वक्फ संशोधन विधेयक: बोर्ड सदस्य के रूप में महिलाओं को शामिल किया जाएगा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 29-01-2025
Waqf Amendment Bill: Women to be included as board members
Waqf Amendment Bill: Women to be included as board members

 

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को और सशक्त बनाया है, क्योंकि उन्हें वक्फ बोर्ड के सदस्य के रूप में भी शामिल किया गया है.

वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं - मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण और वक्फ प्रबंधन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य वक्फ बोर्ड (धारा 14) और केंद्रीय वक्फ परिषद (धारा 9) दोनों में दो मुस्लिम महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया जाना जारी रहेगा.

इसके अलावा, राज्य वक्फ बोर्ड में अब मुस्लिम ओबीसी समुदाय से एक सदस्य शामिल होगा, जिससे व्यापक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा (धारा 14).

सूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार अघाखानी और बोहरा समुदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्ड स्थापित कर सकती है, जिसमें उनकी अलग-अलग धार्मिक जरूरतों को ध्यान में रखा जाएगा (धारा 13).

इसमें आगे कहा गया है कि वक्फ अलल औलाद (पारिवारिक वक्फ) में महिलाओं के उत्तराधिकार अधिकारों की रक्षा की जाएगी.

इसमें कहा गया है, ‘‘वाकिफ संपत्ति तभी समर्पित कर सकता है, जब यह सुनिश्चित हो जाए कि महिला उत्तराधिकारियों को उनका उचित हिस्सा मिले (धारा 3ए(2).’’

एक अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान जो जोड़ा गया है, वह यह है कि उपयोगकर्ता द्वारा पंजीकृत वक्फ को वक्फ के रूप में मान्यता दी जाती रहेगी, सिवाय उन मामलों को छोड़कर जहां संपत्ति विवाद में है या सरकार के स्वामित्व में है (धारा 3(आर)).

इसमें यह भी कहा गया है कि सीमा अधिनियम इस अधिनियम के लागू होने से सभी वक्फ-संबंधित मामलों पर लागू होगा, जिससे समय पर समाधान सुनिश्चित होगा और लंबी मुकदमेबाजी को रोका जा सकेगा (धारा 107).

इसके अलावा, पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पूरे जीवन चक्र को स्वचालित करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वक्फ बोर्डों को छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्ति का विवरण केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड करना होगा. वक्फ न्यायाधिकरण मामले-दर-मामला आधार पर विस्तार दे सकता है.’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि किसी सरकारी संपत्ति पर वक्फ के रूप में दावा किया जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित कलेक्टर के पद से ऊपर का अधिकारी जांच करेगा. कानून के अनुसार जांच की जाएगी. रिपोर्ट जमा होने तक ऐसी सरकारी संपत्तियों को वक्फ नहीं माना जाएगा (धारा 3सी).

इसमें कहा गया है कि मुस्लिम ट्रस्ट जो वक्फ के समान कार्य करते हैं, लेकिन ट्रस्ट कानूनों द्वारा शासित होते हैं, उन्हें वक्फ अधिनियम, 1995 से बाहर रखा जाएगा, जिससे कानूनी विवादों को रोका जा सकेगा (धारा 2ए).

इसके अनुसार, वक्फ अलल औलाद से होने वाली आय का उपयोग विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथों की सहायता के लिए किया जा सकता है, यदि वक्फ द्वारा निर्दिष्ट किया गया हो (धारा 3(आर)(पअ)).

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, ‘‘ट्रिब्यूनल के निर्णयों की अंतिमता को हटा दिया गया है. कोई भी पीड़ित व्यक्ति अब ट्रिब्यूनल के निर्णय के नब्बे दिनों के भीतर उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है.’’

प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए, पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे.