मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली
भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर एक ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बना, जब इस्लामी विद्वान और अनुवादक डॉ. जफरुल इस्लाम खान द्वारा किए गए पवित्र कुरान के नवीनतम अंग्रेजी अनुवाद का औपचारिक विमोचन किया गया. इस अनुवाद का उद्देश्य केवल मुस्लिम समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से जुड़े लोगों को कुरान की शिक्षाओं से परिचित कराने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
इस अवसर पर डॉ. जफरुल इस्लाम ने कहा, "आज के दौर में कुरान का ऐसा अनुवाद आवश्यक है जो सरल और आधुनिक अंग्रेजी में हो, ताकि इसे पढ़ने और समझने में किसी को कठिनाई न हो.
अंग्रेजी विश्व की सबसे व्यापक रूप से बोली और समझी जाने वाली भाषा बन चुकी है, लेकिन अब तक उपलब्ध अंग्रेजी अनुवाद कई स्थानों पर जटिल भाषा शैली में हैं, जिससे पाठकों को अर्थ समझने में कठिनाई होती है. इस नए अनुवाद को इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है."
डॉ. खान ने यह भी बताया कि इस अनुवाद में केवल प्रमाणिक और प्रारंभिक अरबी स्रोतों का उपयोग किया गया है, जिससे इसकी विश्वसनीयता बनी रहे. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अनुवाद किसी भी दार्शनिक, न्यायशास्त्रीय या भाषाई बहस में न उलझते हुए, मूल संदेश को सरलता से प्रस्तुत करता है.
उनका मानना है कि इस्लाम की शिक्षाओं को समझने में सरलता होनी चाहिए, ताकि यह ज्ञान केवल मुसलमानों तक सीमित न रहे, बल्कि अन्य धर्मों के लोगों तक भी पहुंचे.
हज यात्रा के दौरान लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
डॉ. जफरुल इस्लाम खान ने कुरान के इस अनुवाद की शुरुआत के बारे में बताते हुए कहा कि जब वे वर्ष 2010 में अपनी पत्नी के साथ हज यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने मस्जिद-ए-हराम में यह संकल्प लिया कि वे इस कार्य में अब और देरी नहीं करेंगे.
हज यात्रा से लौटने के बाद, जनवरी 2011 में उन्होंने अनुवाद पर कार्य शुरू किया. शुरुआती वर्षों में काम धीरे-धीरे आगे बढ़ा, लेकिन 2020 से 2023 तक उन्होंने पूरी तरह से खुद को इस कार्य में समर्पित कर दिया.
शिक्षाविदों और विद्वानों की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं
इस ऐतिहासिक अवसर पर इस्लामी विद्वानों और शिक्षाविदों ने डॉ. खान के इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की.जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर ने कहा कि यह अनुवाद अत्यंत सरल भाषा में है, जिसे समझने के लिए किसी शब्दकोष की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. इसमें कुरान के बारे में पूछे जाने वाले प्रमुख प्रश्नों के उत्तर विस्तारपूर्वक दिए गए हैं.
रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी ने इसे एक अत्यंत परिश्रमपूर्ण और प्रामाणिक प्रयास बताया, जिससे लाखों लोगों को लाभ मिलेगा.जामिया मिल्लिया इस्लामिया के अरबी विभाग के प्रोफेसर अब्दुल मजीद काजी ने इस अनुवाद के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इसे पूरा पढ़ने के बाद उन्होंने पाया कि यह अत्यंत सुंदर और उत्कृष्ट है.
उन्होंने कहा कि किसी भी पुस्तक का अनुवाद करते समय उसके मूल संदेश को बनाए रखना कठिन होता है, लेकिन डॉ. खान ने इस चुनौती को सफलता पूर्वक पूरा किया है..
जेएनयू के अरबी विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद कुतुबुद्दीन ने कहा कि यह अनुवाद न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह महिलाओं के हिजाब, धिम्मियों के अधिकार, आधुनिक प्रवास, और अल्पसंख्यकों के मुद्दों जैसे विषयों को भी स्पष्ट करता है..
जामिया हमदर्द के इस्लामिक अध्ययन विभाग के डॉ. वारिस मजहरी ने इस अनुवाद को सरल, व्यापक और सुलभ बताया. उन्होंने कहा कि डॉ. खान का यह कार्य इस्लामी अध्ययन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है.
डॉ. जफरुल इस्लाम खान – एक प्रतिष्ठित इस्लामी विद्वान
डॉ. खान एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, लेखक और अनुवादक हैं. उन्होंने मिस्र के प्रतिष्ठित अल-अजहर विश्वविद्यालय और काहिरा विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, और ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि हासिल की.वे अब तक अरबी, अंग्रेजी और उर्दू में 50 से अधिक पुस्तकों का संकलन और अनुवाद कर चुके हैं.
ऑनलाइन उपलब्ध है कुरान का यह अनुवाद
कार्यक्रम की शुरुआत कुरान की तिलावत से हुई. इस दौरान जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग का संदेश पढ़ा गया, जो दिल्ली से बाहर होने के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सके.
समारोह की अध्यक्षता डॉ. सैयदा सईदीन हामिद ने की, जबकि संचालन वरिष्ठ उर्दू पत्रकार और लेखक मासूम मुरादाबादी ने किया.
डॉ. खान द्वारा किया गया यह अनुवाद ऑनलाइन भी उपलब्ध है। इसे https://thegloriousquran.net/ पर पढ़ा जा सकता है.
कुरान का यह नवीनतम अंग्रेजी अनुवाद न केवल मुसलमानों को उनकी धार्मिक शिक्षाओं को समझने में मदद करेगा, बल्कि यह अन्य धर्मों के लोगों के लिए भी इस्लाम की मूल शिक्षाओं को स्पष्ट करेगा. एक व्यापक, सरल और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया गया यह अनुवाद आने वाले वर्षों में ज्ञान और प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा.