फ़िरोज़ रोज़िंदर /बेंगलुरु
रोमांच और पर्यटन के प्रति जुनून को मिलाकर अनन्या आर ने तीन महीने की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू की है, जिसमें वे कर्नाटक के सभी 31 जिलों में साहसिक पर्यटन स्थलों की खोज कर रही हैं. अब तक अनन्या ने 20 जिलों का सफर पूरा कर लिया है. उनकी यात्रा अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रही है.
बेंगलुरु के लैगरे की रहने वाली 25 वर्षीय अनन्या आर, जिन्होंने पर्यटन और यात्रा प्रबंधन में मास्टर डिग्री प्राप्त की है, एक अनोखे मिशन पर हैं.। उनका उद्देश्य कर्नाटक की एडवेंचर पर्यटन क्षमता को उजागर करना और यह साबित करना है कि महिलाएँ अकेले भी सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से सुरक्षित यात्रा कर सकती हैं.
उन्होंने 25 जनवरी को अपनी यात्रा शुरू की थी. अब तक रामनगर, कोडागु, कारवार, बादामी, बांदीपुर, चिकमंगलूर, शिवमोगा सहित 20 जिलों का सफर पूरा कर चुकी हैं.
प्रत्येक जिले में उन्होंने अलग-अलग रोमांचक गतिविधियों का अनुभव किया, जैसे कि कोडागु में रिवर राफ्टिंग, कारवार में पैरासेलिंग, बादामी में रॉक क्लाइम्बिंग और बांदीपुर में जंगल सफारी..
यात्रा का वर्तमान चरण और आगे की योजना
मार्च के अंत तक अनन्या 11 और जिलों की यात्रा पूरी करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं. अगले चरण में वे दक्षिण कर्नाटक के जिलों का दौरा करेंगी, जहाँ वे ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों में हिस्सा लेंगी. अनन्या का कहना है, "अब तक की यात्रा रोमांचक रही है, और मैं बाकी जिलों में और अधिक अनूठे अनुभवों का इंतजार कर रही हूँ."
परिवार और प्रशासन का सहयोग
अनन्या की इस यात्रा में उनके परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है. उनकी माँ रेखा, जो खुद भी एडवेंचर की शौकीन रही हैं. अपनी बेटी को इस यात्रा के लिए प्रेरित करती रही हैं. इसके अलावा, जनरल थिमैया नेशनल एकेडमी ऑफ एडवेंचर और केएसटीडीसी से भी उन्हें समर्थन मिल रहा है, जिससे उन्हें कुछ स्थानों पर मुफ्त आवास और भोजन की सुविधा मिली है.
सार्वजनिक परिवहन का विशेष उपयोग
अनन्या केवल सार्वजनिक परिवहन – बस, ट्रेन और साझा वाहनों का उपयोग कर रही हैं, ताकि वे स्थानीय लोगों के साथ घुल-मिल सकें. कर्नाटक की विविधता को करीब से देख सकें. उन्होंने कहा, "सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करना न केवल सस्ता है बल्कि यह स्थानीय लोगों की जीवनशैली को समझने में भी मदद करता है."
अपनी यात्रा के माध्यम से अनन्या एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ महिलाओं को भी प्रेरित करना चाहती हैं कि वे बेझिझक यात्रा कर सकती हैं.उन्होंने कहा
, "अगर आपमें आत्मविश्वास है और आप सही योजना बनाते हैं, तो अकेले यात्रा करना मुश्किल नहीं है,"
अनन्या की यात्रा का अंतिम पड़ाव अप्रैल की शुरुआत में समाप्त होगा, जिसके बाद वे अपने अनुभवों को एक ब्लॉग और डॉक्यूमेंट्री के रूप में प्रस्तुत करने की योजना बना रही हैं.द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से साभार