ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली
पुरुष प्रधान देश में ज्यादातर महिलाएं पुरषों के अधीन है मगर अपने सपनों की उड़न भरने के लिए कुछ महिलाओं ने कमान अपने हाथ में भी ली. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सामने आया जहां नजमा ने अपने पति को खोने के बाद रोजी-रोटी कमाने के लिए ई-रिक्शा चालक बन गयीं.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में कई ई-रिक्शा चालक हैं. लेकिन आपने महिला ई-रिक्शा ड्राइवर के बारे में बहुत कम सुना होगा. लेकिन नजमा मुरादाबाद की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाती है. ताकि वे पैसे बचाकर आगे बढ़कर हज और उमरा कर सकें.
दरअसल, नजमा के पति की मौत साल 2010 में हो गई थी. पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं था क्योंकि पति ही घर का खर्च चलाते थे. बेटा भी वेल्डिंग का काम करता है. उसकी आमदनी भी इतनी नहीं है. इसलिए नजमा ने ई-रिक्शा चलाकर पैसे कमाने के बारे में सोचा. नजमा चाहती हैं कि वह हज और उमरा कर सकें.
नजमा दिन हो या रात ई-रिक्शा बुर्का पहनकर चलाती हैं. उन्हें रात में भी रिक्शा चलाने में कोई डर नहीं लगता. क्योंकि उन्हें यूपी पुलिस और योगी सरकार पर पूरा भरोसा है. नजमा ने कहा कि योगी राज में उन्हें रात में भी रिक्शा चलाने से डर नहीं लगता. पुलिसकर्मी भी हमेशा उनकी मदद करते हैं.
ई-रिक्शा चालक नजमा ने बुर्का पहनकर रिक्शा चलाती है. उनकी दिली ख्वाहिश हज और उमरा करने की है. लेकिन इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होती है. पैसा भी मेहनत से कमाना चाहिए. सिलाई के काम से ज्यादा आमदनी नहीं होती थी. इसलिए उन्होनें रिक्शा चलाना शुरू कर दिया. अब वह धीरे-धीरे पैसे जुटा रही हैं. उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी ये इच्छा जरूर पूरी होगी.
नजमा ने बताया कि मेरा बेटा रोजाना 400 से 500 रुपये कमाता है लेकिन खर्चा ज्यादा है. मैं पिछले 4 महीने से ई-रिक्शा चला रहा हूं. मैं प्रतिदिन 400 रुपये कमाता हूं. अब मैं दोनों की कमाई मिलाकर अपना गुजारा करता हूं और कुछ रुपये भी जोड़ लेता हूं. जब बजट बनेगा तो उमरा और हज करके लौटूंगा.' क्योंकि उमरा करने में 82 हजार रुपये और हज करने में 2.5 लाख रुपये का खर्च आता है. इसलिए पहले मैं उमरा करूंगा और अगर अल्लाह मुझे लंबी उम्र देगा तो मैं हज के लिए जाऊंगा.' इसलिए मैं एक साल के अंदर 82 हजार जोड़ना चाहता हूं.'
नजमा की यात्रा दृढ़ संकल्प की शक्ति और उन व्यक्तियों की अटूट भावना का प्रमाण है जो अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करते हैं, चाहे उन्हें कितनी भी बाधाओं का सामना करना पड़े. पीएम मोदी की आत्मनिर्भर भारत की पहल में नजमा ने भागीदारी की है.