आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
जश्न-ए-रेख्ता 2024 के दूसरे दिन का आगाज़ शायरी और अदब के अनोखे संगम के साथ हुआ. इस दिन ने साहित्य प्रेमियों के लिए कई यादगार पलों का तोहफा दिया.शुक्रवार की शाम से शुरू हुआ उर्दू अदब का यह कार्यक्रम अब अपने आखिरी मुकाम पर है. रविवार को इसका तीसरा और आखिरी दिन है.
— Rekhta (@Rekhta) December 14, 2024
रेख्ता बैतबाज़ी का फिनाले
दूसरे दिन का सबसे खास आकर्षण रेख्ता बैतबाज़ी का फिनाले रहा. साहित्य प्रेमियों की भारी मौजूदगी में बज़्म-ए-सुखन के मंच पर यह महाकाव्यात्मक समापन हुआ. इस मौके पर शायरों ने अपने शब्दों से दिलों को छू लिया.
— Rekhta (@Rekhta) December 14, 2024
ग्रैंड मुशायरा
ग्रैंड मुशायरा में मशहूर शायर ओबैद आजम आज़मी ने अपनी शानदार शायरी से समां बांध दिया. इसके अलावा कुतुबी ब्रदर्स ने "अल्लाहु अल्लाहु" पेश किया, जिससे महफ़िल में सूफियाना रंग भर गया.
— Rekhta (@Rekhta) December 14, 2024
साहित्यिक विमोचन और चर्चाएं
महफ़िल-ए-ख़ाना में, जौन एलिया की चर्चित किताब 'क्यूं' का विमोचन मशहूर शख्सियत जावेद अख्तर और हसन कमाल अमरोहवी ने किया. इसी के साथ जावेद अख्तर ने बज़्म-ए-सुखन के मंच से अपनी तीन नई पुस्तकों का विमोचन भी किया.
— Rekhta (@Rekhta) December 14, 2024
खुली निशिस्त
बज़्म-ए-सुखन मंच पर खुली निशिस्त के रूप में एक अनूठा आयोजन हुआ, जिसमें कवियों और साहित्य प्रेमियों ने खुलकर अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त किया. यह मंच मानो अदब का खुला घर बन गया.
— Rekhta (@Rekhta) December 14, 2024
दयार-ए-इज़हार स्टेज पर 'सुखन' का प्रदर्शन
दूसरे दिन की शाम को दयार-ए-इज़हार स्टेज पर "सुखन" का दिलकश प्रदर्शन हुआ, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया.जश्न-ए-रेख्ता का दूसरा दिन साहित्य और कला प्रेमियों के लिए यादगार रहा. इस उत्सव ने अदब और शायरी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया. उत्सव का समापन आज और भी दिलचस्प आयोजनों के साथ होगा.