पैगंबर मोहम्मद का संदेश, जो हमें बांटे वो सच्चा धर्म नहीं : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 14-09-2024
पैगंबर मोहम्मद का, संदेश जो हमें बांटे वो सच्चा धर्म नहीं : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा
पैगंबर मोहम्मद का, संदेश जो हमें बांटे वो सच्चा धर्म नहीं : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा

 

रईस आलम /नई दिल्ली

पैगंबर हजरत मोहम्मद ने जो जीवन जी कर दिखाया उसे हमें अपने जीवन में उतारना है. उन्होंने अपने किरदार से साबित किया कि गरीबों और मजबूरों की सेवा ही सच्चा धर्म है. कोई भी धर्म बुराई या बांटना नहीं सिखाता. जो हमें बांटे वो हमारा रहबर नहीं . ये बातें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने कही.

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से दिल्ली के लोधी रोड स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने की. इस मौके पर हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई, यहूदी, पारसी और वहाई समुदाय के लोग भी मौजूद थे. 

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय अल्पसंख्य आयोग के सदस्य सैयद शहजादी ने की. उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमें सभी धर्म के लोगों को साथ लेकर चलना है. खुशी का मौका है कि सभी धर्म के लोग आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं. उन्होंने कहा कि हम साथ रहेंगे तभी आगे बढेंगे.


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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रास्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोगं के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि लोगों की सेवा ही अल्लाह से मिलने का रास्ता है. उन्होंने कहा कि शांति का संदेश लेकर पैगंबर मोहम्मद आए थे. जिसे हमे दुनिया में फैलाना है. लालपुरा ने कहा कि  पैगंबर के भाईचारे के संदेश को फैलाना है. अनेकता में एकता का उत्सव मनाना है. 

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत में सर्व धर्म सभा का आयोजन किया जाएगा. जिसमें सभी धर्मों के लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से सारी दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया जाएगा.

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि जो समाज को बांटता है वो हमारा रहबर नहीं हो सकता.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के वाइस प्रेसिडेंट केरसी कैखुशरू देबू ने कहा कि इस्लाम ने सबसे पहले औरतों का सम्मान करना सिखाया.इस्लाम कहता है कि आपके पड़ोस में कोई भूखा नहीं रहना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति का शंदेश देता है ,लेकिन क्या कारण है कि इस्लाम जगत में शांति नहीं है ? उन्होंने कहा कि अगर हम कुरान के अनुसार चलें और अपना जीवन बिताएं तो इस्लाम जगत ही नहीं,  पूरे विश्व में शांति और अमन कायम हो जाएगा.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुफ्ती मो. गुलजार ने कहा कि सबसे पहले ये समझ लीजिए कि अल्लाह सिर्फ मुसलमानों के नहीं, न ही पैगंबर हजरत मोहम्मद सिर्फ मुसलमानों के हैं. समाज को ये गलत संदेश दिया है कि अल्लाह पर सिर्फ मुसलमानों का हक है.

 उन्होंने का आज का 90 फीसद मुसलमान इस्लाम को नहीं पढ़ता. सिर्फ मुसलमान के घर में पैदा हो जाने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता. सच्चे मुसलमान की इच्छा बस इतनी सी है कि इज्जत के साथ जिंदगी गुजारें . जन्नत में दाखिल हो जाए. 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इंसान मात्र को नफा पुहंचाना ही इस्लाम है. उन्होंने कहा कि जब पैगंबर हजरत मोहम्मद आए तो समाज की स्थिति अच्छी नहीं थी. औरतों को समाज में सम्मान नहीं था. उन्होंने औरतों को सम्मान दिलाया. पैगंबर ने कहा कि जो दो बेटियों को प्यार से पालेगा, उसे सम्मान और शिक्षा देगा वो मेरे सबसे करीब होगा. 

इस मौके पर मौजूद मौलाना आसिफ महमूद ने कहा कि इस्लाम का सबसे जरूरी हिस्सा इंसान का अखलाक है. अगर दो लोग एक दूसरे से मिल कर खुश हों और एक दूसरे की जमानत दें कि वो अच्छा आदमी है, यही हमारा अखलाक है.

पैगंबर हजरत मोहम्मद ने यही तालीम दी है. हर आदमी अपने अखलाक को अच्छा करे. इस मौके पर बोलते हुए वहाई समुदाय की नीलाक्षी राजखोआ ने कहा कि हजरत मोहम्मद ने जो शिक्षा दी है उसे अपने जीवन में उतारना आज की सबसे बड़ी जरूरत है.

 उन्होंने लोगों को एकता, प्यार और भाईचारा का जो पाठ पढ़ाया उसका आज सबसे अधिक जरूरत है. इस मौके पर मौलाना अरशद नदवी ने कहा कि सिर्फ हजरत मोहम्मद को पैगंबर मानना ही काफी नहीं, हमें हजरत मूसा और हजरत ईसा को पैगंबर मानना होगा. 


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जैन समाज के धन्य कुमार गुंडई ने कहा कि इस्लाम हमें अंधकार से रोशनी में लेकर आया है. उन्होंने कहा कि सभी धर्म हमें प्यार का संदेश देते हैं . सच तथा इंसानियत के रास्ते पर चलना सिखाते हैं. 

सिख समुदाय के सुरेंद्र सिंह लाली ने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद ने हमें सिखाया  कि बुराई का जवाब भी अच्छाई से देना चाहिए. कारी अब्दुस समीद ने कहा कि आज हर कोई अपना हक मांग रहा है. अल्लाह ने फरमाया  कि तुम हक मांगने वाले नहीं बल्कि हक देने वाले बनो. इससे सारी परेशानी ही खत्म हो जाएगी.

 यहूदी समुदाय के  धर्मगुरू राब्बी मालेकर ने कहा कि कोई भी धर्म लड़ना या लोगों का अपमान करना नहीं सिखाता है. उन्होंने कहा कि नबी की बातों पर चलें और समाज को बेहतर बनाएं.
कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि हम हर हाल में देश और दुनिया में अमन और शांति को बहाल करने में सहयोग देंगे. किसी भी सूरत में समाज को बंटने नहीं देंगे.