आवाज द वाॅयस/नई दिल्ली
अमेरिका ने अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है.सोमवार को 205 भारतीय नागरिकों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर के लिए रवाना हुआ.यह विमान सैन एंटोनियो से भारत के लिए उड़ान भरा.सूत्रों के अनुसार, इन प्रवासियों का सत्यापन करने के बाद उन्हें वापस भेजा गया और विमान के रास्ते में जर्मनी के रामस्टीन में ईंधन भरने का संभावना जताई जा रही है.
अमेरिकी दूतावास ने इस घटनाक्रम की पुष्टि नहीं की, लेकिन एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका अपनी सीमा पर निगरानी कड़ी कर रहा है. अप्रवास कानूनों को सख्त बना रहा है और अवैध प्रवासियों को हटा रहा है.प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य यह संदेश देना है कि अवैध प्रवास का कोई भविष्य नहीं है.
इंडिया टुडे की वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार,पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े निर्वासन अभियान की घोषणा की थी और अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने निर्वासन के लिए 1.5 मिलियन लोगों की सूची बनाई है, जिसमें लगभग 18,000 भारतीय नागरिक शामिल हैं.हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि इस उड़ान में कितने लोग शामिल थे.
प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, भारत से लगभग 725,000 अवैध प्रवासी अमेरिका में रहते हैं, जो मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है.ये भारतीय प्रवासी अमेरिका में अनिश्चितता और डर के बीच जीवन जी रहे हैं.
पिछले महीने, जब अमेरिका से निर्वासन की योजनाओं के बारे में सवाल किया गया था, तब भारत ने कहा था कि वह अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीयों की वैध वापसी के लिए हमेशा तैयार है.विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि अमेरिका से किसे वापस भेजा जा सकता है और वर्तमान में उन व्यक्तियों की संख्या तय नहीं की जा सकती है.
राष्ट्रपति ट्रम्प ने जनवरी में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस लेने के मामले में "सही कदम" उठाएंगे.यह बयान दोनों नेताओं के बीच एक फोन कॉल के बाद आया, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई थी.
पेंटागन ने अब तक 5,000 से अधिक प्रवासियों को निर्वासित करने के लिए उड़ानें शुरू की हैं, और सैन्य विमान ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास में प्रवासियों को भेज चुके हैं.