95 वर्षीय साबित्री माझी ने गांव की खेल विरासत को जीवित रखने के लिए दान की पांच एकड़ जमीन

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 28-03-2025
95-year-old Savitri Majhi donated five acres of land to keep the village's sports heritage alive
95-year-old Savitri Majhi donated five acres of land to keep the village's sports heritage alive

 

मयंक भूषण पाणि, दानिस रॉय/ नुआपाड़ा

ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के छोटे से गांव सिंगजर में खेलों की एक समृद्ध परंपरा रही है. यह गांव दशकों से विभिन्न खेल आयोजनों का केंद्र रहा है, लेकिन अब तक यहां कोई समर्पित खेल मैदान नहीं था.

अब, 95 वर्षीय साबित्री माझी के एक ऐतिहासिक निर्णय ने इस स्थिति को बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। उन्होंने अपनी पुश्तैनी पांच एकड़ जमीन मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए दान कर दी है.

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खेलों की धरोहर और मैदान की कमी

सिंगजर गांव जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है और यह पिछले पांच दशकों से कई खेल आयोजनों की मेजबानी करता रहा है. यहां हर साल लोकप्रिय अंतर-राज्यीय बुधराजा कप क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित होता है, जिसमें रायपुर, बिलासपुर, कटक, भुवनेश्वर और पड़ोसी झारखंड की टीमें भाग लेती हैं.. इसके अलावा, गांव में फुटबॉल और कबड्डी टूर्नामेंट भी होते हैं.

odishaहालांकि, गांव में कोई स्थायी खेल मैदान नहीं था। ग्रामीणों को टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए निजी या सरकारी भूमि का अस्थायी रूप से उपयोग करना पड़ता था.

हर वर्ष ग्रामीण जिला प्रशासन से एक स्थायी खेल मैदान के लिए अनुरोध करते, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका.

आखिरकार, जब गांव के युवाओं ने साबित्री माझी से इस समस्या के समाधान के लिए अनुरोध किया, तो उन्होंने खेलों के प्रति अपने प्रेम और सामाजिक सेवा की अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए, बिना किसी संकोच के पांच एकड़ जमीन दान कर दी.

साबित्री माझी की उदारता की परंपरा

साबित्री माझी और उनके दिवंगत पति नीलांबर माझी हमेशा से परोपकार के लिए जाने जाते रहे हैं. जब नीलांबर माझी जीवित थे, तब उन्होंने और उनकी पत्नी ने गांव में स्कूल, हाई स्कूल और मंदिर के निर्माण के लिए अपनी जमीन दान की थी.

साबित्री का मानना है कि खेलों की परंपरा गांव की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और इसे बनाए रखना जरूरी है.

"जब से मैं इस गांव में शादी के बाद आई, मैंने ग्रामीणों में खेलों के प्रति गहरे जुनून को देखा है. यह वर्षों में एक पीढ़ीगत परंपरा बन गई है. इसे आगे बढ़ाने के लिए, मैंने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी जमीन दान करने का निर्णय लिया,"साबित्री माझी

उनके इस निस्वार्थ कार्य को उनके 10 बच्चों का भी पूरा समर्थन मिला. मूल रूप से कालाहांडी जिले की निवासी साबित्री की शादी सिंगजर के गौंटिया परिवार में हुई थी, जो परोपकारी कार्यों के लिए जाना जाता था.

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प्रशासन की प्रतिक्रिया और मिनी स्टेडियम का निर्माण

साबित्री माझी के इस योगदान की सराहना करते हुए, नुआपाड़ा के कलेक्टर मधुसूदन दास ने हाल ही में उनके घर जाकर उनका आभार व्यक्त किया.

उन्होंने घोषणा की कि उनके द्वारा दान की गई जमीन पर एक मिनी स्टेडियम बनाया जाएगा..

"हमने तहसीलदार को निर्देश दिया है कि इस उद्देश्य के लिए भूखंड के आसपास अतिरिक्त पांच एकड़ सरकारी जमीन की पहचान करें. यदि हमें अतिरिक्त भूमि मिलती है, तो हम एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सरकार को मंजूरी के लिए भेजेंगे. अन्यथा, हम उपलब्ध भूमि पर ही कार्य आगे बढ़ाएंगे.."कलेक्टर मधुसूदन दास

खेल विभाग की अगली कार्रवाई

अब खेल विभाग के अधिकारी जल्द ही साइट का निरीक्षण करेंगे और स्टेडियम के निर्माण कार्य को गति देने के लिए योजना तैयार करेंगे.

यदि सरकार की ओर से अतिरिक्त सहयोग प्राप्त होता है, तो यह मिनी स्टेडियम एक पूर्ण विकसित खेल परिसर में तब्दील हो सकता है.

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 खेलों को समर्पित एक अनुकरणीय पहल

साबित्री माझी का यह निःस्वार्थ कार्य सिंगजर गांव ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल बन सकता है. उन्होंने यह साबित कर दिया कि खेलों के प्रति प्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी का संगम कैसे एक समुदाय के भविष्य को संवार सकता है.

उनके इस योगदान से न केवल गांव के युवा खिलाड़ियों को एक स्थायी खेल मैदान मिलेगा, बल्कि इससे आने वाली पीढ़ियों को खेलों की ओर प्रेरित करने में भी मदद मिलेगी.