बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हिंसा की 44 घटनाएं सामने आई हैं: आधिकारिक बयान

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 19-01-2025
ISKCON Mandir in Bangladesh's Noakhali after the mob attack
ISKCON Mandir in Bangladesh's Noakhali after the mob attack

 

ढाका. पिछले साल 4 अगस्त से अब तक बांग्लादेश पुलिस को देश भर से 40 धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ की कुल 44 घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस विंग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इन घटनाओं में धार्मिक स्थलों और श्रद्धालुओं पर तोड़फोड़ और हमले, धार्मिक स्थलों की संपत्ति लूटना और धार्मिक स्थलों में आग लगाना शामिल है.

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने फिर से पुष्टि की कि सरकार धार्मिक स्थलों पर हमलों के प्रति ‘शून्य-सहिष्णुता की नीति’ रखती है और अधिकारियों को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

ढाका संभाग में सबसे अधिक 17 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि चटगाँव संभाग और मैमनसिंह संभाग में क्रमशः 10 और सात हमले की घटनाएं दर्ज की गई हैं. मैमनसिंह संभाग के अंतर्गत शेरपुर जिले में एक ही दरगाह पर चार हमले किए गए.

पुलिस के अनुसार, सभी 44 हमले की घटनाओं में कानूनी कार्रवाई की गई है. इन कार्रवाइयों में पीड़ित व्यक्तियों की शिकायत मिलने या पुलिस द्वारा स्वतः संज्ञान लेने पर विभिन्न पुलिस थानों में 15 नियमित मामले और 29 सामान्य डायरियाँ (जीडी) दर्ज करना शामिल है. उन आपराधिक मामलों में कुल 23 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. दो नियमित मामलों में पहले ही अदालत में आरोप पत्र प्रस्तुत किए जा चुके हैं. पुलिस ने कहा कि 13 अन्य नियमित मामलों और 29 सामान्य डायरियों में अभी जांच चल रही है.

बयान में कहा गया है, ‘‘पुलिस ने देश भर में पूजास्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उचित उपाय किए हैं. सभी पीड़ित व्यक्तियों से पुलिस में शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया गया है.’’

बांग्लादेश पुलिस ने कहा कि टकराव करने वाले पक्षों के साथ शांति बैठकें आयोजित करके स्थानीय स्तर पर मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाए गए हैं. सामुदायिक पुलिसिंग प्रयासों के माध्यम से आम लोगों और इस्लामी नेताओं की भागीदारी को बनाए रखते हुए, संवेदनशीलता कार्यक्रमों पर भी जोर दिया गया है.

बयान में कहा गया, ‘‘अंतरिम सरकार धार्मिक स्थलों पर किसी भी हमले के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति रखती है. सभी पुलिस इकाइयों को मामलों की सख्ती से जांच करने और हमले की घटनाओं में शामिल सभी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है. सरकार देश में प्रतिष्ठानों (मजारों और दरगाहों) की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है.’’