बंगबंधु का ऐतिहासिक घर खंडहर में तब्दील: बांग्लादेश में उथल-पुथल की नई लहर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-02-2025
Bangabandhu's historic house turns into ruins: New wave of turmoil in Bangladesh
Bangabandhu's historic house turns into ruins: New wave of turmoil in Bangladesh

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली/ ढाका

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान से जुड़े ऐतिहासिक स्थल धानमंडी नंबर 32 (बंगबंधु संग्रहालय) को छात्रों के एक उग्र गुट ने बुधवार रात तोड़फोड़ कर ध्वस्त कर दिया. इस घटना ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है. इस दौरान शेख हसीना के धानमंडी स्थित आवास 'सुधासदन' को भी आग के हवाले कर दिया गया.

यह ऐतिहासिक घर, जो बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और स्वतंत्रता आंदोलन का गवाह था, क्रेन, उत्खनन मशीन और बुलडोजरों के उपयोग से पूरी तरह ढहा दिया गया. तीन मंजिला इमारत का सिर्फ एक हिस्सा अब भी खड़ा है, जबकि आसपास की सभी संरचनाएँ मलबे में तब्दील हो गईं.

गुरुवार सुबह घटनास्थल पर टूटी हुई छत, लोहे की छड़ें और अन्य अवशेष बिखरे मिले. कुछ स्थानीय लोग मलबे से स्टील और लोहे के टुकड़े बटोरते देखे गए, जबकि कुछ लोग इमारत की गिरी हुई दीवारों को हथौड़े से तोड़ने में जुटे थे.
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रातभर चला विध्वंस, दिन में जारी रही गतिविधियाँ

बुधवार रात 8 बजे से लेकर तड़के 5:30 बजे तक यह विध्वंस कार्य चलता रहा. रात करीब 11 बजे क्रेन और खुदाई मशीनें बंगबंधु के घर के सामने लाकर खड़ी कर दी गईं, जिसके बाद विध्वंस की प्रक्रिया शुरू हुई। आधी रात के बाद दो और बुलडोजर मंगाए गए, जिन्होंने घर के साथ-साथ आसपास की अन्य इमारतों को भी गिराना शुरू कर दिया.

एक दिलचस्प पहलू यह भी रहा कि एक तरफ बंगबंधु के घर को ध्वस्त करने का कार्य चल रहा था, वहीं दूसरी ओर खुले मैदान में 'जुलाई विद्रोह' पर आधारित एक वृत्तचित्र प्रदर्शित किया जा रहा था. वहाँ मौजूद लोगों से घोषणा की गई – "जो लोग इस इमारत को गिराना चाहते हैं, वे आगे आएं और इसे गिरा दें."

गुस्साए छात्रों का आक्रोश और नारेबाजी

इस घटना के दौरान उग्र छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने 'दिल्ली हो या ढाका, अबू सईद-मुग्धा, जंग अभी खत्म नहीं हुई', 'सबसे कह दो, मुजीबाबाद को कब्र दे दो', 'नाराए तकबीर, अल्लाहु अकबर', 'जिया के सिपाहियों, एकजुट हो और लड़ो' जैसे नारे लगाए.जब मकान के भीतर तोड़फोड़ हो रही थी, तब बाहर खड़ी भीड़ इस पूरे घटनाक्रम को मोबाइल कैमरों में कैद कर रही थी.
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सुधासदन में आग और सरकारी निष्क्रियता

जब बंगबंधु स्मारक भवन में तोड़फोड़ की जा रही थी, उसी दौरान धानमंडी स्थित शेख हसीना के आवास 'सुधासदन' में भी आग लगा दी गई.. रात 10:30 से 11:15 के बीच कुछ युवकों ने बंद पड़े घर में घुसकर उसमें आग लगा दी.

गौरतलब है कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में छात्र विद्रोह शुरू हुआ था, जो सरकारी नौकरियों में कोटा सुधार पर भेदभाव के खिलाफ एक बड़े आंदोलन के रूप में उभरा। 5 अगस्त को ही बंगबंधु के मकान नंबर 32 में आग लगाई गई थी.
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सरकार के पतन के छह महीने पूरे, छात्र आंदोलन उग्र

संयोग से, यह घटना उस दिन घटी, जब बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के छह महीने पूरे हुए. इसी बीच, अवामी लीग ने अचानक घोषणा की कि शेख हसीना रात 9 बजे छात्र लीग के फेसबुक पेज पर वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करेंगी. यह घोषणा छात्रों के गुस्से को और भड़का गई.

भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, "आज रात बांग्लादेश फासीवाद के तीर्थ स्थल से मुक्त हो जाएगा."इससे पहले, कंटेंट क्रिएटर्स इलियास हुसैन और पिनाकी भट्टाचार्य ने फेसबुक पर 'धानमंडी 32 की ओर बुलडोजर जुलूस' की घोषणा की.

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा –"यह कार्यक्रम आज रात 9 बजे 24 के क्रांतिकारी छात्रों की पहल पर हत्यारी हसीना की बांग्लादेश विरोधी गतिविधियों का विरोध करने के लिए आयोजित किया जाएगा, जिसने हजारों छात्रों और जनता के खिलाफ नरसंहार किया और वहां से दिल्ली भाग गई."
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बंगबंधु की विरासत के इर्द-गिर्द बना नया इतिहास

बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम, मुक्ति आंदोलन और 1975 की दुखद घटनाओं के केंद्र में रहा मकान नंबर 32 2024 में एक बार फिर इतिहास का हिस्सा बन गया.बुधवार रात छात्रों और जनता ने बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा बदलने वाले इस स्थल को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया.
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शेख हसीना की सुरक्षा और भविष्य पर सवाल

जबकि शेख हसीना वर्तमान में भारत में हैं, इस घटना ने उनकी राजनीतिक विरासत, पार्टी और परिवार की सुरक्षा पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं.अब सवाल यह है कि बांग्लादेश की राजनीति इस घटनाक्रम के बाद किस दिशा में जाएगी? क्या यह देश में एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत है, या यह सिर्फ एक अस्थायी उथल-पुथल का संकेत है?आने वाले दिनों में बांग्लादेश में राजनीति का घटनाक्रम बेहद दिलचस्प रहने वाला है.