बीजिंग. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार की प्रक्रिया में तेजी आई है. उनके मुताबिक पिछले साल कजान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक के बाद से सभी स्तरों पर सकारात्मक बातचीत हुई है.
बैठक के बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी 'महत्वपूर्ण सहमति को दोनों पक्षों की तरफ से ईमानदारी से लागू किया गया है.'
चीनी पक्ष की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "दोनों पक्षों को एक-दूसरे से मिलकर काम करना चाहिए, अधिक ठोस उपायों की तलाश करनी चाहिए, आपसी शक, अलगाव के बजाय आपसी समझ, समर्थन और उपलब्धि के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए."
इसमें कहा गया, "चीन-भारत संबंधों का सुधार और विकास दोनों देशों और उनके लोगों के मौलिक हितों के लिए जरूरी है, वैश्विक दक्षिण देशों के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के अनुकूल है."
अक्टूबर 2024 में कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को बताया था कि भारत-चीन संबंधों को यदि सकारात्मक दिशा में जाना है तो इन्हें तीन सिद्धांत - परस्पर विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता पर आधारित होना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक के बाद कहा, "हम पिछले चार वर्षों में भारत-चीन सीमा पर उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं. सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार हैं."
यह बैठक करीब पांच वर्षों में प्रतिनिधिमंडल स्तर पर पहली बैठक थी.