ढाका. इस्लामाबाद और ढाका के बीच नई-नई नजदीकियों को लेकर बढ़ते तनाव के बीच, भारत में बांग्लादेश के पूर्व उप उच्चायुक्त, मशफी बिन्ते शम्स ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के बढ़ते संबंध भारत के लिए चिंता का विषय नहीं होने चाहिए. शम्स ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश का व्यापार भारत के साथ व्यापार से आगे नहीं निकलेगा, साथ ही उन्होंने कहा कि ढाका के नई दिल्ली के साथ लोगों के बीच मजबूत संबंध भी हैं, जिसे इस्लामाबाद कभी भी पीछे नहीं छोड़ सकता.
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों को लेकर भारत को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि चाहे कुछ भी हो जाए, पाकिस्तान के साथ व्यापार कभी भी भारत के साथ व्यापार से आगे नहीं निकलेगा.’’ पूर्व राजदूत ने कहा, ‘‘भारत के साथ हमारे रिश्ते, लोगों के बीच संबंध, सांस्कृतिक जुड़ाव, समानताएं, भाषा, भाषाई, ये सभी तरह की समानताएं, हमारे पड़ोसी भारत के साथ पाकिस्तान की तुलना में कहीं अधिक मजबूत हैं.’’
शम्स ने कहा कि बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ कई अनसुलझे मुद्दे हैं, जिसके कारण ढाका अभी भी इस्लामाबाद को खुले हाथों से स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर कुछ प्रतिबंध हैं, जिन्हें अब कम किया जा रहा है. शम्स ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत को पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि सबसे पहले, हमारे पास पाकिस्तान के साथ कई अनसुलझे मुद्दे हैं, जिन्हें अभी भी हल करने की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि हम अभी भी अपने दिल में पाकिस्तान को खुले हाथों से स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हां, वीजा के संबंध में कुछ प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं. हाल ही में कुछ व्यापारिक संबंध बढ़े हैं.’’
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सीधे शिपिंग लिंकेज पर चिंताओं पर विचार करते हुए शम्स ने कहा कि यह कोई हालिया घटनाक्रम नहीं है, बल्कि हसीना के शासनकाल में भी यह मौजूद था, क्योंकि इससे कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि भारत में सीधे शिपिंग लिंकेज को लेकर बहुत चिंता है, लेकिन यह कोई हालिया घटनाक्रम नहीं है. यहां तक कि जब शेख हसीना की सरकार थी, तब भी हम सीधे शिपिंग लिंकेज के लिए पाकिस्तानी पक्ष के साथ काम कर रहे थे, क्योंकि चटगाँव से दुबई और फिर दुबई से कराची जाने वाले जहाज का कोई मतलब नहीं बनता. आप जानते हैं, सीधे शिपिंग लिंकेज ने कई देशों के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया है, ताकि हम लागतों से बच सकें और व्यापार लागतों को कम कर सकें.’’