शाही इमाम बुखारी का आह्वान: 'भारत की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए हम सबको एकजुट होना होगा'

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 25-04-2025
Shahi Imam Bukhari's call: 'We all have to unite to protect the unity and integrity of India'
Shahi Imam Bukhari's call: 'We all have to unite to protect the unity and integrity of India'

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
 
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में निहत्थे पर्यटकों की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस भयावह घटना ने न केवल शोक और गुस्से की लहर पैदा की है, बल्कि देशभर में इस हमले के खिलाफ एकजुटता का भी वातावरण बन गया है. इस हमले में निर्दोष लोगों की जान गई और यह घटना देश की नैतिकता और मानवता पर गहरी चोट है.

देशभर में शोक व्यक्त करने और एकजुटता दिखाने के लिए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के आह्वान पर मुसलमानों ने शुक्रवार की नमाज (जुमा की नमाज) के दौरान इस घटना पर गहरी चिंता और अफसोस व्यक्त किया. दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज के दौरान शाही इमाम अहमद बुखारी ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक आतंकवादी हमला नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर एक हमला है.

जामा मस्जिद के शाही इमाम का बयान

खुतबे (धार्मिक उपदेश) में शाही इमाम अहमद बुखारी ने कहा, "पवित्र कुरान में साफ कहा गया है कि एक इंसान को मारना मानो पूरी मानवता को मारना है, और एक इंसान को बचाना मानो पूरी मानवता को बचाना है." उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस्लाम में किसी भी निर्दोष इंसान की हत्या को स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे अल्लाह के क्रोध का कारण माना जाता है.

शाही इमाम ने कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि आतंकवाद, चाहे वह किसी भी रूप में हो, कभी भी धर्म या समाज के लिए लाभकारी नहीं हो सकता. यह पूरी तरह से गैर-इस्लामी है." उन्होंने यह भी पूछा कि जिस धर्म को आतंकवादी मानते हैं, वह इस्लाम की असल शिक्षा के अनुरूप नहीं हो सकता.

"मुस्लिम होने का दावा करने वाले इन आतंकवादियों ने इस्लाम के सिद्धांतों को नकारा है. उन्होंने किस प्रकार का इस्लाम सीखा है, यह सवाल उठता है." उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले में मारे गए लोग सिर्फ मुसलमानों द्वारा हत्या के शिकार नहीं हुए, बल्कि यह पूरी मानवता के खिलाफ एक अपराध है.

अमानवीय हत्याएं और आतंकवाद का निंदा

इमाम बुखारी ने पहलगाम में हुई हत्याओं को "अमानवीय" और "क्रूर" बताते हुए कहा कि यह घटना न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया की संवेदनाओं को आहत करती है. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद कभी भी किसी धर्म, समाज या राष्ट्र का हित नहीं कर सकता और इसे किसी भी स्थिति में उचित ठहराया नहीं जा सकता.

"आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता. यह हमारे समाज के ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास है."

देश की एकता और अखंडता की बात

शाही इमाम ने अपने खुतबे में आगे कहा, "यह समय देश में किसी भी प्रकार की धार्मिक घृणा या विभाजन के बजाय एकजुटता दिखाने का है. यह समय है कि हम सब मिलकर देश की अखंडता और सम्मान की रक्षा करें। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को हम हमेशा सलामत रखें."

उन्होंने यह भी कहा, "भारत की परंपरा में समानता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं. हमें इन्हें बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा. यह समय है कि हम अपने राष्ट्र की गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए एकजुट हों."

दुनिया और समाज के वर्तमान हालात

इमाम बुखारी ने दुनिया भर में फैल रही हिंसा और युद्धों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "मानवता आज संघर्ष, रक्तपात और अत्याचार के संकट से जूझ रही है. हाल ही में COVID-19 जैसी महामारी ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था, जिसमें लाखों लोगों की जान गई थी. लेकिन दुर्भाग्यवश, हमने इससे कोई सबक नहीं लिया.अब, एक बार फिर से दुनिया में संघर्ष और हिंसा का दौर शुरू हो गया है."

उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में धार्मिक घृणा, संप्रदायवाद और समुदायों के बीच विश्वास का संकट बढ़ रहा है."हमारे देश में धार्मिक और सामाजिक ध्रुवीकरण की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है."

शोक और संवेदना

शाही इमाम ने अपने खुतबे को समाप्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और प्रार्थना की कि ईश्वर उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे. "हम सभी की कामना है कि हम ऐसे दुखद और त्रासद घटनाओं से बचें और पूरी दुनिया में शांति, सद्भाव और भाईचारे का माहौल बना रहे."

यह घटना, जिसमें पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या की गई, देशभर में शोक और गुस्से की लहर को जन्म दे चुकी है. शाही इमाम ने आतंकवाद के खिलाफ जोरदार निंदा की है और इसे इस्लाम और मानवता के खिलाफ एक अपराध बताया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है जब हम सभी को एकजुट होकर अपने देश की अखंडता और सम्मान की रक्षा करनी चाहिए.