बासित जरगर/श्रीनगर
श्रीनगरविश्व शिल्प परिषद (WCC) के 60वें जयंती समारोह के विस्तारित कार्यक्रम का आयोजन कर सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है.यह आयोजन 21 से 24 नवंबर तक नई दिल्ली में आयोजित पहले के जयंती समारोह के बाद हुआ है.इस कार्यक्रम में कुवैत, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंड और मध्य एशिया से 15 अंतर्राष्ट्रीय WCC प्रतिनिधि शामिल हुए.
इनके साथ दुनियाभर के कारीगर भी इस समारोह में शामिल हैं, जो पारंपरिक शिल्प की विविधता को प्रदर्शित कर रहे हैं, जो वैश्विक विरासत को उजागर करते हैं.यह आयोजन जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा आयोजित किया गया है और इसका उद्देश्य क्षेत्र की शिल्प परंपराओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है.इस पहल के माध्यम से जम्मू और कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जा रहा है.
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रतिनिधियों ने श्रीनगर के पुराने शहर की ऐतिहासिक गलियों में 'क्राफ्ट सफारी' का दौरा किया, जहां उन्होंने क्षेत्र की जटिल कलात्मकता और जीवंत परंपराओं को नजदीक से देखा.इसके बाद, उन्होंने सरकारी कला एम्पोरियम में स्थानीय हितधारकों और अधिकारियों के साथ एक बैठक में भाग लिया, जिसमें शिल्प क्षेत्र में सहयोग और नवाचार पर चर्चा की गई.
मुख्य कार्यक्रम 26 और 27 नवंबर को शेरी-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में आयोजित किया गया.इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में वैश्विक शिल्प उद्योग में मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर विशेषज्ञ पैनल चर्चाएँ शामिल थीं.इसके साथ ही एक जीवंत शिल्प बाज़ार भी आयोजित किया गया, जहां कारीगर अपनी कृतियों को प्रदर्शित और बेचा.
इस कार्यक्रम का समापन लेफ्टिनेंट गवर्नर की अध्यक्षता में एक पुरस्कार समारोह से हुआ, जिसमें स्थानीय कारीगरों को प्रतिष्ठित यूटी-लेवल क्राफ्ट अवार्ड्स से सम्मानित किया गया.इन पुरस्कारों के माध्यम से शिल्प उद्योग में उनके योगदान का सम्मान किया गया.यह उत्सव जम्मू और कश्मीर की कालातीत शिल्प कौशल का गवाह है, जो इस क्षेत्र को कारीगरी उत्कृष्टता के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करता है.