आवाज़ द वॉयस/ नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा जा रहा है कि आतंकवादियों ने मजहब पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जिससे ज़्यादातर हिंदू पर्यटक मारे गए. मगर इस हमले में मुस्लिम समुदाय के निर्दोष नागरिक भी शिकार बने, जिनमें से एक थे सैयद हुसैन शाह. — अनंतनाग जिले के रहने वाले, और पहलगाम में घोड़ा चलाकर पर्यटकों की सैर कराने वाले एक मेहनतकश युवक.
हुसैन शाह के परिवार पर इस हादसे ने दुखों का पहाड़ तोड़ दिया है. उनका घर मातम में डूबा है, और मां की हालत रो-रोकर बेहद खराब है. वह बार-बार एक ही बात कह रही हैं — “हाय अल्लाह, अब कैसे ज़िंदगी कटेगी... वही तो इकलौता कमाने वाला था.”
सैयद हुसैन शाह के पिता सैयद हैदर शाह ने बताया कि हुसैन ही परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था. वे खुद बीमार रहते हैं और काम करने की हालत में नहीं हैं. हुसैन के दो छोटे भाई भी हैं.
उन्होंने बताया कि हुसैन हमेशा की तरह मंगलवार की सुबह घर से काम पर निकला था. दोपहर बाद जब उन्हें पहलगाम में आतंकी हमले की खबर मिली, तो उन्होंने घबराकर बेटे को फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था. कुछ देर बाद मोबाइल चालू तो हुआ, मगर कॉल उठाया नहीं गया.
फिर उन्होंने कुछ स्थानीय लड़कों को थाने भेजा ताकि बेटे का पता चल सके. वहां से जो खबर आई, उसने पूरे परिवार को तोड़ दिया — हुसैन शाह को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी. पहले उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उसकी मौत की खबर आ गई.
पहलगाम हमले में मारा गया बड़ा बेटा.😭रो-रो कर मां-बाप ने सुनाई पूरी कहानीpic.twitter.com/GFoZnZQXsX
— Sandeep's Sharma (@SandeepV91343) April 23, 2025
सैयद हुसैन शाह उन 28 लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई। मरने वालों में दो स्थानीय नागरिक भी थे — जिनमें हुसैन एक थे.
मीडिया से बात करते हुए सैयद हैदर शाह ने सरकार से न्याय की मांग की है. उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि कोई और परिवार इस तरह न टूटे.”