किशनगंज में त्रिकोणीय मुकाबला : अख्तरुल ईमान, मुजाहिद आलम, मुहम्मद जावेद के लिए एएमयू और पलायन मुख्य मुद्दा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-04-2024
Triangular contest in Kishanganj: AMU and migration main issue for Akhtarul Iman, Mujahid Alam, Muhammad Javed
Triangular contest in Kishanganj: AMU and migration main issue for Akhtarul Iman, Mujahid Alam, Muhammad Javed

 

महफूज आलम/पटना

बिहार के किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम आबादी बहुसंख्यक है.करीब 70 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले इस संसदीय क्षेत्र में हर राजनीतिक दल सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवार ही उतारता है. एनडीए ने 2024 लोकसभा में इस सीट से मुजाहिद आलम को अपना उम्मीदवार बनाया है. आलम जेडीयू के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस सांसद मुहम्मद जावेद इंडिया अलायंस के उम्मीदवार हैं और एआईएमआईएम उम्मीदवार अख्तर उल अख्तरुल ईमान मैदान में हैं.

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला है. सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं-किशनगंज के मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने का सिलसिला जारी है. दूसरे चरण में किशनगंज में मतदान होना है. चुनाव प्रचार में जुटे किशनगंज के प्रत्याशी इस क्षेत्र की किस्मत सुधारने का दावा और वादा लोगों से कर रहे हैं. आवाज द वॉयस से बात करते हुए प्रत्याशियों ने इस क्षेत्र के विकास को लेकर काफी कुछ कहा.

आवाज द वॉयस से बात करते हुए एनडीए प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि किशनगंज में कई समस्याएं हैं जिन्हें दूर किया जाएगा. खास तौर पर रोजगार की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण एक बड़ी आबादी हमेशा क्षेत्र से पलायन करने को मजबूर रहती है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा नेपाल से आने वाली नदियां भी इस क्षेत्र में तबाही मचाती हैं .मैं इन सभी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करूंगा.

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 बकौल मुजाहिद आलम, अगर मैं इस क्षेत्र से चुनाव जीतता हूं तो किशनगंज के विकास के लिए मेरे मन में कई योजनाएं हैं. मसलन यहां एम्स जैसे अस्पताल की जरूरत है. जमीन भी उपलब्ध करायी गयी. साथ ही यह पूरा क्षेत्र एनएच से घिरा हुआ है, इसलिए यहां रोजगार के अवसर पैदा किये जा सकते हैं. महानंदा बेसिन के रुके काम को पूरा करते हुए उद्योग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जायेगा.

किशनगंज जलालगंज रेलवे लाइन का काम स्वीकृत है,लेकिन इसके लिए फंडिंग नहीं है. हम इसे लाने का प्रयास करेंगे. इसके अलावा, एएमयू किशनगंज केंद्र को फंडिंग नहीं मिली है. अगर मैं यहां से जीतता हूं तो इससे एएमयू किशनगंज सेंटर के लिए फंडिंग मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.साथ ही कुछ सीमांचल विश्वविद्यालय की स्थापना भी होगी.हम विभिन्न मुद्दों पर काम करेंगे.

मुजाहिद आलम कहते हैं कि किशनगंज की मुख्य समस्या स्वास्थ्य, शिक्षा, नदियों का कटाव, बेरोजगारी और मजदूरों का पलायन है. गौरतलब है कि मुजाहिद आलम पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से जेडीयू कई बार अपना उम्मीदवार उतार चुकी है और हर बार जेडीयू उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा है.

मुजाहिद आलम पढ़े-लिखे हैं और कोचाधामन विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. उनकी रुचि सार्वजनिक कार्यों में रही है.लोग उन्हें जानते हैं.उनके काम को देख चुके हैं.

AIMIM उम्मीदवारअख्तर उल ईमान

AIMIM के किशनगंज लोकसभा प्रत्याशी अख्तर उल ईमान ने आवाज द वॉयस से बात करते हुए कहा कि किशनगंज लोकसभा के विकास का वादा सभी ने किया,लेकिन राज्य सरकार ने किशनगंज की समस्या का समाधान करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया.न ही केंद्र सरकार ने. बता दें कि पिछले चुनाव में भी अख्तरुल ईमान ने एआईएमआईएम के टिकट पर किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था,लेकिन हार गए थे.

 इस बार वह काफी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. अख्तर उल ईमान उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में एमआईएम पहली बार सीमांचल के इसी इलाके से 5 विधायक जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन जीतने के बाद चार विधायक एआईएमआईएम छोड़कर राजद में शामिल हो गए थे.अख्तर-उल-ईमान अकेले रह गए.अख्तर उल ईमान अच्छा बोलते हैं.हर मुद्दे पर खुलकर बोलते हैं.

 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आवाज द वॉयस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार हमारी पार्टी इस क्षेत्र में काफी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में है. उनका कहना है कि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है.

किशनगंज बिहार का एकमात्र ऐसा इलाका है जहां से लोगों का काफिला दो वक्त की रोटी की तलाश में पलायन करने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि देश का कोई भी बड़ा शहर ऐसा नहीं ,जहां के लोग कड़ी मेहनत करते नजर नहीं आते हों. अख्तर-उल-इमान के मुताबिक, अगर वह इस क्षेत्र से जीतते हैं तो सबसे पहले बुनियादी मुद्दों जैसे: शिक्षा, रोजगार, नदी कटाव, स्वास्थ्य और नदियों पर पुल का निर्माण शुरू करेंगे. इसके साथ ही वे वर्षों से न्याय का इंतजार कर रही एएमयू शाखा के लिए फंड दिलाने का प्रयास करेंगे.

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 उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की बदकिस्मती को दूर करने के लिए कभी कोई पहल नहीं की गयी. इस क्षेत्र को सरकार के विशेषाधिकारों से पूरी तरह वंचित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि यह पूरे बिहार में सबसे उपेक्षित क्षेत्र है. उन्होंने कहा कि अगर हमें मौका मिला तो हम इस क्षेत्र में धारा 371लागू करने का प्रयास करेंगे ताकि किशनगंज लोकसभा क्षेत्र राष्ट्रीय धारा का हिस्सा बन सके.

इंडिया अलायंस के उम्मीदवारमोहम्मद जावेद

कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद से बात नहीं हो सकी, जावेद चुनावी कार्यक्रमों में लोगों से वादा कर रहे हैं कि वह इस क्षेत्र के अधूरे कार्यों को जमीन पर उतारेंगे. किशनगंज की एएमयू शाखा के फंड को लेकर उन्होंने कई बार आवाज उठाई है.सरकार से इस संबंध में कई बार मांग की है.लोकसभा में भी आवाज उठाते रहे हैं.

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गौरतलब है कि एएमयू किशनगंज का मुद्दा चुनावी मुद्दा बना हुआ है. सभी राजनीतिक दल एएमयू की बात करते हैं. अन्य उम्मीदवारों की तरह मुहम्मद जावेद ने भी इन निमंत्रणों को लोगों के सामने रखा है,जिसके कारण इस क्षेत्र को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नदी कटाव, बाढ़, किसानों की समस्या आदि.