जम्मू-कश्मीर चुनाव का दूसरा चरण: युवाओं में परिवर्तन का जोश, सीमावर्ती इलाकों में लोकतंत्र पर जोर

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 26-09-2024
The second phase of Jammu and Kashmir elections saw enthusiasm among the youth, democracy is strong in border areas
The second phase of Jammu and Kashmir elections saw enthusiasm among the youth, democracy is strong in border areas

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली,कश्मीर ब्यूरो/ श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान ने शांतिपूर्ण माहौल में सफलता हासिल की, जिसमें 54.11% मतदान दर्ज किया गया. नियंत्रण रेखा के पास स्थित 106 सीमावर्ती मतदान केंद्रों सहित 3502 केंद्रों पर मतदान हुआ. मतदाताओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया.

चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण में जिन 6 जिलों के 26 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, उनमें कुल 239 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 6 महिलाएँ भी शामिल थीं. इन जिलों में बडगाम, गंदेरबल, पुंछ, राजौरी, रियासी और श्रीनगर प्रमुख हैं. मतदाताओं में खासकर युवाओं ने शांति, लोकतंत्र और प्रगति की आकांक्षाओं को सामने रखते हुए मतदान में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
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मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदान प्रक्रिया की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की और कहा कि ये चुनाव ऐतिहासिक बनेंगे, जिसकी गूंज आने वाली पीढ़ियों तक सुनाई देगी. उन्होंने कहा कि घाटियाँ और पहाड़, जो कभी हिंसा और बहिष्कार का गवाह रहे हैं, अब लोकतंत्र के उत्सव में हिस्सा ले रहे हैं. मतदान के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए ताकि मतदाता बिना किसी डर के मतदान कर सकें.

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सीमावर्ती मतदान केंद्रों का महत्व

नियंत्रण रेखा के पास 106 सीमावर्ती केंद्रों पर भी मतदाताओं ने बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इनमें पुंछ जिले के पुंछ हवेली और मेंढर विधानसभा क्षेत्रों के 55 मतदान केंद्र और राजौरी जिले के 51 सीमावर्ती केंद्र शामिल थे. सीमावर्ती इलाकों में मतदान को लेकर चुनाव आयोग ने विशेष प्रबंध किए थे ताकि इन क्षेत्रों के नागरिक भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें.

प्रवासी कश्मीरी मतदाताओं के लिए खास व्यवस्था

कश्मीरी प्रवासी मतदाताओं के लिए भी जम्मू, उधमपुर और दिल्ली में 24 विशेष मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे. चुनाव आयोग ने प्रवासी मतदाताओं की सुविधा के लिए बोझिल प्रक्रियाओं को आसान बनाया और उनके मतदान को सरल एवं सुगम बनाने के उपाय किए.

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विकलांग और बुजुर्ग  के लिए विशेष प्रबंध

चुनाव आयोग ने पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और 40% से अधिक विकलांगता वाले मतदाताओं के लिए घर-मतदान की सुविधा शुरू की। इस सुविधा ने लोकतंत्र को उनके दरवाजे तक पहुंचाया. मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी, जबकि घर-मतदान की वीडियोग्राफी भी की गई.

महिला और दिव्यांग केंद्रों पर खास इंतजाम

चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर न्यूनतम सुविधाओं जैसे पीने का पानी, बिजली, शौचालय, रैंप, हेल्पडेस्क और व्हीलचेयर की व्यवस्था की थी। साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र केवल महिला और दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा संचालित किया गया था.

उत्साहजनक प्रतिक्रिया

दूसरे चरण में मतदाताओं की उत्साहजनक प्रतिक्रिया ने पिछले चरणों और लोकसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत को पार कर लिया. पहली बार मतदान करने वाले युवा मतदाता विशेष रूप से उत्साहित नजर आए, और अपनी स्याही लगी उंगलियों को गर्व से दिखाते हुए लोकतंत्र में अपने विश्वास को व्यक्त किया.
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आखिरी अपडेट

शाम 7 बजे तक दर्ज किए गए 54.11% मतदान के आंकड़े अब भी अपडेट हो रहे हैं, जब तक सभी मतदान केंद्रों से चुनावी दस्तावेज़ और मशीनें वापस नहीं आ जातीं. आवाज द वाॅयस कश्मीर ब्यूरो/ श्रीनगर