संभल फायरिंग घटना: मृतक के परिवारों को 5 लाख रुपये की मदद लेकर पहुंची जमीयत टीम, जताई संवेदना

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 04-12-2024
Sambhal firing incident: Jamiat team reached the families of the deceased with help of Rs 5 lakh, expressed condolences
Sambhal firing incident: Jamiat team reached the families of the deceased with help of Rs 5 lakh, expressed condolences

 

आवाज द वाॅयस /संभल

जमीयत उलेमा-ए-हिंद (JUH) ने फायरिंग घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया. जमीयत के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी और राज्य दीनी तालीमी बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अफ़्फान मंसूरपुरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल आज पीड़ित परिवारों तक पहुंचा.

जमीयत ने अपनी सेवा भावना के तहत प्रत्येक शहीद परिवार को ₹5 लाख की वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया था. यह राशि डिमांड ड्राफ्ट के रूप में तैयार की गई और प्रभावित परिवारों के मुखिया को सौंपी गई.

पुलिस ने जताई आपत्ति


जब प्रतिनिधिमंडल परिवारों तक सहायता राशि और संवेदनाएं व्यक्त करने पहुंचा, तो पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. इस पर मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सख्त आपत्ति जताते हुए कहा,"पीड़ितों की मदद और संवेदना व्यक्त करने से किसी को रोकने का कोई अधिकार नहीं है."

पुलिस के साथ लंबी बातचीत के बाद प्रतिनिधिमंडल ने परिवारों को सहायता राशि सौंप दी और शहीदों के परिजनों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की.

जमीयत का बयान

मुफ्ती मोहम्मद अफ़्फान मंसूरपुरी ने इस मौके पर कहा,"हमारा उद्देश्य केवल पीड़ितों की सहायता करना और उनके दुख में शामिल होना है. यह हमारी धार्मिक और मानवीय जिम्मेदारी है."
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जमीयत अत्याचार के खिलाफ हमेशा खड़ी रही है और आगे भी ऐसे मामलों में न्याय और सहायता के लिए प्रयास करती रहेगी.
 

मृतक के रिवारों ने जताया आभार

मृतक के परिजनों ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मौलाना महमूद मदनी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मदद उनके दुखों को साझा करने का एक बड़ा सहारा है.

इस्लामी शिक्षाओं का पालन

जमीयत के प्रतिनिधियों ने कहा कि पीड़ितों के प्रति संवेदना और उनके कष्ट में सहभागी होना इस्लामी शिक्षाओं का हिस्सा है. उन्होंने वादा किया कि जमीयत आगे भी हर संभव मदद के लिए तैयार रहेगी, चाहे पीड़ित किसी भी धर्म या समुदाय से हों.जमीयत ने यह भी कहा,"हमारी यह कोशिश अल्लाह की रज़ा के लिए है और हमारी मदद का असल मकसद पीड़ितों के दुखों को कम करना है."

इस घटना ने जमीयत के सेवा कार्यों और उनके मानवीय प्रयासों को एक बार फिर रेखांकित किया है, जिससे समाज में समानता और एकता का संदेश मिलता है.