ढाका. बांग्लादेश की आवामी लीग ने शेख हसीना के खिलाफ:झूठे मामलों’ और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के चल रहे उत्पीड़न के विरोध में आम हड़ताल और राष्ट्रव्यापी नाकेबंदी सहित कई राजनीतिक कार्यक्रमों की घोषणा की है.
पार्टी ने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर अपने आगामी विरोध कार्यक्रम और मांगों को रेखांकित किया, जिसमें जोर दिया गया कि अगर अधिकारियों ने उनकी गतिविधियों में बाधा डालने का प्रयास किया तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.
पार्टी के आधिकारिक बयान के अनुसार, कार्यक्रम इस प्रकार किए जाएंगेरू शनिवार, 1 फरवरी से बुधवार, 5 फरवरी तक, पार्टी के सदस्य पर्चे बांटेंगे, गुरुवार, 6 फरवरी को एक विरोध मार्च और रैली आयोजित की जाएगीय सोमवार, 10 फरवरी को दूसरी विरोध रैली निर्धारित है, रविवार, 16 फरवरी को पार्टी नाकेबंदी करेगीय और मंगलवार, 18 फरवरी को, पूरे देश में सुबह से शाम तक हड़ताल (आम हड़ताल) होगी.
अवामी लीग ने चेतावनी दी है कि, ‘‘अगर देश के लोगों के राजनीतिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को साकार करने के इन कार्यक्रमों में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न होती है, तो और भी सख्त कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी.’’
पार्टी का विरोध मुख्य रूप से शेख हसीना के खिलाफ कानूनी मामलों को वापस लेने की मांग पर केंद्रित है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ दायर ‘झूठा हत्या का मामला’ भी शामिल है. बयान में ‘अवैध और गैरकानूनी आईसीटी ट्रिब्यूनल’ में अन्य मामलों को खारिज करने और पार्टी द्वारा ‘हास्यास्पद मुकदमे’ के रूप में वर्णित मामले को समाप्त करने का भी आह्वान किया गया है.
इसके अतिरिक्त, अवामी लीग ने अपने आंदोलन को बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की प्रतिक्रिया के रूप में तैयार किया है, जिसमें विशेष रूप से ‘हिंदू-बौद्ध-ईसाई सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले और नरसंहार और विभिन्न धार्मिक स्थलों पर हमले और बर्बरता’ का संदर्भ दिया गया है.
पार्टी ने आगे मांग की है कि सरकार ‘हत्याओं को रोके’ और सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
5 अगस्त को शेख हसीना को सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से यह अवामी लीग का पहला बड़ा सड़क आंदोलन है. हालांकि, पार्टी को इन विरोध प्रदर्शनों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण तार्किक और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इसके कई नेता और कार्यकर्ता कानूनी कार्रवाई और लक्षित हमलों के डर से फिलहाल छिपे हुए हैं. बड़ी संख्या में इसके सदस्यों के फरार होने के कारण, घोषित प्रदर्शनों का पैमाना और प्रभावशीलता अनिश्चित बनी हुई है.