मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
इस्लाम के सामाजिक न्याय और समाज के गरीब तबके की मदद के माध्यम से उन्हें समानता दिलाने के विचार का जो उदाहरण पैगंबर मोहम्मद (स.) ने पेश किया है, वह हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. उनका जीवन केवल मुसलमानों के लिए ही नहीं बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए एक संदेश है.
अपने त्याग, धैर्य, साहस और सहनशीलता में वे एक मिसाल हैं. लेकिन दुःख की बात है कि मुसलमानों ने पैगंबर के संदेशों को अपनाने में कमी कर दी है, जिससे समाज में समस्याएं बढ़ी हैं। यह विचार एएमयू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. तारिक सिद्दीकी ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में वतन समाचार द्वारा आयोजित "सीरत कॉन्फ्रेंस: मोहब्बत का पैगाम इंसानियत" में साझा किए.
ज़कात से समाज में समानता
इस्लाम में जकात का उद्देश्य केवल दान देना नहीं, बल्कि गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना है. जकात का असल मकसद समाज में समानता लाना है. डॉ. सिद्दीकी के अनुसार, जिस दिन यह लक्ष्य पूरा हो जाएगा, उस दिन से समाज में लूट, डकैती और ईर्ष्या जैसी बुराइयाँ खत्म हो जाएँगी। पैगंबर मुहम्मद (स.) अपने समाज के सभी लोगों से प्रेम और करुणा का व्यवहार करते थे, जिससे समाज में एकजुटता बनी रहती थी.
समानता और न्याय पर इस्लामी शिक्षाएं
डॉ. सैयद अहमद खान, ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव ने भी अपने संबोधन में पैगंबर के जीवन का अनुसरण करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को चाहिए कि वे पैगंबर की जीवनी से प्रेरणा लें और उसे अपने जीवन में अपनाएं। इससे उन्हें सफलता प्राप्त होगी और समाज में भी सकारात्मक बदलाव आएगा.
भारतीय खाद्य एवं कृषि चैंबर के चेयरमैन डॉ. एमजे खान ने इस अवसर पर भारत की आर्थिक उन्नति पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि जल्द ही भारत विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरेगा.
पैगंबर मुहम्मद का जीवन सभी के लिए प्रेरणादायक
मुफ्ती मोहम्मद किताबुद्दीन ने इस अवसर पर कहा कि पैगंबर मोहम्मद (स.) का जीवन हर इंसान के लिए आदर्श है. उन्होंने मानवता के प्रति प्रेम और दया का संदेश दिया. उनकी शिक्षाओं ने मानवता को उन्नति का मार्ग दिखाया और समाज में सहिष्णुता और भाईचारे को बढ़ावा दिया.
गैर-मुसलमानों के प्रति दया और सहिष्णुता
पैगंबर मोहम्मद (स.) ने न केवल मुसलमानों को बल्कि गैर-मुसलमानों के साथ भी सद्भावना से पेश आने का संदेश दिया. उन्होंने दिखाया कि चाहे कोई मेहमान हो या पड़ोसी, उनके साथ प्रेम और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने समाज की जिम्मेदारी को समझाया कि सभी नागरिकों की सुरक्षा, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, सुनिश्चित की जाए.
सम्मान समारोह और पुस्तक विमोचन
इस अवसर पर एक नई पुस्तक का विमोचन किया गया और कई हस्तियों को "वतन के रत्न अवार्ड 2024" से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन पत्रकार मोहम्मद अहमद ने किया.पैगंबर का जीवन और उनकी शिक्षाएं आज के दौर में भी इंसानियत के लिए एक अनमोल पैगाम हैं, जिसे अपनाकर दुनिया में अमन और भाईचारे का माहौल बनाया जा सकता है.