नई दिल्ली. दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपने अभिनय के अलावा अपनी बोल्डनेस के लिए भी जाने जाते हैं. चाहे राजनीति हो, फिल्म इंडस्ट्री हो या समाज से जुड़ा कोई भी मुद्दा, अभिनेता हमेशा बिना किसी झिझक के अपनी राय रखते हैं. कई बार उनके बयानों से हंगामा मच जाता है. इस बार उन्होंने मुख्यधारा की फिल्मों में दिखाए जाने वाले पुरुषत्व की आलोचना की है. अभिनेता ने उन बॉलीवुड फिल्मों पर निशाना साधा, जो अत्यधिक पुरुषत्व दिखाती हैं और महिलाओं का अपमान करती हैं.
दरअसल, केरल साहित्य महोत्सव में बातचीत के दौरान मलयालम अभिनेत्री पार्वोथी तिरुवुट्टू ने उनसे मुख्यधारा की फिल्मों में दिखाए जाने वाले पुरुषत्व के बारे में सवाल किया था. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी ‘बीमार’ फिल्मों की सफलता दरअसल उस समाज की स्थिति को दर्शाती है जिसमें हम रहते हैं. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए शाह ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह हमारे समाज का चेहरा है या यह हमारे समाज की कल्पना का प्रतिबिंब है.’’
यह डरावना है कि पुरुष वर्चस्व पर आधारित फिल्में हिट हो रही हैं, अभिनेता ने फिल्म महोत्सव में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऐसी फिल्में पुरुषों की गुप्त कल्पना को बढ़ावा देती हैं, जो अपने दिल में महिलाओं को तुच्छ समझते हैं. और ऐसी फिल्मों को आम दर्शकों द्वारा इतना पसंद किया जाना सचमुच डरावना है.’’ नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘‘यह बेहद डरावना है और यह हमारे देश में कई जगहों पर महिलाओं के साथ हो रही भयानक घटनाओं को दर्शाता है.’’
रणबीर कपूर की फिल्म श्जानवरश् 2023 में रिलीज हुई थी, जो बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी. लेकिन इस फिल्म में दिखाए गए पुरुष वर्चस्व की कड़ी आलोचना हुई. यह फिल्म संदीप वांग रेड्डी द्वारा बनाई गई थी. फिल्म ‘कबीर सिंह’ भी संदीप की ही फिल्म थी, जिसे पुरुष प्रधानता के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
इस कार्यक्रम में नसीरुद्दीन शाह ने यह भी माना कि उन्होंने अपने करियर में कुछ फिल्में सिर्फ पैसों के लिए कीं. उन्होंने कहा कि यह सच है कि मैंने अपने करियर में कुछ ऐसी फिल्में की हैं जो सिर्फ पैसे के लिए थीं. मुझे नहीं लगता कि किसी को भी पैसे के लिए काम करने में शर्म आनी चाहिए, क्योंकि हम सभी ऐसा करते हैं. लेकिन ये वो बातें हैं जिनका मुझे अफसोस है. सौभाग्यवश, लोग आपके बुरे कर्मों को याद नहीं रखते. एक अभिनेता के रूप में, वे केवल आपके द्वारा किये गए अच्छे कार्यों को ही याद रखते हैं.