आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के जामिया मिडिल स्कूल (जेएमएस) की प्रधानाध्यापिका नुसरत जहां को साइंस ओलंपियाड फाउंडेशन (एसओएफ) की अकादमिक परिषद द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु प्रतिष्ठित "बेस्ट डिस्ट्रिक्ट प्रिंसिपल अवार्ड" के लिए चुना गया. यह पुरस्कार शिक्षा क्षेत्र में नेतृत्व गुणों, छात्रों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, शिक्षा की दिशा में अभिनव और दूरदर्शी पहल के लिए दिया जाता है.
नुसरत जहां द्वारा इन सभी मापदंडों में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया और उनके द्वारा स्कूल के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार किया गया, इसलिए उन्हें यह पुरस्कार प्राप्त हुआ . श्रीमती जहां ने छात्रों में वैज्ञानिक और गणितीय योग्यता को बढ़ावा देने, उनकी जिज्ञासा और अधिगम के प्रति जुनून को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
एसओएफ जिसे वैज्ञानिक और गणितीय शिक्षा को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है .उसके द्वारा प्राप्त कई नामांकनों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया गया . श्रीमती नुसरत जहां को सर्वश्रेष्ठ प्रिंसिपल पुरस्कार हेतु योग्य उम्मीदवार के रूप में चुना गया.
एसओएफ-चयन समिति नुसरत जहां के असाधारण नेतृत्व कौशल, परिवर्तनकारी पहल एवं छात्रों और शिक्षकों पर उनके द्वारा किए गए सकारात्मक प्रभाव से बहुत प्रभावित हुई.इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने पर श्रीमती जहां ने एसओएफ को पुरस्कार देने के लिए धन्यवाद किया और जामिया मिडिल स्कूल के समर्पित शिक्षकों तथा उत्साही छात्रों की उत्कृष्टता की खोज हेतु प्रशंसा की.
नुसरत जहां के मार्गदर्शन और नेतृत्व में छात्रों ने ओलंपियाड में अच्छा प्रदर्शन किया . शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में 72 छात्रों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए. विश्व के 70 देशों के 1400 से अधिक शहरों के 79400 स्कूलों और लाखों छात्रों ने इस ओलंपियाड परीक्षा में भाग लिया. जामिया मिडिल स्कूल के छात्रों ने इसमें असाधारण प्रदर्शन किया.
नुसरत जहां सदैव छात्रों के हित में कार्य करने का लक्ष्य रखती हैं . वह एक समर्पित एवं अनुभवी शिक्षिका हैं. सैकड़ों छात्रों की सफलता के पीछे वह एक प्रेरक शक्ति रही हैं . उनके गहन ज्ञान, मिलनसारिता, स्नेही और आकर्षक व्यक्तित्व ने ही पुरस्कार जीतना संभव किया . एसओएफ की अकादमिक परिषद ने शिक्षा के क्षेत्र में जहां के योगदान की प्रशंसा की.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मोहम्मद शकील ने नुसरत जहां को इस उपलब्धि हेतु बधाई दी. जामिया मिडिल स्कूल की प्रधानाध्यापिका के रूप में उनके कार्यों की सराहना की, जो एक सह-शैक्षणिक संस्थान है जिसका इतिहास जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना के साथ जुड़ा हुआ है.