फरीदाबाद पहुंचे राजस्थानी फोक सिंगर मामे खान, सूरजकुंड मेले की सांस्कृतिक संध्या में दी शानदार प्रस्तुति

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 09-02-2025
Rajasthani folk singer Mame Khan reached Faridabad and gave a wonderful performance in the cultural evening of Surajkund fair
Rajasthani folk singer Mame Khan reached Faridabad and gave a wonderful performance in the cultural evening of Surajkund fair

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली

सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2025 में राजस्थान की आत्मा जीवंत हो उठी, जब महान कलाकार मामे खान ने अपनी सशक्त लोक और पार्श्व धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की शनिवार की शाम मशहूर सूफ़ी गायक मामे खान के नाम रही है. उनके गीतों ने पर्यटकों को मोहित कर दिया. यह कार्यक्रम राजस्थान और हरियाणा पर्यटन विभाग संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया था.
 
 
हरियाणा के फरीदाबाद के सूरजकुंड में लग रहे 38वें अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला में 8 फरवरी की सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी फोक सिंगर मामे खान ने अपनी प्रस्तुती दी. 
 
मामे खान ने इस मौके पर राजस्थान के गीतों से लोगों का जमकर मनोरंजन किया.
 
उन्होंने शाम का आगाज केसरिया बालमा आवोनी, पधारो म्हारे देश से की. इसके बाद म्हारो प्यारो हिंदुस्तान, म्हारो रंग रंगीलो प्यारो राजस्थान माहौल कोंदेश भक्तिमय बना दिया.
 
 
इसके बाद यहां वहां सारा जहां सारे देख लिया, कही भी तेर जैसा कोई नहीं है गीत ने समा बांध दिया. इस गीत को गाते हुए पर्यटकों के बीच पहुंच गए. उससे पर्यटकों में अलग जोश भर गया. छाप तिलक सब छीन ली रे मोसे नैना मिलाय के गाकर मंत्रमुग्ध कर दिया.
 
वही इसके बाद सानू इक पल चैन ना आवे, सादगी तो हमारी ज़रा देखिए ए°तबार आप के वादे पर कर लियाबात तो सिर्फ़ इक रात की थी मगर इंतिज़ार आप का गाया.
 
राजस्थानी फोक सिंगर मामे खान यह शो गेट नंबर 4 के पास बनी नई चौपाल पर हुआ. 
 
 
2 घंटे के इस लाइव शो में राजस्थान के लोक गीतों सहित उन्होंने कई बालीवुड गीत भी गाए. 
 
मामे खान राजस्थान के एक भारतीय पार्श्व और लोक गायक हैं. मामे खान 2022 में कान फिल्म महोत्सव में रेड कार्पेट पर चलने वाले और कान में भारतीय मंडप में प्रदर्शन करने वाले पहले लोक कलाकार थे.
 
बता दें कि जैसलमेर जिले के लोक कलाकार मामे खान बॉलीवुड में खासे मशहूर हैं. उनके गाए कई गीतों ने फिल्मी पर्दों पर धूम मचाई है, जिसमें ऋतिक रोशन पर फिल्माया फिल्म लक बाय चांस का गीत 'बावो रे बावो' खासा लोकप्रिय हुआ था. इस गीत ने जैसलमेर के मामे खान को बॉलीवुड में भी जगह दी.
 
 
इसके अलावा कोक स्टूडियो में उनके गाए गए 'चौधरी' गीत ने उन्हें सात समंदर पार तक पहचान दिलवाई है. जैसलमेर के इस लोक कलाकार मामे खान को 2016 में GIMA अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
 
मेले में आज कवि डॉ इरशाद कामिल और हरियाणवी लोक कलाकार महावीर गुड्डू
 
9 फरवरी को सूरजकुंड मेले की सांस्कृतिक संध्या में लोगों को मनोरंजन की भरपूर डोज मिलने वाली है. सांस्कृतिक संध्या मे एक तरफ भारतीय कवि डॉ इरशाद कामिल अपनी कविताओं से लोगों का मनोरंजन करेंगे, तो दूसरी तरफ हरियाणवी लोक कलाकार महावीर गुड्डू ​​​​​​​भी हरियाणा के जलवा मंच पर बिखेरेंगे. 
 
 
दोनों की कलाकार कला के बड़े महारथी है. दोनों कलाकार लगातार लोगों का मनोरंजन करेंगे.