बांग्लादेश: प्रतिबंधित संगठन हिज्ब-उत तहरीर के 36 सदस्य गिरफ्तार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 09-03-2025
Bangladesh: 36 members of banned outfit Hizb-ut Tahrir arrested
Bangladesh: 36 members of banned outfit Hizb-ut Tahrir arrested

 

ढाका. मुख्य सलाहकार कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि शुक्रवार से बांग्लादेश में प्रतिबंधित हिज्ब-उत तहरीर समूह के 36 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. बयान में कहा गया है कि ‘‘उनमें समूह का एक प्रमुख आयोजक सैफुल इस्लाम भी शामिल है, जिसे 2009 में राज्य विरोधी अभियान के लिए प्रतिबंधित किया गया था.’’

इसमें कहा गया है कि ‘‘पुलिस ने ढाका में बैतुल मुकर्रम मस्जिद के बाहर प्रतिबंधित रैली में भाग लेने वाले समूह के सदस्यों की देशव्यापी तलाश शुरू कर दी है.’’

पुलिस महानिरीक्षक बहारुल आलम ने कहा, ‘‘हम रैली के वीडियो फुटेज का विश्लेषण कर रहे हैं. हमने एचटी के कई सदस्यों की पहचान की है, और उन्हें प्रतिबंधित संगठन के राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया जाएगा.’’ बयान में कहा गया है कि पुलिस ने समूह के सदस्यों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत कई मामले दर्ज किए हैं.

शुक्रवार को, अक्टूबर 2009 से बांग्लादेश में प्रतिबंधित एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हिज्ब उत-तहरीर ने ढाका में अपनी पहली खुली रैली की.

अपने हजारों सदस्यों के साथ, समूह ने शुक्रवार की नमाज के बाद बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के उत्तरी द्वार से रैली शुरू की. रैली का शीर्षक ष्खिलाफत के लिए मार्चष् था.

ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि ढाका में बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के पास पुलिस और प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों के बीच झड़प हुई. जुलूस को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन ने हस्तक्षेप किया, जिससे हिंसक झड़प हुई.

हिज्ब उत-तहरीर एक वैश्विक इस्लामी खिलाफत, या खिलाफत की स्थापना की वकालत करता है, जिसके बारे में उसका दावा है कि यह सभी मुस्लिम बहुल देशों को एक इस्लामी सरकार के तहत एकजुट करेगा.

इससे पहले फरवरी में ढाका विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर नजमुल अहसान कलीमुल्लाह ने माना था कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में इस्लामी समूहों को अधिक स्वतंत्रता मिली है. कलीमुल्लाह ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश में कई प्रतिबंधित इस्लामी संगठन सक्रिय हैं और यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस्लामवादी, सार्वजनिक क्षेत्र में बड़ी जगह बनाने में सफल रहे हैं. और बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने अपनी स्थिति मजबूत की है. हिफाजत-ए-इस्लाम आंदोलन मजबूत हुआ है. चारमोनी के पीर जैसी शख्सियतों ने प्रमुखता हासिल की है. यहां तक कि हिज्ब उत-तहरीर भी एक गैरकानूनी संगठन है, लेकिन वे दिखाई दे रहे हैं. वे पर्चे, पोस्टर लेकर आ रहे हैं और विभिन्न स्थानों पर वे अपने झंडे लहरा रहे हैं, वे सड़कों पर मार्च कर रहे हैं और यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर रहे हैं. इसलिए आधिकारिक तौर पर यह संगठन अब तक एक कानूनी इकाई नहीं है और उनके मीडिया समन्वयक सलाखों के पीछे हैं. इसलिए, आधिकारिक तौर पर प्रतिबंध अभी भी है लेकिन वास्तव में वे काम कर रहे हैं.’’

हिज्ब उत-तहरीर बांग्लादेश में एक प्रतिबंधित संगठन बना हुआ है, इसकी सभी गतिविधियों और प्रदर्शनों को अवैध माना जाता है.