आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा प्रकाशित पुस्तक "वक्फ बिल 2024: रिस्पेक्ट फॉर इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम" ने दिल्ली सहित पूरे देश में एक नई बहस और विचार-विमर्श का प्रारंभ किया है.इस पुस्तक का विशेष विमोचन मंगलवार, 19नवंबर को संसद की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के चेयरमैन और वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल के आवास पर हुआ.इस मौके पर कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति रही.
जेपीसी चेयरमैन जगदंबिका पाल ने इस पुस्तक को "आंखें खोलने वाली दस्तावेज" बताते हुए कहा कि यह न केवल मुस्लिम समाज बल्कि पूरे देश के विभिन्न वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आई है.उन्होंने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि इसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इन संपत्तियों का समाज के व्यापक कल्याण में उपयोग करने के लिए एक ठोस और व्यावहारिक रोडमैप पेश किया गया है.
जेपीसी चेयरमैन ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह पुस्तक वक्फ संपत्तियों के सदुपयोग पर चर्चा करने के साथ आम जनता को जागरूक करने में भी सक्षम है.उन्होंने कहा, "यह पहल आज के समय की जरूरत है.वक्फ संपत्तियों के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की उन्नति में ये संपत्तियाँ अहम भूमिका निभा सकती हैं."
पाल ने यह भी स्पष्ट किया कि जेपीसी की रिपोर्ट में इस पुस्तक के द्वारा दिए गए सुझावों और तथ्यों को गंभीरता से लिया जा रहा है, ताकि सभी पक्षों को संतुलित रूप से रिपोर्ट में शामिल किया जा सके.इसके साथ ही, उन्होंने पुस्तक के लेखकों – डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ. शालिनी अली, अधिवक्ता शिराज कुरैशी और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सईद – के योगदान को भी सराहा.पाल ने कहा कि इन लेखकों के प्रयासों ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार की दिशा में एक मजबूत नींव रखी है.
जेपीसी चेयरमैन ने इसे एक ऐतिहासिक दस्तावेज बताया और कहा कि यह न केवल मुस्लिम समाज के लिए बल्कि संपूर्ण भारतीय समाज के लिए एक मार्गदर्शक सिद्ध होगा.पुस्तक के विमोचन के दौरान यह भी चर्चा हुई कि कैसे यह पुस्तक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के साथ-साथ समाज में जागरूकता और समानता को प्रोत्साहित करेगी.
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने पुस्तक की सराहना की
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने इस पुस्तक की सराहना करते हुए इसे "मुस्लिम समाज और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक कदम" करार दिया.लालपुरा ने कहा कि यह पुस्तक वक्फ संपत्तियों की वास्तविक स्थिति और उनके प्रबंधन में पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करती है, जो अब तक आम जनता से ओझल रही थी.
उन्होंने कहा, "यह पुस्तक उन सभी भारतीय नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है जो जानना चाहते हैं कि वक्फ संपत्तियों का वास्तविक उपयोग कैसे किया जा सकता है."लालपुरा ने आगे कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से यह स्पष्ट हो रहा है कि वक्फ संपत्तियाँ एक बड़े संसाधन के रूप में उभर सकती हैं.
अगर इनका सही तरीके से प्रबंधन किया जाए और इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज कल्याण के कार्यों के लिए समर्पित किया जाए.उन्होंने इसे एक जागरूकता अभियान के रूप में देखा, जो न केवल मुस्लिम समाज बल्कि अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को भी प्रेरित करेगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राम लाल ने भी की सराहना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राम लाल ने इस पुस्तक की प्रासंगिकता और सामयिकता पर जोर देते हुए इसे "वक्त की जरूरत" बताया.उन्होंने कहा, "यह पुस्तक मुस्लिम समाज में जागरूकता और आत्मनिर्भरता की भावना को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगी.
" राम लाल ने वक्फ संपत्तियों के स्वच्छ और पारदर्शी प्रबंधन को केवल मुस्लिम समाज के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद बताया.उन्होंने इसे एक प्रयास करार दिया जो मुस्लिम समुदाय को वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग के लिए प्रेरित करेगा, ताकि ये संपत्तियाँ समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण में सहायक बन सकें.
राम लाल ने इस पुस्तक का महत्व बताते हुए कहा कि यह समाज को यह समझने में मदद करेगी कि वक्फ संपत्तियाँ किसी एक समुदाय की निजी संपत्ति नहीं हैं, बल्कि एक जिम्मेदारी और धरोहर के रूप में इनका सदुपयोग किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "यह एक ऐसा मंच है, जहां मुस्लिम समाज न केवल अपने संसाधनों के बारे में जागरूक होगा, बल्कि अपने हकों और जिम्मेदारियों को भी समझेगा." उन्होंने इसे वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और उनके माध्यम से समाज की सेवा की दिशा में एक मील का पत्थर बताया.
सामाजिक एकता और सद्भावना को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
इकबाल सिंह लालपुरा और राम लाल दोनों ने इस पुस्तक को देश में सामाजिक एकता और सद्भावना बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.उन्होंने इसे अन्य समुदायों के लिए प्रेरणा का स्रोत मानते हुए कहा कि यह मुस्लिम समाज के प्रति आत्मनिर्भरता और जागरूकता का प्रतीक है, जो राष्ट्र निर्माण के लिए एक समर्पित प्रयास का हिस्सा है.
इस प्रकार, "वक्फ बिल 2024: रिस्पेक्ट फॉर इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर मुस्लिम" न केवल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार के लिए एक रोडमैप प्रदान करता है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए एक जागरूकता अभियान का रूप ले चुका है.
यह पुस्तक न केवल मुस्लिम समाज के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग और उनके माध्यम से समाज के कल्याण की दिशा में काम करने की अपील की गई है.