पाकिस्तान में भुखमरी का आलम, 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिक, कई महिलाएं प्रसव में मर जाती हैं

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-08-2024
Anemia women in Pakistan
Anemia women in Pakistan

 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान स्थित डॉन ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान में 41 प्रतिशत से अधिक महिलाएँ एनीमिया से पीड़ित हैं, जिनमें से 14.4 प्रतिशत कम वजन की हैं और 24 प्रतिशत अधिक वजन की हैं. मातृ पोषण इतना अपर्याप्त है कि हर 100,000 जीवित जन्मों में 186 महिलाएँ मर जाती हैं.

घटिया स्तनपान के कारण हर साल स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर से 2,000 मातृ मृत्यु और टाइप टू मधुमेह से 1,100 मौतें होती हैं. पाकिस्तान में हर साल कम वजन के जन्म के 1.4 मिलियन मामले भी सामने आते हैं.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूट्रिशन इंटरनेशनल द्वारा विकसित श्कॉस्ट ऑफ इनएक्शन टूलश् शीर्षक वाली यह रिपोर्ट पाकिस्तान के भुरबन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय (एनएचएस) द्वारा आयोजित ‘मातृ पोषण के आर्थिक मामले पर राष्ट्रीय नीति वार्ता’ में प्रस्तुत की गई.

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान को कुपोषण के कारण हर साल 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है, जो वैश्विक आय का लगभग 1 प्रतिशत है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में हर साल गर्भवती माताओं में एनीमिया के 918,154 मामले सामने आते हैं. आठ दक्षिण एशियाई देशों में किशोरियों और महिलाओं में एनीमिया के मामले में यह देश चौथे स्थान पर है और 201 देशों में वैश्विक स्तर पर 35वें स्थान पर है.

इसके अलावा, अपर्याप्त स्तनपान के परिणामस्वरूप 28 बिलियन अमरीकी डॉलर का आर्थिक बोझ पड़ता है, जो डायरिया के 6.9 मिलियन मामलों, बचपन में मोटापे के 19,000 मामलों, डायरिया और निमोनिया से 30,525 बच्चों की मौत और स्तन और डिम्बग्रंथि के कैंसर और टाइप टू मधुमेह से 3,196 माताओं की मृत्यु के कारण होता है.

इससे पहले, पाकिस्तान नेशनल क्लस्टर की रिपोर्टों ने गंभीर कुपोषण संकट को उजागर किया है, जो लाखों पाकिस्तानियों, विशेष रूप से बच्चों की पोषण स्थिति की भयावह तस्वीर पेश करता है. रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि पाकिस्तान अपने इतिहास में कुपोषण की सबसे अधिक दरों का सामना कर रहा है, जो आर्थिक कठिनाई, खाद्य असुरक्षा, सीमित स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु और पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे कारकों से प्रेरित है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में स्थिति काफी गंभीर है.

 

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