लंदन. भारतीय मूल की एक महिला के नेतृत्व में किए गए एक शोध के अनुसार, जिन महिलाओं को घरेलू दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है, उनमें अस्थमा सहित एटोपिक बीमारियों के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है. जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, रोगी रिकॉर्ड के विश्लेषण में पाया गया कि महिलाओं का एक बड़ा प्रतिशत वो था जिनको एटोपिक रोग थे और जिनका इतिहास घरेलू दुर्व्यवहार और हिंसा का रहा है.
ब्रिटेन के बमिर्ंघम विश्वविद्यालय के डॉ जोहत सिंह चंदन ने कहा, हमारे नतीजे बताते हैं कि घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार की पीड़ित महिलाओं में एटोपिक बीमारियों के विकास का जोखिम 52 प्रतिशत बढ़ जाता है. उन्होंने कहा, घरेलू हिंसा और दुर्व्यवहार एक वैश्विक मुद्दा है जो महिलाओं को प्रभावित करता है. हम घरेलू हिंसा के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में अपनी समझ को और गहरा करना चाहते हैं, इसलिए साक्ष्य-आधारित सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को न केवल घरेलू हिंसा को संबोधित करने के लिए विकसित किया जा सकता है, बल्कि एटोपिक रोगों पर भी ध्यान दिया जा सकता है.
शोधकर्ताओं की टीम ने यूके में एक अध्ययन किया, एक चिकित्सक के साथ वयस्क महिलाओं (18 वर्ष और उससे अधिक आयु) के साथ हुई घरेलू हिंसा को देखा और उनकी तुलना 18 वर्ष से अधिक उम्र की दूसरी महिलाओं से की जिनके साथ ये हिंसा नहीं हुई थी.
जिन महिलाओं में एटोपिक रोग पहले से थे उनको अध्ययन से बाहर रखा गया. कुल 13,852 महिलाओं की घरेलू हिंसा के संपर्क में आने के रूप में पहचान की गई और बिना हिंसा की शिकार 49,036 महिलाओं से उनका मिलान किया गया. स्टडी के मुताबिक, 13,852 महिलाओं में से 967 में एटोपिक रोग पाया गया, जबकि दूसरे समूह में यह संख्या 2,607/49,036 थी.