गंगा सागर मेले में मुस्लिम संगठनों की सेवा: भाईचारे और मानवता की अनूठी मिसाल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-01-2025
Service of Muslim organizations in Gangasagar Mela: A unique example of brotherhood and humanity
Service of Muslim organizations in Gangasagar Mela: A unique example of brotherhood and humanity

 

जावेद अख्तर /कोलकाता

पश्चिम बंगाल की सांस्कृतिक परंपरा सदियों से हिंदू-मुस्लिम सह-अस्तित्व और भाईचारे का प्रतीक रही है. इस परंपरा की झलक हर साल गंगा सागर मेले में देखने को मिलती है, जहां लाखों तीर्थयात्री गंगा और समुद्र के संगम पर स्नान करने के लिए जुटते हैं. इस बार भी, मेले में कई मुस्लिम संगठनों ने शिविर लगाकर अपनी सेवाएं प्रदान कीं, जो मानवता और आपसी सहयोग का उदाहरण हैं.

women

गंगा सागर मेला हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर दक्षिण चौबीस परगना जिले के सागर द्वीप पर आयोजित होता है. यह उत्सव दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है. हुगली नदी के तट पर आयोजित यह मेला 8 जनवरी से 16 जनवरी तक चलता है. यहां लाखों श्रद्धालु गंगा और समुद्र के संगम पर स्नान कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं.
west bengal
राज्य सरकार इस मेले की तैयारियों में व्यक्तिगत रुचि लेती हैं. तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीते पंद्रह वर्षों में इसे एक बड़े आयोजन के रूप में स्थापित किया है.

मुस्लिम संगठनों का योगदान: भाईचारे की मिसाल

गंगा सागर मेले में हिंदू तीर्थयात्रियों के साथ मुस्लिम संगठनों ने भी अपना डेरा जमाया. इन संगठनों ने मानवता की सेवा को प्राथमिकता दी और अपनी क्षमता के अनुसार तीर्थयात्रियों की मदद की.इम्तियाज भारतीय ने "संकल्प टुडे" नामक एनजीओ के माध्यम से गंगासागर में शिविर लगाया है.

उनके शिविर का नाम "भोजपुरी सेवा समिति" है. इस शिविर में तीर्थयात्रियों के लिए मेडिकल चेकअप, मुफ्त दवाएं, और कानूनी सलाह की व्यवस्था की गई है.इम्तियाज भारतीय ने बताया, "हम यहां किसी धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि मानवता के लिए काम करते हैं.

हमारी कोशिश है कि तीर्थयात्रियों को हर संभव सहायता मिले." उनके शिविर में तीर्थयात्रियों को यह जानकारी भी दी जा रही है कि सरकार की ओर से मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध है और इसके लिए किसी भी प्रकार के शुल्क की आवश्यकता नहीं है.

सैयद महमूद शाह वारसी का मेडिकल कैंप

सैयद महमूद शाह वारसी ने 42 शिविर लगाए हैं, जिन्हें "बिहार सेवा समिति" के नाम से जाना जाता है. इन शिविरों में तीर्थयात्रियों को मुफ्त चिकित्सा जांच और दवाइयां दी जाती हैं. महमूद शाह ने वर्षों से इस सेवा को जारी रखा है और इसे एक मिशन के रूप में अपनाया है. उनके सहयोगी भी बड़ी तत्परता से तीर्थयात्रियों की मदद करते हैं.

वारसी ने कहा, "हमारा उद्देश्य तीर्थयात्रियों को बिना किसी भेदभाव के हर संभव मदद प्रदान करना है. गंगा सागर आना श्रद्धालुओं का सपना होता है, और हम उनके अनुभव को सहज और यादगार बनाने का प्रयास करते हैं."

गंगा सागर तक पहुंचने की बेहतर सुविधाएं

पहले गंगा सागर तक पहुंचना काफी कठिन था.परिवहन सुविधाएं सीमित थीं. केवल जलमार्ग से यात्रा संभव थी, जिससे बहुत कम लोग यहां पहुंच पाते थे. अब आधुनिक परिवहन के कारण यह यात्रा काफी आसान हो गई है.

कोलकाता में ईडन गार्डन के पास तीर्थयात्रियों के लिए बड़े शिविर लगाए गए हैं, जहां भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है.

यहां उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उड़ीसा जैसे राज्यों के नाम पर शिविर स्थापित किए गए  हैं. तीर्थयात्री गंगा सागर की ओर बढ़ने से पहले इन शिविरों में रुकते हैं और स्नान के बाद लौटते समय भी यहीं विश्राम करते हैं.
bengal
नागा साधुओं का शाही स्नान: एक आकर्षण

गंगा सागर मेले में नागा साधु भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इन साधुओं का शाही स्नान मेले का प्रमुख आकर्षण होता है. नागा साधुओं के स्नान के बाद ही अन्य तीर्थयात्रियों को स्नान की अनुमति दी जाती है. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. मेले की धार्मिक महत्ता को बढ़ाती है.

सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक

गंगा सागर मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह सांस्कृतिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक भी है. मुस्लिम संगठनों द्वारा शिविर लगाना इस बात का प्रमाण है कि मानवता धर्म से ऊपर है.यह मेला हिंदू-मुस्लिम एकता और सहयोग की भावना को मजबूत करता है.

देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. गंगा सागर में मुस्लिम संगठनों की भागीदारी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब बात सेवा और सहायता की होती है, तो धर्म और जाति की सीमाएं बेमानी हो जाती हैं.

गंगा सागर मेला भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का जीवंत उदाहरण है.

यहां हिंदू तीर्थयात्रियों की मदद के लिए मुस्लिम संगठनों की सक्रिय भागीदारी से भाईचारे का जो संदेश मिलता है, वह पूरे देश और दुनिया के लिए प्रेरणा है. यह दर्शाता है कि जब मानवता की सेवा का उद्देश्य हो, तो हर प्रकार की दीवारें गिराई जा सकती हैं.