सेराज अनवर/पटना
जमात ए इस्लामी बिहार सामाजिक सद्भाव और साम्प्रदायिक सौहार्द्र स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है.इस मुस्लिम संगठन की चिंता कि कैसे समाज में संवाद स्थापित किया जाये .हिन्दू-मुस्लिम मिल कर अमन के साथ ख़ुशहाल भारत का निर्माण कर सकें.देश का यह पहला संगठन है जिसने सरकार के पांच वर्षीय योजना की तर्ज़ पर चार वर्षीय का एलान किया है.
मीडिया मीट में इसकी रूपरेखा प्रस्तुत किया गया.इस्लामी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के साथ सामाजिक सौहार्द के क्षेत्र में हमारी क्या योजनाएं हैं,इस योजना के तहत पंचायत से लेकर प्रदेश स्तर पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र, शिक्षा,महिलाओं एवं बच्चों का विकास और युवाओं की आर्थिक उन्नति की दिशा में ठोस कदम उठाया जायेगा.
इसके अलावा अंतरधार्मिक संवाद का भी कार्यक्रम है.‘धार्मिक जन मोर्चा’द्वारा इस्लाम और मुसलमानों के बारे में एक वर्ग में पाई जाने वाली कई तरह की गलतफहमियां दूर की जायेंगी. नफ़रत को पाटने का काम किया जायेगा.
क्या है योजना ?
जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द की योजनाओं में कुछ खास काम हैं. जमाअत-ए-इस्लामी का प्रयास होगा कि देश और समाज में शांति एवं न्याय की स्थापना हो,दंगा-फसाद, ऊंच-नीच तथा भेदभाव दूर हो.तमाम नागरिकों के बीच गहरे संबंध स्थापित हों.विभिन्न सम्प्रदायों के मिले-जुले कार्यक्रम किए जाएं,जिनके शीर्षक इस प्रकार हो सकते हैं.
-क) युवाओं में नशे की लत.
-ख)महिलाओं के खिलाफ अपराध.
-ग) मानवता को सम्मान
-घ) अश्लीलता और नग्नता.
इसके अलावा अंतर धार्मिक संवाद के कार्यक्रम रखे जाएंगे. समाज सुधार से संबंधित देशव्यापी मुहिम बिहार में चलाई जाएगी.पटना,गया,मुज़फ़्फ़रपुर, दरभंगा और अररिया में स्वास्थ्य मार्गदर्शन कोषांग स्थापित किए जाएंगे .
स्वास्थ्य क्षेत्र में चिकित्सकीय मार्गदर्शन के अलावा सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने के संबंध में मार्गदर्शन व मदद का काम अंजाम देंगे.जमाअत की तमाम इकाइयों में ग़रीब व ज़रूरतमंद व्यक्तियों और तलाक़शुदा व बेसहारा महिलाओं की मदद की जाएगी.
उन्हें अपने पैरों पर खड़ा किया जाएगा.सामूहिक जनसेवा के काम बिना किसी भेद-भाव के अंजाम दिए जाएंगे.प्रदेश के चुनिंदा स्थानों पर आपात परिस्थितियों (आपदा, बाढ़, आगज़नी) से निपटने के लिए वॉलंटियरों के समूह गठित किए जाएंगे.स्किल डिवेलप्मेंट के लिए विभिन्न स्तरों पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा.वक़्फ़ की जायदादों को छुड़ाने, उनके विकास और उनकी आमदनी के सही उपयोग के लिए एक सेल बनाया जाएगा.
साम्प्रदायिक एकता पर ज़ोर
साम्प्रदायिक एकता के लिए संयुक्त मंच की स्थापना की जाएगी.डॉक्टरों के संगठन को मजबूत किया जाएगा.प्रदेश स्तर पर ‘सर्वधर्म मंच’ और स्थानीय स्तर पर सद्भावना मंच की स्थापना और स्थायित्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.स्थानीय स्तर पर साम्पद्रयिक सद्भाव और बेहतर तालमेल के लिए युवाओं के ज़्यादा से ज़्यादा फ़ोरम बनाए जाएंगे.
महिला विभाग द्वारा पटना, मुज़फ़्फ़रपरु, दरभंगा, मोतिहारी, अररिया, गया, सहरसा, फ़ारबिसगंज और सुपौल में सद्भावना मंच की स्थापना की जाएगी. स्थानीय स्तर पर साम्पद्रयिक सद्भाव और बेहतर तालमेल के लिए युवाओं के ज़्यादा से ज़्यादा फ़ोरम बनाए जाएंगे.
तीन दिवसीय पर्यावरण अभियान चलाया जाएगा और वृक्षारोपण किया जाएगा.ब्याज रहित बैंकिंग और इस्लामी अर्थव्यवस्था के विषय पर बड़ी जमाअतों में लेक्चर और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.भारतीय समाज की प्रमुख सामाजिक समस्याओं (ऊंच-नीच, पक्षपात, अश्लीलता, बेगुनाहों की हत्या, लड़कियों की हक़मारी) पर चुनिंदा बड़ी जमाअतों में महिला विभाग के सहयोग से विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे.
सिविल सर्विसेज, क़ानून, मीडिया, अर्थव्यवस्था, राजनीतिक-सामाजिक, सांख्यिकी, डेटा साइंस, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शिक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के लिए गाइडेंस और काउंसिलिंग के काम अंजाम दिए जाएंगे.
विभिन्न स्कॉलरशिप स्कीमों के संबंध में छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाएगा.खेल-कूद प्रतियोगिता और शैक्षणिक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जिससे बच्चों में परोपकारी कार्यों में प्रतियोगी स्पर्द्धा पैदा हो सके.प्रदेश में बौद्धिक और शोध के वातावरण को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा.
क्या कहते हैं मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही?
State President of Jamaat-e-Islami (Hind) Bihar Maulana Rizwan Ahmad Islahi ने कहा कि जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द बिहार ने वर्ष 2023-27 के लिए सावधिक योजना तैयार की है.जिसपर मिशन मोड में काम किया जाएगा.
योजना में सोच में परिवर्तन पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है. इस्लाम के प्रति नकारात्मक सोच में परिवर्तन लाने में पत्रकार बंधुओं की अहम भूमिका होगी.उन्होंने कहा कि इस्लाम और मुसलमानों के बारे में एक वर्ग में कई तरह की गलतफहमियां पाई जाती हैं.
इन गलतफहमियों और नफरत को दूर करने के लिए ‘धार्मिक जन मोर्चा’ की सक्रियता बढ़ाई जाएगी. धार्मिक जन मोर्चा में सारे धर्मों के धर्मगुरु शामिल हैं. जमाअत के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सावधिक योजना के तहत बिना किसी भेदभाव के तमाम नागरिकों की सेवा की जाएगी.
जमाअत के कैडर में बढ़ोतरी पर विशष रूप से ध्यान दिया जाएगा.देश और सम्प्रदाय विशेष के मुद्दों को टेकअप किया जाएगा. शैक्षिक संस्थाओं की स्थापना शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाकर अल्पसंख्यकों के शैक्षिक विकास पर ध्यान दिया जाएगा.
बच्चों का नैतिक और बौद्धिक रूप से पोषण किया जाएगा.मीडिया मीट में डा. सैयद शहबाज आलम, राशिद अहमद, इर्शादुलहक, जावेद अखतर, अनवारुलहोदा, इमरान सगीर, खालिद रशीद, खुर्शीद आलम, शाबान अतीकुर्रहमान, इम्तियाज करीम, नवाब अतीकुज्जमां, जियाउल हसन और नेमतुल्लाह समेत कई वरिष्ठ पत्रकार मौजूद थे.
इस अवसर पर पत्रकारों ने जमाअत के प्रयासों की सराहना करते हुए योजनाअें के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कई अहम सुझाव दिये.उन्होंने कहा कि मसलकी भेदभाव को दूर करने के लिए विशेष रूप से योजना बनाई जानी चाहिए.
आठ से दस साल के बच्चों की प्रतिभा में निखार लाने के लिए टैलेंट हंट जैसा कार्यक्रम शुरू होना चाहिए. आईटीसेल ओर मीडिया सेल को मजबूब बनाया जाए.पीड़ितों को उपलब्ध कराई जाने वाली कानूनी सहायता की रिपोर्ट जारी होनी चाहिए. लीगल सेल की स्थापना और उसको सक्रिय बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए. जमाअत का परिचय डोर टु डोर होना चाहिए. मुसलमानों के राजनैतिक सशक्तीकरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
मिल्ली तंजीमों और बुद्धिजीवियों के साथ भी बैठक
मीडिया मीट के बाद जमाअत ए इस्लामी ने अपने चार वर्षीय योजना को लेकर एक विचारधारा वाले मिल्ली तंजीमों और पटना शहर के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक शुरू कर दी है.इमारत ए शरिया के कार्यवाहक नाज़िम मौलाना शिब्ली अल क़ासमी ने कहा कि मिल्लत में मायूसी है,हमें मायूसी से बुलंदी की तरफ़ जाना है और मिल्लत का हौसला बढ़ाना है.
मदरसा शम्सुल होदा के पूर्व प्राचार्य मौलाना अबुल कलाम क़ासमी ने प्रस्ताव दिया कि क़ौमी यकजहती के कार्यक्रम मुस्लिम हलकों के साथ-साथ ग़ैरमुस्लिम इलाक़ों में भी किये जायें.बैठक में मजलिस उलेमा व इमामिया के अध्यक्ष मौलाना सैयद अमानत हुसैन,प्रसिद्ध साहित्यकार शफी मशहदी,पूर्व जज जाफर इमाम,डॉ.अब्बास मुस्तफ़ा,बिहार राबता कमिटी के सचिव अफज़ल हुसैन,जमियतुल उलेमा बिहार के नुमाइंदा अनवारुल होदा,सामाजिक कार्यकर्ता अहमद इमाम,शिक्षाविद मोहम्मद साबिर,जमाअत ए इस्लामी पटना शहर पूर्व नाज़िम क़मर वारसी ने अपनी राय रखी.