सेराज अनवर / पटना
रामनवमी के जुलूस को लेकर हुए हंगामे के कारण भले ही बिहार के नालंदा जिले के बिहारशरीफ से बड़े पैमाने पर हुए जान-माल की खबर है. मगर इसी हंगामे का एक दूसरा चेहरा मोहम्मद फेकू भी है, जिसकी सभी लोग दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं.
बता दे कि बिहार शरीफ में हुए हंगामे के दौरान करीब 100 साल पुराने मदरसे और लाइब्रेरी को फूंक दिया गया तथा एक वर्ग विशेष के व्यापारिक प्रतिष्ठान लूट लिए गए. इन घटनाओं के कारण दो दिनों तक माहौल में भले ही तनाव घुला रहा, पर अब स्थिति पटरी पर आ चुकी है.
बिहार के सर्वधर्म मंच ने सभी से शांति और भाईचारा कायम करने की अपील की है. इन्ही सूचनाओं में एक अहम बात यह है कि मोहम्मद फेकू ही वह शख्स हैं, जो बिहार शरीफ में रामनवमी की शोभायात्रा के रथ को खींच रहे थे.उनके रथ पर शिव-पार्वती और हनुमान विराजमान थे. तब मोहम्मद फेकू रमजान के रोजे रख कर सारथी बने रथ खींच रहे थे.
समाज में कई ऐसे लोग हैं जो अपने कर्तव्यों को सांप्रदायिक से ऊपर उठकर निभाते हैं. उनमें से एक मोहम्मद फेकू भी हैं. दंगे के बाद वह पूरे बिहार में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
कौन हैं मोहम्मद फेकू
मोहम्मद फेकू बिहार शरीफ के अंबेर उचकापर के रहने वाले हैं.उनकी उम्र पैंसठ साल के करीब है.डेढ़ दशक से रथ चला रहे हैं.रोजी-रोटी का साधन यही है. उन्हें धार्मिक आयोजनों में शामिल होने से परहेज नहीं. दोनों समुदायों के लोग उन्हें जानते और सम्मान करते हैं .
मोहम्मद फेकू बताते हैं कि 31मार्च के बिहार शरीफ की शोभा यात्रा के रथ के वही सारथी थे. रोजे रखकर वह भगवान शिव-पार्वती और हनुमान के सारथी बने हुए थे.वह उस दिन को याद कर कहते हैं कि जब रथ सोगरा कॉलेज के पास पहुंचता तो सूचना मिली कि विवाद हो गया है.
ऐसे में शोभायात्रा के आयोजक आए और रथ पर भगवान के रूप में बैठे कलाकारों को सकुशल उतार ले गए. उन्होंने मोहम्मद फेकू से कहा कि आप रथ लेकर चले जाओ.और दो पक्षों में हिंसक झड़प के बीच शोभायात्रा के रथ के सारथी इस मुस्लिम शख्स को उसके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की गई.
इधर, मोहम्मद फेकू यह सोचकर परेशान थे कि देवी-देवताओं का रूप धारे कलाकारों को कहीं किसी तरह का नुकसान न पहुंचे. जब सभी कलाकार सुरक्षित अपने गंतव्य पर चले गए तब मोहम्मद फेकू वहां से घर जाने को राजी हुए.
वह बताते हैं कि इसके बाद कुछ हिंदू साथियांे के साथ रथ लेकर वहां से चले गए,लेकिन कटरापर होते ही मणिराम अखाड़ा से थोड़ा पहले रुक गए. वहां से प्रशासन की मदद से रथ लेकर मोहम्मद फेकू घर पहुंचे और उनके साथी लौट गए.
इस दौरान किसी ने उनसे न कुछ पूछा और ही नुकसान पहुंचाया. यही नहीं, मोहम्मद फेकू ने घर पहुंचकर प्रभावितों की मदद भी की.वह अफसोस जताते हुए कहते हैं कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ .ऐसा होना नहीं चाहिए था. सालों से शहर में दोनों समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते आ रहे हैं. चंद लोगों के कारण बिहार शरीफ के लोग शर्मसार हैं.
सर्वधर्म मंच की अपील
मंच ने प्रदेश के कुछ स्थानों पर उपद्रवी घटनाओं पर दुख और चिंता व्यक्त करते हुए आम लोगों से शांति और भाईचारे का माहौल बनाए रखने की अपील की है.मंच में शामिल बड़ी पटनदेवी, पटना के महंथ विजय शंकर गिरि, जमाअते इस्लामी हिन्द, बिहार के प्रदेश अध्यक्ष रिजवान अहमद इस्लाही, सनातनी सिख सभा पटना साहिब के सरदार तिरलोक सिंह, आर्च बिशप्स हाउस, पटना के फादर जेम्स, बिहार दलित विकास समिति के फादर जोंस, जैन मंदिर, मीठापुर, पटना के विजय कुमार जैन और गौतम बुद्ध विहार, दारोगा राय पथ, पटना के भंते उपालि ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि बिहार सदियों से ज्ञान, शांति और भाईचारे की धरती रहा है.
इस ने सभी धर्मों को फलने-फूलने का मौका दिया है. यहां सभी धर्मों के लोग आपस में मिलजुल कर रहते आए हैं. लेकिन पिछले दिनों नालंदा और सासाराम समेत कुछ जिलों में जिस प्रकार की घटनाएं हुईं, वह दुखद हैं.
मंच ने कहा कि एक साथ रहते हुए कुछ मामलों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मन में विद्वेष नहीं होना चाहिए.एक-दूसरे की जान-माल से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. न ही संपत्ति को नष्ट पहुंचाना चाहिए.मंच ने प्रदेश सरकार से मांग की वह पुलिस को संवेदनशील और तत्पर कार्रवाई करने की दिशा में ठोस पहल करें.
आम तौर से देखा जा रहा है कि उपद्रवी घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं और पुलिस या तो घटनास्थल से नदारद रहती है या मूकदर्शक बनी रहती है.जब ऊपर से कोई आदेश आता है तब सक्रिय होती है. तब तक बहुत कुछ का नुकसान हो चुका होता है.
मंच ने हाल की घटनाओं के लिए दोषी असमाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही प्रभावित लोगों को पर्याप्त मुआवजा दिलाने की भी मांग की है ताकि लोग फिर से अपना कारोबार खड़ा कर सकें.
नीतीश की अमन के लिए अपील
मौका था फुलवारीशरीफ (ईसापुर रोड) स्थित इस्लामिया बीएड कॉलेज में इस्लामिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स द्वारा आयोजित दावत-ए-इफ्तार का.यह आयोजन सोमवार को हुआ.इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई.
दावत-ए-इफ्तार में शरीक मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश,समाज और देश में अमन-चैन, शांति एवं भाईचारे का माहौल कायम रहने की दुआ मांगी . इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन, विधान पार्षद खालिद अनवर, ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनिसुर रहमान कासमी, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफजल अब्बास, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशाद उल्लाह, फुलवारीशरीफ नगर परिषद के चेयरमैन आफताब आलम एवं रोजेदार उपस्थित थे.
बिहार में रामनवमी पर हुए हिंसा पर मुख्यमंत्री एक्शन में हैं.उन्होंने अधिकारियों को दंगाई से निपटने के सख्त निर्देश दिए हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रहे.उपद्रवियों की पहचान कर उन पर सख्त कार्रवाई की जाए.
मदरसा अजीजिया बहा रहा आंसू
बिहार शरीफ का मदरसा अजीजिया की रौशन तारीख रही है.अगले बरस सौ साल का हो जाएगा.1924 में मदरसा अजीजिया की स्थापना हुई थी.यहां से मुस्लिम समाज की बड़ी-बड़ी हस्तियां पढ़ कर निकलीं और देश के निर्माण में योगदान दिया.यह सिर्फ मदरसा नहीं है,नालंदा यूनिवर्सिटी की तरह धरोहर है.यहां 45 सौ के करीब रेयर किताबें थीं.
ये नालंदा का गुरूर था.हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने सुनियोजित ढंग से इसे निशाना बनाया.सब फूंक दिया गया.