दयाराम वशिष्ठ / फरीदाबाद। (हरियाणा)
दिल्ली से सटे हरियाणा के फरीदाबाद में आज 7 फरवरी से 27 फरवरी तक चलने वाला 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला शुरू हो गया. इस दौरान जहां लोगों को कला एवं संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिलेगा, वहीं देश-विदेश के मुस्लिम कारीगर भी अपना जलवा बिखेरते नजर आएंगे. मेले का मुख्य आकर्षण हमेशा ही अवर्डी मुस्लिम शिल्पकार रहे हैं.
इस बार सूरजकुंड मेले में दो थीम ओडिशा,मध्यप्रदेश स्टेट और पार्टनर कंट्री के तौर पर छह देश बांग्लादेश, भूटान म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका और नेपाल की भागीदारी होगी. मेले में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहले से कहीं अधिक भागीदारी देखने को मिलेगी. मेले में 42 देशों के 648 प्रतिभागी इसमें हिस्सा लेंगे. इसके चलत मेले में पर्यटकों को अन्य प्रदेशों के साथ-साथ इन थीम प्रदेशों की समृद्ध संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी.
उज्जेन से आए सुहेल का कहना है कि अभी स्टॉल लगा रहे हैं.मध्यप्रदेश पार्टनर कंट्री होने से इस बार उन्हें अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है. उनका पुस्तैनी कारोबार है. दिल्ली से आए इरफान खान का कहना है कि अभी स्टाल मिला नहीं है. करीब 6 साल से उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया. मेरठ में उनका कारखाना है. इस बार मेले में उन्हें अच्छा खासा कारोबार होने की उम्मीद है.
मध्यप्रदेश के रूप में देश की संस्कृति के दर्शन
मध्यप्रदेश की संस्कृति विविधता से भरपूर है. जिसमें देश के चारों ओर की मिली जुली संस्कृति है. इस बार मध्यप्रदेश पार्टनर कंट्री होने के चलते सूरजकुंड मेला में वहां के प्रमुख नृत्य, लोक जनजाति, संगीत, लोकनृत्य, भगौरिया नृत्य,काठी नृत्य, मटकी नृत्य, बुंदेलखंड, बघेल व मालव समेत विभिन्न अंचलों के पारम्परिक नृत्य इस बार मेले में देखने को मिलेंगे..
मेले में कार्यक्रम समन्वयक हिमांशु सैनी ने बताया कि पहली बार सूरजकुंड मेले में ऐसे नृत्य देखने को मिलेंगे, जो शायद ही कभी देखे हों. मध्यप्रदेश की शिल्पकलाएं, चंदेरी, महेश्वरी साछी,जूट से बने शिल्प,गोबर से बने आभूषण व घर के सजावट के सामान समेत गोबर से बने शिल्प इस मेले में देख सकेंगे. मेले में मध्यप्रदेश की ओर से एक पवेलियन भी बनाया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश ट्यूरिज्म की ओर से राज्य की संस्कृति को दिखाया जाएगा.
ओडिशा टयूरिज्म पवेलियन में संस्कृति की झलक
ओडिशा भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. ओडिशा के हस्तशिल्प में साडी, पीतल और बेल धातु के बर्तन, पट्ट चित्र, पत्थर नक्काशी और पिपली काम प्रमुख है. इस बार पार्टनर राज्य होने के नाते यहां मेले में 22 से अधिक स्टॉल लगाई जा रही हैं.
पार्टनर कंट्री बनने से मध्यप्रदेश व ओडिशा के शिल्पकार बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि इस बार उन्हें अपने राज्य की संस्कृति दिखाने का पूरा मौका मिलेगा.
ओडिशा की पारंपारिक पोशाक, कला और संस्कृति के साथ साथ यहां बनाए गए पवेलियन को सुंदर रंगों से सजाया गया है. ओडिशा में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल है. जहां दर्शक जगन्नाथ भगवान के भी दर्शन कर सकेंगे.
परंपरागत शिल्प कौशल का लाईव प्रदर्शन
इस वर्ष मेले में विशेष आकर्षण और भव्य प्रस्तुतियां इसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी. शिल्प लाइव डेमोंस्ट्रेशन कारीगर अपने परंपरागत शिल्प कौशल का लाइव प्रदर्शन करेंगे, जिससे दर्शक उनकी मेहनत और हुनर को करीब से देख सकेंगे.
ऐसे में कलात्मक संवाद में शामिल आगंतुक सिनेमा, फोटोग्राफी, थिएटर, पेंटिंग और मूर्तिकला जैसे विभिन्न कलाक्षेत्रों के विशेषज्ञों से संवाद कर सकते हैं और उनकी रचनात्मक प्रक्रिया को समझ सकते हैं.
सुप्रसिद्घ कलाकार करेंगे पर्यटकों का मनोरंजन
मेले के दौरान पर्यटकों को संगीत नृत्य का अनुपम संगम देखने को मिलेगा, जिसमें देशभर के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पद्मश्री अवार्डी महावीर गुड्डू, डॉ. सतिंदर सरताज, ममे खान, पापोन और बैंड्स, सौरव अत्री की मनमोहक संगीत प्रस्तुतियां रहेंगी.
साथ ही डॉ. इरशाद कमाल की काव्य संध्या सुनने को मिलेगी. इनके अलावा प्रिय वेंकटरमन और देविका देवेंद्र एस. मंगला मुखी की शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति रहेगी. विख्यात हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा और गौरव गुप्ता अपने हास्यरस से पर्यटकों को हंसी से लोटपोट करेंगे.
साथ ही एनआईएफटी मोहाली द्वारा भव्य फैशन शो देखने को मिलेगा. लोक कलाकारों में ही शामिल बंचारी, बीन सपेरा, नगाड़ा पार्टी, जादू शो, बांस वॉकर, बहुरूपिया, बायोस्कोप और कठपुतली शो मेले में पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे.
उत्तर-पूर्वी शिल्प और हथकरघा विकास निगम मेले का सांस्कृतिक साझेदार होगा, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों की समृद्ध शिल्प, वस्त्र और खानपान परंपराओं को प्रस्तुत करेगा.
देश-प्रदेश के व्यंजनों का चख सकेंगे स्वाद
मेले के दौरान पर्यटकों को हरियाणा के साथ-साथ देशभर के विभिन्न प्रदेशों के खास व्यंजनों का स्वाद चखने का अनोखा अनुभव मिलेगा. मेले में मुख्यरूप से राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, पंजाब व अन्य राज्यों तथा थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे.
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन टिकटिंग और पार्किंग का साझेदार
इस बार मेले को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन टिकटिंग और पार्किंग का आधिकारिक साझेदार है. आगंतुक ऑनलाइन टिकट बुकिंग डीएमआरसी वेबसाइट और सूरजकुंड मेला पोर्टल के जरिए कर सकते हैं। साथ ही, दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर ऑफलाइन टिकट भी उपलब्ध होंगे.
हरियाणा पर्यटन निगम की प्रधान सचिव और सूरजकुंड मेला प्राधिकरण की उपाध्यक्ष कला रामचंद्रन ने कहा किइस मेले के माध्यम से हरियाणा प्रदेश अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को देश-दुनिया में पहुंचाने में सशक्त माध्यम बनेगा.प्रधान सचिव ने कहा कि सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला हैं.