पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार और तहसीन बेग का सम्मान, कौसरबाग इफ्तार में नई पहल

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 13-03-2025
This is how Pune Police organized a unique 'Dawat-e-Iftar'
This is how Pune Police organized a unique 'Dawat-e-Iftar'

 

आवाज़ द वॉयस मराठी/ पुणे

पूरे देश में रमजान का उत्साह देखा जा रहा है.रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.रोजा और विशेष इबादतें इस महीने की विशेषता हैं.चूंकि मुस्लिम समुदाय पूरे दिन भूखा-प्यासारहता है, इसलिए शाम को रोजा खोलने के लिए विभिन्न स्थानों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.इसे इफ़्तार कहते हैं.

महाराष्ट्र में रमजान अनोखा होता है.विभिन्न धर्मों द्वारा आयोजित 'इफ्तार पार्टियां' यहां रमजान की खासियत हैं.इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विशेष इफ्तार का आयोजन किया जाता है.दिलचस्प बात यह है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ-साथ महाराष्ट्र पुलिस भी इस आयोजन में अग्रणी भूमिका निभा रही है.

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मुस्लिम समुदाय के साथ संबंध मजबूत करने के लिए राज्य भर में पुलिस विभागों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया जाता है.हाल में महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले पुणे में भी इसी तरह का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.

पुणे के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध मुस्लिम बहुल क्षेत्र कोंढवा में कौसरबाग क्षेत्र अपनी खाद्य संस्कृति के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय है.शहर भर से लोग विभिन्न व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए कौसरबाग आते हैं.कौसरबाग क्षेत्र में स्थित पुणे शहर की सबसे बड़ी मस्जिद भी आकर्षण का केंद्र है.

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हालाँकि, यह क्षेत्र अक्सर नकारात्मक कारणों से समाचारों में रहा है.इसलिए यहां का पुलिस विभाग इस क्षेत्र में विशेष सावधानी और देखभाल बरतता है.यहां पुलिस का जनता के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है.पुलिस और मुस्लिम जनता के बीच की खाई पाटने और विश्वास बढ़ाने के लिए पूरे वर्ष विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं.इनमें से एक पहल रमजान के अवसर पर विशेष इफ्तार का आयोजन करना है.

पुणे पुलिस के जोन 4डिवीजन द्वारा कौसरबाग मस्जिद के आसपास एक भव्य इफ्तार का आयोजन किया गया.यह पुणे और महाराष्ट्र के सबसे भव्य इफ्तार आयोजनों में से एक बन गया.इस कार्यक्रम में क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के 800 से 1000 नागरिकों ने भाग लिया.

यह 'दावत-ए-इफ्तार' पुणे पुलिस और मरकजी बैतुल माल के सहयोग से कोंढवा के कौसरबाग इलाके में आयोजित किया गया.इस कार्यक्रम में पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार, संयुक्त पुलिस आयुक्त राजकुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (पूर्व) मनोज पाटिल और अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी उपस्थित थे.कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डीसीपी जोन पांच राजकुमार शिंदे थे.

कार्यक्रम शाम पांच बजे कौसरबाग मस्जिद परिसर में शुरू हुआ.इस समय पूरा मैदान मुस्लिम गणमान्य व्यक्तियों से भरा हुआ था.मंच पर पुणे पुलिस बल के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे.इसके अलावा क्षेत्र के मुस्लिम गणमान्य लोगों तथा वर्तमान व पूर्व पार्षदों को भी मंच पर विशेष स्थान दिया गया.

दिलचस्प बात यह है कि इस कार्यक्रम की मेजबानी तहसील बेग नामक एक मुस्लिम लड़की ने की थी, जो हाल ही में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त हुई थी.इसके पीछे उद्देश्य मुस्लिम समुदाय, विशेषकर युवाओं को उनकी सफलता से प्रेरित करना था.

इस अवसर पर बोलते हुए पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बड़ी संख्या में उपस्थित मुसलमानों को धन्यवाद दिया.उन्होंने समझाया कि इलाके में पुलिस और मुसलमानों के लिए एक साथ काम करना क्यों ज़रूरी है.

 उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि मुस्लिम समुदाय और पुलिस प्रशासन को एक साथ आकर इलाके में ड्रग्स और गुंडागर्दी जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं को दूर करने के लिए योजना बनानी चाहिए.उन्होंने इस बारे में मार्गदर्शन दिया कि क्षेत्र से अवैध गतिविधियों को हटाने के लिए नागरिकों के सहयोग का किस प्रकार उपयोग किया जाना चाहिए.

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रमजान के दौरान, लोग न केवल शहर भर से बल्कि राज्य और देश भर से कौसरबाग क्षेत्र में खाद्य स्टालों पर आते हैं.इस दौरान यहां काफी भीड़ और यातायात रहता है.पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि पुलिस रमजान के दौरान क्षेत्र के व्यापारियों और नागरिकों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

जैसे ही यह घोषणा की गई कि इफ्तार का समय हो गया है, पुलिस आयुक्त ने दो छोटी लड़कियों के साथ इफ्तार किया.उन्हें खजूर खिलाए.मंच पर उपस्थित अधिकारियों ने कार्यक्रम में उपस्थित मुस्लिम समुदाय के साथ इफ्तार भी किया.

इस अवसर पर पुणे पुलिस बल में हाल ही में सब-इंस्पेक्टर के रूप में शामिल हुई तहसीन बेग को पुलिस आयुक्त द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया.इस युवती के लिए मुस्लिम समुदाय के समक्ष एक आदर्श स्थापित करने के लिए इस सम्मान समारोह को आयोजित करने में पुणे पुलिस की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय थी.

सम्मान के बारे में बात करते हुए तहसीन कहती हैं, "पुलिस कमिश्नर द्वारा मेरे समुदाय के सामने दिए गए सम्मान से मैं अभिभूत हूं.मैं बहुत खुश हूं.अब मुझ पर जिम्मेदारी बढ़ गई है."इस सम्मान समारोह के पीछे की भूमिका को समझाते हुए तहसीन कहती हैं, "समारोह का खास उद्देश्य समाज को एक सकारात्मक संदेश देना था.

मेरे जैसा साधारण मुस्लिम परिवार का व्यक्ति भी कड़ी मेहनत के दम पर बड़ी सफलता हासिल कर सकता है.समाज की अन्य लड़कियों को भी उसका अनुसरण करना चाहिए.इस सम्मान समारोह के लिए मैं अपने अधिकारियों की विशेष रूप से आभारी हूं." 'आवाज़' से बातचीत में तहसीन ने इच्छा जताई कि अधिक से अधिक मुस्लिम युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करें और अधिकारी बनकर समाज और देश की सेवा करें.

मरकजी बैतुल माल सामाजिक संस्था, कौसरबाग मस्जिद ट्रस्ट के ट्रस्टी और क्षेत्र के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सलीम शेख ने संगठन की भूमिका प्रस्तुत की.उन्होंने कहा, "कोंढवा क्षेत्र पुणे में सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र के रूप में जाना जाता है.यहां की आबादी की तुलना में बुनियादी ढांचा खराब है.

इसलिए, यातायात से लेकर कानून और व्यवस्था तक कई समस्याओं को हल करने के लिए पुलिस को अक्सर मदद की आवश्यकता होती है.दूसरी ओर, पुलिस कानून और व्यवस्था के लिए मुस्लिम समुदाय से सहयोग की अपेक्षा करती है.

रमजान के दौरान, क्षेत्र में आगंतुकों की संख्या काफी बढ़ जाती है.ऐसे में, न तो समुदाय और न ही पुलिस चीजों को सुचारू कर सकती है.इसलिए, समुदाय को पुलिस की जरूरत है.पुलिस को समुदाय की जरूरत है.दोनों का एक साथ आना आवश्यक और महत्वपूर्ण है.इस भूमिका को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया."

सलीम शेख ने इस कार्यक्रम के महत्व को समझाते हुए कहा, "मुस्लिम समुदाय में पुलिस के प्रति अकारण ही भय और अक्सर अविश्वास का माहौल बना रहता है.पुलिस बल हमेशा दोनों के बीच की खाई को पाटने के लिए विशेष प्रयास करता है.मुस्लिम सामाजिक संगठन भी इन प्रयासों में सहयोग करते हैं.

आज की इफ्तार पार्टी ऐसे ही प्रयासों के तहत आयोजित की गई.क्षेत्र के सैकड़ों नागरिक इस कार्यक्रम में स्वस्फूर्त रूप से शामिल हुए.पुलिस और मुस्लिम समुदाय के लिए यह आवश्यक है.वे इसी तरह एक-दूसरे का सहयोग करें.समुदाय की प्रगति,क्षेत्र और अंततः देश की सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य के लिए संयुक्त प्रयास करें."

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कौसरबाग में आयोजित इस अनूठे इफ्तार कार्यक्रम ने न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश के लिए आपसी सहयोग और सद्भाव का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.इस पहल से प्रेरित होकर आने वाले दिनों में पूरे महाराष्ट्र में ऐसी और पहल लागू की जाएंगी.इससे निश्चित रूप से पुलिस बल और मुस्लिम समुदाय के बीच सहयोग और विश्वास का रिश्ता और मजबूत होगा!