासों को देखते हुए..
ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी टेलीविजन पर इस घटना में मृतकों की संख्या की पुष्टि की, लेकिन बंदर अब्बास के पास आग लगने के कारणों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. इस घटना के कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट की खबरें आई हैं.
सुरक्षा कंपनी के अनुसार, बंदरगाह पर कथित तौर पर मिसाइल ईंधन के लिए रसायन लाया गया था. निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने बताया कि मार्च में सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन की खेप बंदरगाह पर आई थी, जो चीन से भेजी गई थी. यह खेप ईरान में मिसाइल भंडार को फिर से स्थापित करने के लिए लाई गई थी..
यह स्पष्ट नहीं है कि ईरान ने इन रसायनों को बंदरगाह से क्यों नहीं हटाया, खासकर 2020 में बेरूत बंदरगाह पर हुए विस्फोट के बाद, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे.
सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में विस्फोट से पहले आग के लाल धुएं का उभरना और विस्फोट के बाद काले धुएं का निकलना देखा गया. विस्फोट के केंद्र से कई किलोमीटर दूर इमारतों के शीशे भी उड़ते हुए दिखाई दिए.
ईरान के सरकारी टीवी ने बताया कि विस्फोट के कारण एक इमारत भी ढह गई, लेकिन अन्य जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है. गृह मंत्रालय ने घटना की जांच शुरू कर दी है.
राजाई बंदरगाह होर्मुज जलडमरूमध्य पर स्थित है, जो फारस की खाड़ी में एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, जहां से 20 प्रतिशत वैश्विक तेल व्यापार होता है.