जब भारी बर्फबारी में कश्मीरियों ने खोल दिए घर और मस्जिद के दरवाजे

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-01-2025
When Kashmiris opened the doors of their houses and mosques during heavy snowfall
When Kashmiris opened the doors of their houses and mosques during heavy snowfall

 

आवाज द वाॅयस / श्रीनगर

कश्मीर घाटी में भारी बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लेकिन इस बीच कश्मीरियों ने अपनी पारंपरिक मेहमाननवाज़ी और इंसानियत का जो प्रदर्शन किया, वह दिल को छू लेने वाला है. श्रीनगर-सोनमर्ग राजमार्ग पर गुंड क्षेत्र के स्थानीय निवासियों ने बर्फबारी में फंसे पर्यटकों के लिए अपने घरों और मस्जिदों के दरवाज़े खोल दिए, जिससे न केवल उनकी जान बची, बल्कि कश्मीर की संस्कृति और मानवीय मूल्यों की भी झलक मिली.

बताते हैं शुक्रवार को सोनमर्ग से लौटते समय पंजाब के लगभग एक दर्जन पर्यटक बर्फबारी के कारण फंस गए. उनके वाहन फिसलन भरी सड़कों पर चलने में असमर्थ हो गए, और आस-पास कोई होटल उपलब्ध न होने की स्थिति में स्थानीय लोगों ने गुंड की जामिया मस्जिद के दरवाज़े खोल दिए.मस्जिद दस किलोमीटर दूर है गगनगीर से जहां अक्टूबर 2024 में आतंकवादियों ने हमले कर छह लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जिसमें पांच बाहरी और एक स्थानीय नागरिक थे.


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मस्जिद में आरोम करते मर्द


मस्जिद के प्रबंधन समिति के सदस्य बशीर अहमद ने बताया, "मस्जिद में हमाम (हीटिंग सिस्टम) की सुविधा है, जो पूरी रात गर्म रहती है. यह फंसे हुए पर्यटकों को ठहराने का सबसे अच्छा उपाय था."

गाँव वालों का सहयोग और संवेदनशीलता

जामिया मस्जिद के अलावा स्थानीय लोगों ने भी अपने घरों में महिलाओं और बच्चों को ठहराने का प्रबंध किया.. सिविल सोसाइटी तहसील गुंड के अध्यक्ष इरफ़ान रैना ने बताया कि गुंड और आस-पास के गाँवों में करीब 1,000 पर्यटकों को आश्रय दिया गया. उन्होंने कहा, "महिलाओं और बच्चों को घरों में ठहराया गया, जबकि पुरुषों के लिए मस्जिद का प्रबंध किया गया. सभी को भोजन और गर्म पानी भी उपलब्ध कराया गया."
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पर्यटकों ने व्यक्त किया आभार

मस्जिद और घरों में रात बिताने वाले पर्यटकों ने स्थानीय निवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया. एक पर्यटक ने कहा, "हम बर्फ में फंसे थे. स्थानीय लोगों ने हमारी मदद की. हम उनके इस सहयोग और दयालुता के लिए बहुत आभारी हैं.

एक अन्य पर्यटक ने कहा, "कश्मीर में हर कोई दयालु है. यहाँ आना सुरक्षित है. हमें कश्मीरी मेहमाननवाज़ी का अनुभव करना चाहिए."

प्रशंसा और समर्थन

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने इस मानवीय कदम की सराहना करते हुए कहा, "भारी बर्फबारी के बीच फंसे पर्यटकों के लिए कश्मीरियों द्वारा अपने मस्जिद और घर खोलना हमारे समाज की पुरानी परंपरा और गर्मजोशी को दर्शाता है."
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श्रीनगर और अन्य हिस्सों में शुक्रवार से शुरू हुई बर्फबारी ने घाटी के कई इलाकों में जनजीवन को बाधित कर दिया. श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है.

श्रीनगर हवाई अड्डे से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. बर्फबारी ने वाहनों की आवाजाही मुश्किल कर दी है, जिससे कई लोग फंसे हुए हैं..

कश्मीर के मौसम विभाग के निदेशक मुख्तार अहमद ने इस बर्फबारी को अप्रत्याशित बताया.

उन्होंने इसे पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) का परिणाम कहा और अगले कुछ दिनों में मौसम सुधार की संभावना जताई.

कश्मीरी संस्कृति की झलक

जब पर्यटकों ने शोसल मीडिया पर मस्जिद और घरों में पुरूष और महिलाओं को ठहराए जाने का वीडियो शेयर किया तब लोगों को इस बारे में जानकारी मिली

कश्मीरियों द्वारा दिखाए गए इस मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार ने घाटी के प्रति विश्वास को और मजबूत किया है. यह घटना इस बात की गवाही देती है कि कठिन परिस्थितियों में भी कश्मीर की मेहमाननवाज़ी और मानवता जीवित है.

इस घटना ने बर्फबारी में फंसे पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाया, जो न केवल उनकी मुश्किल घड़ी में मददगार रहा, बल्कि कश्मीर के प्रति उनके दृष्टिकोण को भी सकारात्मक बनाया.पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती और खुर्शीद आलम का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है. सर्दियों में अक्सर पर्यटक बर्फबारी में फंस जाते हैं और स्थानीय लोग उनकी सेवा करते हैं.