बरेली. महिला दिवस के अवसर पर, कार्यकर्ता निदा खान, जो ट्रिपल तलाक के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए जानी जाती हैं, ने पिछले दो दशकों में महिलाओं की स्थिति में हुए महत्वपूर्ण सुधारों पर विचार किया.
निदा खान ने कहा, ‘‘आज की महिलाएं बहुत मजबूत हैं और खुद के लिए बोल सकती हैं, जो कि पहले मुश्किल था. मुस्लिम समुदायों में प्रचलित ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम था. इस कानून ने महिलाओं को अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने में मदद की है.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘प्रशासन रिपोर्ट तक नहीं लिखता था. लेकिन अब माहौल बदल गया है. महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. महिलाओं की बात सुनी जा रही है. महिलाओं के लिए हेल्पलाइन चलाई जा रही हैं. महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है.’’
उन्होंने कहा कि जब से सरकार बदली है, महिलाओं की स्थिति सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं. पहले कई महिलाएं अपनी बात नहीं कह पाती थीं, क्योंकि पुलिस और प्रशासन उनका साथ नहीं देता था. अगर महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाती थीं, तो उन्हें घर में हिंसा का सामना करना पड़ता था और अधिकारी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेते थे. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं.
निदा खान का मानना है कि महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया गया है और माहौल बेहतर हुआ है, जिससे महिलाएं अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकती हैं और जरूरत पड़ने पर मदद मांग सकती हैं.
इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हर साल 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में देश भर की सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दीं.
राष्ट्रपति सचिवालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, मैं सभी बहनों और बेटियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं.’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिला शक्ति की उपलब्धियों और देश और समाज में उनके अद्वितीय योगदान का सम्मान करने का अवसर है. महिलाएं हमारे परिवार, समाज और राष्ट्र की नींव हैं. महिलाओं ने प्रतिकूलताओं और चुनौतियों का सामना करने के बावजूद विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक अपनी पहचान बनाई है.’’