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चीन ने अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी शुल्क को नकारा, क्या है पूरा मामला?

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  arsla@awazthevoice.in | Date 28-04-2025
China rejects US tariffs on economy, what is the whole matter?
China rejects US tariffs on economy, what is the whole matter?

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 चीन के नेताओं ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध के संभावित प्रभाव को कमतर आंकते हुए कहा कि उनके पास नौकरियों की रक्षा करने और चीनी निर्यात पर उच्च शुल्क से होने वाले नुकसान को सीमित करने की क्षमता है.
 
सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन किए। इनमें की गईं बातों से प्रतीत होता है कि सरकार का मकसद कंपनियों तथा बेरोजगारों का समर्थन करना, आसान ऋण शर्तों और चीन से अमेरिकी आयात पर 145 प्रतिशत तक के शुल्क के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अन्य नीतियों के वादों के साथ विश्वास को बढ़ाना है.
 
पिछले सप्ताह चीन के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो की बैठक हुई थी. इसके बारे में विश्लेषकों ने कहा था कि बैठक में निर्यात में मंदी के बावजूद वृद्धि को पटरी पर बनाए रखने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया था. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की प्रमुख अर्थशास्त्री लुईस लू ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘ चीनी नीति निर्माता अत्यधिक सावधानी के साथ काम कर रहे हैं.’’ अमेरिका और चीन के नेता शी चिनफिंग के बीच यदि कोई बातचीत हुई है तो उसकी स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह शुल्क के मुद्दे पर चीनी सरकार के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं जबकि अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि वार्ता अभी शुरू होनी है.
 
देश की प्रमुख आर्थिक नियोजन एजेंसी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग (एनडीआरसी) के उप निदेशक झाओ शेनक्सिन ने कहा, ‘‘ वे हवा में बातें करते हैं, धमकाते हैं और अपनी बात से पलट जाते हैं. इससे हर किसी को एक बात और अधिक स्पष्ट रूप से समझ में आ जाती है कि तथाकथित जवाबी शुल्क ऐतिहासिक प्रवृत्तियों तथा आर्थिक कानूनों के विरुद्ध हैं. अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों व व्यवस्था को प्रभावित करते हैं और देशों के वैध अधिकारों तथा हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं.’’
 
मानव संसाधन एवं सामाजिक सुरक्षा उप मंत्री यू जियादोंग ने बीजिंग में संवाददाताओं को बताया कि पूर्ण एवं वस्तुनिष्ठ विश्लेषण से पता चलता है कि चीन की ‘‘रोजगार नीति सक्षम है.’’ यू ने कहा कि सरकार कंपनियों को उनके कर्मचारियों को बनाए रखने में मदद करने के लिए समर्थन बढ़ाएगी और बेरोजगारों के बीच उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहित करेगी. एनडीआरसी के उप निदेशक झाओ ने कहा कि अमेरिका से ऊर्जा आयात के बिना भी चीन का काम चला सकता है.
 
उन्होंने कहा, ‘‘ उद्यमों द्वारा अमेरिका से ऊर्जा आयात कम करने या बंद करने से हमारे देश की ऊर्जा आपूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.’’ केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर ज़ू लान ने कहा कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ऋण देने को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यकतानुसार ब्याज दरों में कटौती करेगा तथा आरक्षित निधि आवश्यकताओं में ढील देगा. ज़ू ने कहा, ‘‘ रोजगार, उद्यम, बाजार और अपेक्षाओं को स्थिर करने में मदद के लिए वृद्धिशील नीतियां सही समय पर पेश की जाएंगी.’’