37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में पहली बार अल्जीरिया अपने सिरेमिक कला को प्रदर्शीत करने पहुंचा है. आठवीं और अठारहवीं शताब्दी के बीच, चमकदार चीनी मिट्टी का उपयोग इस्लामी कला में प्रचलित था, जो आमतौर पर विस्तृत मिट्टी के बर्तनों का रूप लेता था. टिन-ग्लेज़्ड मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन के लिए टिन-ओपेसिफाइड ग्लेज़िंग, इस्लामी कुम्हारों द्वारा विकसित सबसे शुरुआती नई तकनीकों में से एक हैं.
इसी कला को अब जिन्दा रखे हुए हैं अल्जीरिया के शिल्पकार समीर करालडी. समीर ने आवाज द वॉयस को बताया कि लगभग सभी विकसित संस्कृतियों में सिरेमिक कला का एक लंबा इतिहास है. वर्ष 1999 से वह इस कला से मिट्टी के बर्तनों को तैयार करते आ रहें हैं. मुस्लिम कारीगर द्वारा बनाए गए कई चीनी मिट्टी के बर्तनों में पुष्प डिजाइनों की समान शब्दावली का उपयोग है.
कारीगर समीर ने बताया कि इस्लामी कुम्हार कई महत्वपूर्ण तकनीकी नवाचारों के लिए जिम्मेदार थे, जिनमें से सबसे प्रभावशाली 9वीं शताब्दी में टिन ग्लेज़ की पुनः खोज थी. विभिन्न प्रकार की मिट्टी और सिलिका और अन्य खनिजों की विभिन्न विविधताओं के साथ मिट्टी के संयोजन से विभिन्न प्रकार के सिरेमिक बर्तन बनते हैं.
अल्जीरिया से सिरेमिक कला के मास्टर समीर और निदेशक चैंबर ऑफ आर्ट एंड क्ले
कारीगर समीर का यह भी मानना है कि टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों पर बढ़ते जोर ने भी सिरेमिक कला के पुनरुत्थान में भूमिका निभाई है. पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ता पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ कला विकल्पों की तलाश में हैं और सिरेमिक, एक प्राकृतिक सामग्री का उपयोग, इस प्रवृत्ति के अनुरूप है.
सिरेमिक हमारी रसोई की पैंट्री से लेकर टूल कोठरियों तक सर्वव्यापी हैं. वे चीनी मिट्टी के बर्तन या मूर्तिकला के सरल उपयोग से कहीं आगे हैं और विज्ञान से लेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग तक हर चीज में लागू होते हैं.
अल्जीरिया के चैंबर ऑफ आर्ट एंड क्ले की निदेशक ने बताया कि 10 फरवरी को उनका दूसरा ग्रुप भी सिरेमिक कला का एक अलग भंडार लेकर आ रहे हैं. उनका मुख्य उदेश्य लोगों को सिरेमिक आर्ट और इस कला से बनें मिट्टी के बर्तन पर्यावरण अनुकूल होने के साथ साथ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है.
मिट्टी के बर्तन और चीनी मिट्टी की चीज़ें साधारण भट्टियों में हस्तनिर्मित की जाती हैं, और फिर प्राकृतिक-निर्मित पेंट और रंगों का उपयोग करके चित्रित किया जाता है, जो उन्हें बनाने वाले आर्टिस्ट की उंगलियों द्वारा मैन्युअल रूप से लगाया जाता है.
"फिंगर-पेंटिंग" मिट्टी के बर्तनों का यह सावधानीपूर्वक तरीका स्वदेशी कारीगरों और बेहतरीन कारीगरों द्वारा बनाई गई अल्जीरियाई कला का एक बेशकीमती उदाहरण है.
आप इस तस्वीर में देख सकतें हैं अल्जीरियाई सुंदर मिट्टी के बर्तन, कुछ ओवन या स्टोवटॉप के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जबकि अन्य का उपयोग केवल सजावटी व्यंजन परोसने के रूप में किया जाता है, कई रसोइये धातु या फ्लेम प्रूफ ग्लेज्ड सिरेमिक से बने टैगिन पसंद करते हैं.
सोने और चांदी के पीने और खाने के बर्तनों का उपयोग, जो प्राचीन रोम और परशीआ के साथ-साथ मध्ययुगीन ईसाई समाजों में आदर्श था, जो हदीसों द्वारा निषिद्ध है, जिसके परिणामस्वरूप मुस्लिम अभिजात वर्ग द्वारा बर्तनों के लिए मिट्टी के बर्तनों और कांच का उपयोग किया जाने लगा.