ईरान-इटली में बढ़ा कूटनीतिक तनाव, वजह बना अमेरिका

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-01-2025
Diplomatic tensions rise between Iran and Italy, America is the reason
Diplomatic tensions rise between Iran and Italy, America is the reason

 

रोम. इटली और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों में इस समय तनाव देखने को मिल रहा है.  इतालवी पत्रकार की गिरफ्तारी से तनाव की शुरुआत हुई हालांकि पूरा घटनाक्रम इससे कहीं ज्यादा उलझा हुआ है. इस विवाद से तीसरा देश- अमेरिका भी जुड़ता है जिससे यह घटनाक्रम तीन-राष्ट्र कूटनीतिक समस्या बनता जा रहा है.  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इटली ने गुरुवार को ईरान के राजदूत को तलब कर एक इतालवी पत्रकार की रिहाई की मांग की, जबकि तेहरान ने इटली से एक ईरानी नागरिक को रिहा करने की मांग की.

ईरान ने जिस शख्स की रिहाई की मांग की कि उसे जॉर्डन में एक ड्रोन अटैक के आरोप में अमेरिकी वारंट पर इटली में गिरफ्तार किया गया था. एक साल पहले हुए इस हमले में तीन अमेरिकी मारे गए थे.

जानते हैं कि कैसे तीन राष्ट्र कूटनीतिक मोर्च पर आमने सामने आ गए-

इस घटनाक्रम की शुरुआत 16 दिसंबर को शुरू हुई, जब अमेरिकी न्याय विभाग ने ईरान को कथित तौर पर ड्रोन तकनीक की आपूर्ति करने के लिए दो ईरानी नागरिकों के खिलाफ आरोपों की घोषणा की. ड्रोन तकनीक का कथित इस्तेमाल जनवरी 2024 में जॉर्डन में एक अमेरिकी चौकी पर हमले में किया गया, जिसमें तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे.

संदिग्धों में से एक, मोहम्मद अबेदिनी को मिलान के मालपेन्सा एयर पोर्ट पर गिरफ्तार किया गया. यह गिरफ्तारी अमेरिकी प्रत्यर्पण वारंट पर हुई.

तीन दिन बाद, इल फोग्लियो दैनिक की एक इतालवी रिपोर्टर, सेसिलिया साला को तेहरान में हिरासत में लिया गया.

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने बताया कि वह 13 दिसंबर को पत्रकार वीजा पर देश में आई थी और उसे इस्लामिक गणराज्य के कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी राजदूत को गुरुवार को जब इतालवी विदेश मंत्रालय में बुलाया गया तो रोम और तेहरान ने अपने सार्वजनिक बयानों में दोनों मामलों का उल्लेख किया.

इससे पता चलता है कि ये मामले आपस में बहुत जुड़े हुए हैं, क्योंकि प्रत्येक देश अपने नागरिक की रिहाई चाहता है. दोनों का कहना है कि उनके हिरासत में लिए गए नागरिक पर गलत आरोप लगाया जा रहा है.

इटली में ईरानी दूतावास ने राजदूत मोहम्मदरेज़ा सबौरी और इतालवी विदेश मंत्रालय के महासचिव, रिकार्डो गुआरिग्लिया के बीच हुई बैठक को मैत्रीपूर्ण बताया.

लेकिन एक्स पर एक बयान में, दूतावास ने कहा कि अबेदिनी को 'झूठे आरोपों' में हिरासत में लिया गया है और उसकी रिहाई की मांग की. इस ट्वीट को अमेरिकी मामले पर तेहरान की पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है.

दूतावास ने जोर देकर कहा कि साला के साथ मानवीय व्यवहार किया जा रहा है, खासकर क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के मद्देनजर.

बयान में कहा गया, "इतालवी सरकार से यह अपेक्षा की जाती है कि हिरासत में लिए गए ईरानी नागरिक की रिहाई में तेजी लाने के अलावा, उसे उसकी ज़रूरत की चीज़ें भी मुहैया कराई जाएंगी."

वहीं अमेरिकी अभियोजकों का दावा है कि अबेदिनी की तेहरान स्थित कंपनी ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के सैन्य ड्रोन कार्यक्रम के लिए नेविगेशन सिस्टम बनाती है.

ईरान में 1979 के अमेरिकी दूतावास संकट के बाद से, [जिसमें दर्जनों अमेरिकी बंधकों ने तेहरान में 444 दिन कैद में बिताए], ईरान ने अक्सर पश्चिमी देशों से जुड़े कैदियों को बातचीत में सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल किया है.

मीडिया रिपोट्स के मुताबिक इतालवी टिप्पणीकारों का अनुमान है तेहरान साला को हिरासत में लेकर अबेदिनी की रिहाई चाहता है.

गुरुवार को ही इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी ने साला और अबेदिनी मामलों पर चर्चा करने के लिए इतालवी न्याय और विदेश मंत्रियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. उन्होंने साला की मां से अलग से मुलाकात की.

एक बयान में, मेलोनी के कार्यालय ने कहा कि सरकार ने साला की तत्काल रिहाई और इस बीच 'मानवीय गरिमा का सम्मान करने वाले व्यवहार' के लिए अपील को दोहराया.

अबेदिनी के संबंध में, सरकार ने फिर से पुष्टि की कि "इतालवी कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के अनुपालन में सभी को समान व्यवहार की गारंटी दी जाती है."

मीडिया की खबरों के मुताबिक इस पूरे मामले पर अभी तक अमेरिका का पक्ष सामने नहीं आया है.