पाकिस्तान में लटकी निर्वासन की तलवार, 170 अफगान शरणार्थियों को जर्मनी ने दी शरण

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-03-2025
Deportation looms in Pakistan, Germany gives asylum to 170 Afghan refugees
Deportation looms in Pakistan, Germany gives asylum to 170 Afghan refugees

 

बर्लिन. पाकिस्तान से 170 से अधिक अफगान नागिरकों को लेकर एक विमान जर्मनी के हनोवर एयर पोर्ट पर उतरा. यह अफगानों को फिर से बसाने की बर्लिन की कोशिशों का नतीजा है.  

अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने सभी अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने के लिए 31मार्च की समय सीमा तय की है.

जर्मन मीडिया आउटलेट बिल्ड ने जर्मन संघीय आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि गुरुवार को पहुंचे इस समूह में 82महिलाएं और 92पुरुष शामिल हैं. 74लोग 18वर्ष से कम उम्र के हैं. दो वर्ष से कम उम्र के नौ बच्चे भी शामिल हैं.

एक अफगान शरणार्थी ने कहा, "हम ग्यारह महीने तक पाकिस्तानी शरणार्थी शिविर में रहे. मेरी पत्नी को वकील के रूप में नौकरी के कारण तालिबान की ओर से धमकी दी गई थी. बारह घंटे की उड़ान के बाद जब विमान उतरा, तो मैं बहुत खुश और आभारी महसूस कर रहा था."

इससे पहले फरवरी में, 155अफगान नागरिक विमान से बर्लिन पहुंचे थे. उन्हें देश के 'संघीय स्वागत कार्यक्रम' के जरिए जर्मनी में प्रवेश की अनुमति दी गई.

जर्मन सरकार ने अफगानिस्तान में अपने दो दशक के मिशन के दौरान जर्मन सैन्य या नागरिक एजेंसियों के साथ काम करने वाले अफगानों की मदद के लिए 2021में प्रवेश कार्यक्रम शुरू किया था.

जर्मन सरकार के अनुसार, केवल उन शरणार्थियों को लाया जा रहा है जिनमें अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से विशेष खतरा है.

अगस्त 2021में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से, लगभग 36,000लोगों को स्वीकार किया गया है, जिन्हें संघीय सरकार ने 'विशेष रूप से जोखिम में' के रूप में वर्गीकृत किया था.

जर्मन मीडिया आउटलेट वेल्ट ने बताया कि जर्मनी में पुनर्वास के लिए स्वीकृत लगभग 2,800अफगान लोग अभी भी इस्लामाबाद में रह रहे हैं, और उनकी स्थिति लगातार निराशाजनक होती जा रही है.

वीजा तीन महीने के लिए वैध होता है और जर्मनी जाने की प्रक्रिया में काफी समय लगता है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने अफगान प्रवासियों के निर्वासन की समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है.

हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे अफगान शरणार्थियों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उन शरणार्थियों के निर्वासन को तत्काल रोकने की मांग की गई, जिनके पास अमेरिका में प्रवेश के लिए लंबित या स्वीकृत वीजा आवेदन हैं या जिन्होंने संयुक्त राज्य शरणार्थी प्रवेश कार्यक्रम (यूएसआरएपी) में रेफरल स्वीकार किए हैं.

इससे पहले, अमेरिका स्थित एक एडवोकेसी ग्रुप, ह्यूमन राइट्स वॉच ने अफगान शरणार्थियों को जबरन निर्वासित करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी.

ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा, "पाकिस्तानी अधिकारियों को अफगानों को घर वापस लौटने के लिए मजबूर करना तुरंत बंद कर देना चाहिए और निष्कासन का सामना कर रहे लोगों को सुरक्षा की मांग करने का अवसर देना चाहिए."

कई रिपोर्ट बताती हैं अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर उत्पीड़न और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है. कई अफगान शरणार्थियों का आरोप है कि वैध कानूनी दस्तावेज होने के बावजूद, उन्हें अवैध हिरासत, निर्वासन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.