सामवेद की अनुवादित उर्दू किताब का विमोचन, मोहन भागवत बोले लोगों की पूजा के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन लक्ष्य एक हो
मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
लोगों के पूजा करने के तरीके अलग अलग हो सकते हैं लेकिन लक्ष्य एक ही होना चाहिए. किसी को अलग-अलग तरीकों से नहीं लड़ना चाहिए और यह वह संदेश है, जो सभी के लिए प्रासंगिक है और इसे दूसरों को भी देना है. इसकी समझ दुनिया को होना जरूरी है. सभी धर्मों का मार्गदर्शन अलग-अलग नामों से जाना जाता है. ये बातें दिल्ली के लाल किला के पार्क में फिल्म लेखक एवं निर्देशक डॉ. इकबाल दुर्रानी द्वारा हिंदू धर्म के चार वेदों में से एक 'सामवेद' की उर्दू व हिन्दी में अनुवादित पुस्तक के अनावरण पर आयोजित प्रोग्राम में बोलते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहीं.
हर किसी का लक्ष्य एक ही
एक कहानी का हवाला देते हुए, आरएसएस प्रमुख ने कहा कि विभिन्न व्यक्ति अलग-अलग रास्तों का उपयोग करके एक पहाड़ की चोटी पर जा सकते हैं. हालांकि वे यह मान सकते हैं कि दूसरों ने गलत रास्ता अपनाया है, लेकिन ऊपर वाला देख सकता है कि हर कोई एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है.
मोहन भागवत ने अपने संबोधन से पहले सामवेद के एक लाइन को संस्कृत में खुद पढ़ा और हिन्दी में स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज और उर्दू भाषा में इकबाल दुर्रानी ने पढ़ा.
औरंगजेब हार गया और दारा शिकोह जीत गया
किताब के अनुवादक और फिल्म निर्देशक इकबाल दुर्रानी ने अपने संबोधन में कहा कि आज औरंगजेब हार गया और दारा शिकोह जीत गए, सिर्फ दारा शिकोह ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी भी आज जीत गए है. क्योंकि आज से चार सौ साल पहले जिस दारा शिकोह ने सामवेद के अनुवाद का ख्वाब देखा था, लेकिन उसे कत्ल कर दिया गया. आज लाल किला के मैदान में इक़बाल दुर्रानी सामवेद का उर्दू व हिन्दी भाषा में अनुवाद कर के खुद को फख्र महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सामने एक रूहानी ग्रंथ हैं. इसे पढ़ने से रूहानियत अंदर में उतरती है.
पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
इकबाल दुर्रानी ने अपने भाषण में सामवेद के अनुवाद पुस्तक के स्कूलों, कॉलेजों और मदरसा के पाठ्यक्रम में शामिल करने का आग्रह मोदी सरकार से किया. उन्होंने आगे तल्ख शब्द में कहा कि लोग मदरसे के बारे में जानते नहीं, गलत सोच रखते हैं. आप हमसे दोस्ती कीजिए, दूरी मत बनाइए.
कार्यक्रम की शुरुआत द्वीप जला कर की गई. इस मौके पर फिल्म अभिनेता सुनील सेठी, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक डॉक्टर इंद्रेश कुमार, अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख मौलाना उमेर इलियासी, सांसद हंस राज हंस, लोकेश मुनी, शाहिद अख्तर आदि मौजूद थे.
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