जैविक किसान पप्पम्मल के निधन पर राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी समेत कई राजनेताओं ने जताया दुख

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-09-2024
Narendra Modi pay respect to Pappammal
Narendra Modi pay respect to Pappammal

 

नई दिल्ली. पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और जैविक खेती की प्रचारक एम. पप्पम्मल (उर्फ रंगम्मल) का शुक्रवार रात 109 साल की उम्र में निधन हो गया. उनका निधन मेट्टुपलायम के पास थेक्कमपट्टी गांव में हुआ. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने दुख जताया है.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पप्पम्मल के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "आदरणीय पप्पम्मल जी के निधन के बारे में जानकर मुझे दुख हुआ है. उन्होंने अपने जीवन के 100 से अधिक वर्षों का अधिकांश हिस्सा जैविक खेती और संरक्षण प्रयासों को समर्पित किया. उन्हें उनके असाधारण योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने प्रकृति की देखभाल के हमारे सदियों पुराने ज्ञान को मूर्त रूप दिया और इसे व्यापक व्यावहारिक उपयोग में लाया. वह सभी के लिए प्रेरणा हैं. मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं."

पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट के जरिए पप्पम्मल के निधन पर शोक जताया. उन्होंने लिखा, "पप्पम्मल जी के निधन से बहुत दुख हुआ. उन्होंने कृषि, खासकर जैविक खेती में अपनी छाप छोड़ी. लोग उनकी विनम्रता और दयालु स्वभाव के लिए उनकी प्रशंसा करते थे. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं. ओम शांति"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दुख जताया है.  लिखा, "जैविक खेती की अग्रणी पप्पम्मल जी के निधन से गहरा दुख हुआ. पप्पम्मल जी ने जैविक खेती में बहुत योगदान दिया और मानवता की भलाई के लिए खुद को समर्पित कर दिया. उनका जीवन किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा. उनके परिवार के सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं. ओम शांति."

उल्लेखनीय है कि पप्पम्मल ने 100 की उम्र पार करने के बाद भी खेती करना नहीं छोड़ा था. वह अब भी गांव में अपनी 2.5 एकड़ जमीन पर काम करती थीं. सबसे खास बात यह है कि खेतों में ज्यादातर काम वह खुद ही करती थीं. हालांकि, जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती गई, उन्होंने श्रम करना कम कर दिया. वह हमेशा लोगों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करती रहीं. भारत सरकार ने जैविक खेती में उनकी भूमिका के लिए 2021 में उन्हें चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया था.

 

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