मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
यूनानी चिकित्सा पद्धति, जो सदियों पुरानी और प्रभावी मानी जाती है, को सस्ती और असरदार चिकित्सा के रूप में आम जनता के बीच पहुंचाने का उद्देश्य लेकर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में अपना 96वां मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित किया.
इस अवसर पर हिमालया ड्रग के निदेशक डॉ. सैयद फारूक ने शिविर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यूनानी चिकित्सा लोगों की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई सुनिश्चित करने की सबसे बड़ी क्षमता रखती है. यह पद्धति, जो विभिन्न सभ्यताओं के श्रेष्ठ ज्ञान से समृद्ध है, न केवल सस्ती है बल्कि इसका असर भी काफी प्रभावी होता है.
यूनानी तिब्बी कांग्रेस के 96वें मुफ्त शिविर का आयोजन
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस का यह 96वां मुफ्त चिकित्सा शिविर कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा. डॉ. सैयद फारूक ने शिविर में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसे शिविर आयोजित करने से जनता को यूनानी चिकित्सा के फायदे मिलते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यूनानी तिब्बी कांग्रेस का यह 96वां शिविर इस बात का प्रतीक है कि यह संस्था लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है.
डॉ. फारूक ने बताया कि यूनानी चिकित्सा न केवल बीमारी के इलाज में कारगर है, बल्कि यह रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देती है। शिविर के आयोजन में फार्मास्युटिकल संस्थानों की भूमिका भी अत्यधिक रही है, जो लोगों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने में योगदान दे रहे हैं.
यूनानी दवाओं की सस्ती और लाभदायक विशेषताएं
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉ. सैयद अहमद खान ने शिविर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यूनानी चिकित्सा सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी है, जो आम जनता के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि इस शिविर का उद्देश्य लोगों को यूनानी दवाओं के बारे में जागरूक करना और उन्हें इस चिकित्सा पद्धति से लाभान्वित करना है.
डॉ. खान ने यह भी बताया कि इस शिविर में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उन्हें मुफ्त दवाएं दी गईं. शिविर में उपस्थित डॉक्टरों ने न केवल मरीजों की जांच की बल्कि उन्हें यूनानी चिकित्सा से जुड़े सुझाव भी दिए.
यूनानी चिकित्सा: एक प्राचीन और प्रभावी पद्धति
डॉ. सैयद अहमद खान ने कहा कि यूनानी चिकित्सा पद्धति दुनिया की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है. इसमें शरीर के चार प्रमुख तत्वों—कफ, रक्त, पित्त और पसीना—के आधार पर रोगों का निदान किया जाता है. यह चिकित्सा पद्धति इस सिद्धांत पर आधारित है कि आग, हवा, पानी और पृथ्वी के तत्व शरीर की स्वास्थ्य स्थितियों को नियंत्रित करते हैं. जब इन तत्वों का संतुलन बिगड़ता है, तब बीमारियां उत्पन्न होती हैं.
रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना यूनानी चिकित्सा का उद्देश्य
शिविर के संयोजक और पत्रकार अब्दुल बारी मसूद ने कहा कि यूनानी चिकित्सा का उद्देश्य न केवल बीमारियों का इलाज करना है, बल्कि बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना भी है. यूनानी चिकित्सा पद्धति का प्रमुख सिद्धांत है कि शरीर के सभी तत्वों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है, ताकि व्यक्ति स्वस्थ रहे। यह चिकित्सा पद्धति मानव शरीर और पर्यावरण के संबंध को भी समझती है, और इसे ध्यान में रखते हुए इलाज के तरीके अपनाए जाते हैं.
अब्दुल बारी, संयोजक
100वें मुफ्त शिविर की ओर कदम
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस जल्द ही अपने 100वें मुफ्त शिविर के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रही है. इस आयोजन में शामिल होकर डॉ. सैयद फारूक और अन्य डॉक्टरों ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में यूनानी चिकित्सा पद्धति को और भी ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा.
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख डॉक्टरों में डॉ. अब्दुल सालेह, डॉ. एहसान अहमद सिद्दीकी, डॉ. मिर्जा आसिफ बेग, डॉ. मोहम्मद अरशद, हकीम अफताब आलम खान, डॉ. शकील अहमद, डॉ. कमरुद्दीन, डॉ. मोहम्मद आसिफ सैफी शामिल थे, जिन्होंने शिविर में आए मरीजों की जांच की और उन्हें मुफ्त दवाएं दीं.
यूनानी चिकित्सा की इस पुरानी और प्राचीन पद्धति को बढ़ावा देने का काम ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस पूरी गंभीरता के साथ कर रही है, और भविष्य में इसके और भी प्रभावी परिणाम देखने को मिल सकते हैं.