इस्लामाबाद. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान प्रांतों में सुरक्षा स्थिति लगातार खराब होती जा रही है, ऐसे में चीन ने एक बार फिर अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई है, जो वर्तमान में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे हैं.
बढ़ते खतरों के बीच, चीन में पाकिस्तान के राजदूत खलील हाशमी को दक्षिण चीन के हैनान प्रांत में आयोजित बोआओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) के वार्षिक सम्मेलन में अपने ‘सदाबहार मित्र’ को सुरक्षा स्थिति के बारे में समझाने के लिए बेताब प्रयास करते देखा गया.
हाशमी ने बोआओ में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे दोनों देश सूचना साझा करने, मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित करने के मामले में बहुत निकटता से काम करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पाकिस्तान में काम करने वाले चीनी नागरिक सुरक्षित हैं.’’
हाशमी ने स्वीकार किया कि यह ‘पाकिस्तान में एक जटिल सुरक्षा स्थिति’ है, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी ताकतों को ‘समाधान करने, उनका मुकाबला करने, उनका मुकाबला करने और उन्हें हराने’ की क्षमता है. पाकिस्तानी राजदूत ने कहा, ‘‘हम अपने चीनी मित्रों को अपने द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में सूचित करते रहते हैं, इसलिए यह एक प्रगति पर काम है.’’
बलूचिस्तान और केपी प्रांतों में विभिन्न हमलों में चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया है और उनकी हत्या की गई है, जहां उनके खिलाफ आतंकवादी हमले किए गए हैं. बीजिंग अपने नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर बहुत चिंतित है, खासकर अक्टूबर 2024 में कराची में एक आतंकी हमले में चीनी श्रमिकों को ले जा रहे एक काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद, जिसमें कम से कम दो चीनी इंजीनियर मारे गए और एक दर्जन अन्य घायल हो गए.
प्रतिबंधित आतंकवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने चीनी कर्मचारियों पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी में काम करते थे और जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक विस्फोट में निशाना बनाए गए थे. बोआओ में, पाकिस्तानी राजदूत ने सुरक्षा पर चीनी चिंताओं को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ करार दिया और इसे ‘राष्ट्रीय जिम्मेदारी’ बताया, साथ ही कहा कि इस्लामाबाद देश में चीनी श्रमिकों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है.
दूसरी ओर, बीएलए ने पाकिस्तान सरकार पर चीन के साथ मिलकर बलूचिस्तान के समृद्ध संसाधनों का दोहन करने का आरोप लगाया. बीएलए ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों, बलूचिस्तान में पंजाबियों और चीनी नागरिकों पर बड़े हमले किए हैं और बाहरी लोगों को बलूचिस्तान से बाहर निकालने की कसम खाई है.
पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि आतंकवादी समूह प्रांत के विकास को अवरुद्ध करके और क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को अपूरणीय क्षति पहुंचाकर अपना राज्य-विरोधी एजेंडा चला रहे हैं.