अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर में 20 से अधिक देशों के रक्षा प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 15-01-2025
Defence representatives from over 20 countries received a grand welcome at BAPS Hindu Temple in Abu Dhabi
Defence representatives from over 20 countries received a grand welcome at BAPS Hindu Temple in Abu Dhabi

 

अबू धाबी. बीएपीएस हिंदू मंदिर ने नए साल की शुरुआत ‘एकता, विविधता और सौहार्द’ के अनोखे उत्सव के साथ की. इस अवसर पर 20 से अधिक देशों के रक्षा प्रतिनिधि, उनके परिवार और कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.

अबू धाबी के नेतृत्व और बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के प्रयासों से निर्मित यह मंदिर, एक साल से भी कम समय में दुनियाभर से दो मिलियन से अधिक लोगों को आकर्षित कर चुका है.

इस आयोजन का उद्देश्य सांस्कृतिक मेलजोल और आपसी समझ को बढ़ावा देना था. यहां विभिन्न देशों और संस्कृतियों के लोग एक साथ आए.

इस कार्यक्रम में भारत के अलावा बेल्जियम, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इटली, जापान, नीदरलैंड्स, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड सहित कई देशों के रक्षा प्रतिनिधि शामिल हुए. यह आयोजन मंदिर की सांस्कृतिक और मानवीय एकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

प्रतिनिधियों का पारंपरिक माला और गुलाब के फूलों से स्वागत किया गया. मंदिर के शांतिपूर्ण वातावरण में “वसुधैव कुटुंबकम” यानी संपूर्ण विश्व एक परिवार है, का संदेश गूंजा.

प्रतिनिधियों ने ‘प्रार्थना टीले’ पर पहुंचकर विश्व शांति और सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की. यह स्थान 1997 में एचएच प्रमुख स्वामी महाराज की ऐतिहासिक प्रार्थना का प्रतीक है. प्रतिनिधियों ने ‘फेयरी टेल’ नामक शो को भी देखा , जिसमें बीएपीएस हिंदू मंदिर की निर्माण यात्रा को दर्शाया गया है. यह शो चार दीवारों और फर्श पर 20 प्रोजेक्टर की मदद से चलता है. इसके बाद, प्रतिनिधियों ने चेक गणराज्य से लाए गए 6,500 साल पुराने ओक के पेड़ों को देखा और मंदिर की नक्काशी और वास्तुकला की प्रशंसा की.

मंदिर के प्रमुख ब्रह्मविहारिदास स्वामी ने इस अवसर पर कहा कि अबू धाबी में यह बीएपीएस हिंदू मंदिर भगवान और मानवता के प्रति हमारे प्रेम और वैश्विक शांति की हमारी आकांक्षा का प्रतीक है. उन्होंने जीवन के पवित्र महत्व पर जोर देते हुए कहा, "लोगों को जीतें, युद्ध नहीं करें. दिल से बोलें और अपने वादे निभाएं." उन्होंने सकारात्मक सोच को अपनाने और शांति व स्थिरता लाने की अपील की. इस तरह से उन्होंने तीन मुख्य बातों पर जोर दिया जिसमें मंदिर के संदेश में तीन मुख्य बातें हैं: सकारात्मक रहें, यही मंदिर का सार है. सौहार्दपूर्ण रहें क्योंकि यही मानवता का मूल संदेश है और दोस्त बनें.

इस अवसर पर कैप्टन हरप्रीत सिंह लूथरा ने धन्यवाद देते हुए भारत और यूएई की मित्रता को मजबूत करने में मंदिर की भूमिका की सराहना की.

इसके अलावा विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भी मंदिर की तारीफ की.

डेनमार्क के निकोलाई एबिल्डगार्ड ने कहा, "मैंने इस मंदिर का दौरा पूरी तरह से आनंद लिया. यहां से मेरी सबसे बड़ी सीख यह है कि सहिष्णुता को बढ़ावा देना चाहिए. मैं पहले कभी किसी ऐसी जगह नहीं गया, जहां इतनी सकारात्मक ऊर्जा और सहिष्णुता का माहौल हो. यह वास्तव में अद्भुत था."

कोरिया के ताइक यिओ ने कहा, "यहां आना मेरे लिए गर्व की बात है. यह एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहां अलग-अलग धर्मों का सामंजस्य देखने को मिलता है. मुझे लगता है कि आज मैंने इस हिंदू मंदिर में एक ‘आध्यात्मिक उड़ान’ का अनुभव किया."

जापान के ताकायुकी कुबो ने कहा, "हमारा अनुभव वाकई अद्भुत था. यहां के आयोजकों की गर्मजोशी ने हमारा दिल छू लिया. हमने यहां एकता और सद्भाव की गहरी भावना महसूस की, जो मंदिर की सच्ची आत्मा को दर्शाती है."

इटली के एंड्रिया रूसो ने कहा, "‘हॉर्मनी वॉल’ सभी को जोड़ने का प्रतीक है. इस मंदिर के अंदरूनी हिस्से में इटैलियन संगमरमर का इस्तेमाल हुआ है, जो मेरे लिए गर्व की बात है. ये सिर्फ पत्थर थे, लेकिन सुंदर नक्काशी ने इन्हें जीवन दिया."

स्विट्जरलैंड के सुसान स्टेनर ने कहा, "यह मंदिर की संरचना शानदार और भव्य है. इसके हर छोटी-छोटी डिजाइन में सामंजस्य झलकता है."

स्विट्जरलैंड की रीता रमिले ने कहा, "अपने बच्चे के जन्म के बाद मैं इस मंदिर में लगातार आती रहूंगी और यहां ध्यान लगाकर अपने मन को शांति देती रहूंगी."

प्रतिनिधियों ने शांति और सद्भाव के विचार साझा किए और उन चर्चा की. इसके बाद उन्होंने स्वयंसेवकों द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट प्रसादम - पारंपरिक भारतीय शाकाहारी भोजन का आनंद लिया.

अबु धाबी में स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर एक ऐतिहासिक पहल है, जो पारंपरिक भारतीय वास्तुकला को आधुनिक स्थायित्व प्रथाओं के साथ जोड़ती है. यह पूजा, शिक्षा और सामुदायिक सेवा के लिए एक स्थान के रूप में कार्य करता है. साथ ही यह सभी वर्गों के लोगों का स्वागत करता है ताकि वे शांति और एकता के सार्वभौमिक संदेश का अनुभव कर सकें.