‘ हर घर तिरंगा ’ अभियान से बिहार के एक शहर में राष्ट्रीय ध्वज निर्माण ने जोर पकड़ा

Story by  जितेंद्र पुष्प | Published by  [email protected] | Date 13-08-2024
National flag making gained momentum in a city of Bihar due to 'Har Ghar Tiranga' campaign
National flag making gained momentum in a city of Bihar due to 'Har Ghar Tiranga' campaign

 

जितेंद्र पुष्प/ गया ( बिहार )

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान के आह्वान के बाद, बिहार के गया जिले में तिरंगे के निर्माण ने तेजी पकड़ ली है. गया के खादी ग्रामोद्योग समिति लक्खीबाग, मानपुर, ग्राम निर्माण मंडल और अन्य खादी संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का निर्माण जोर-शोर से चल रहा है.

गया के लक्खीबाग स्थित जयप्रकाश नगर के ग्राम निर्माण मंडल ने 15 अगस्त के लिए तिरंगा, गांधी टोपी, खादी के कुर्ते और बंडी के निर्माण का कार्य तीन महीने पहले  शुरू कर दिया था. मोहम्मद मुस्तफा, जो गया शहर के नादरगंज मोहल्ला के निवासी हैं.

पिछले 40 वर्षों से ग्राम निर्माण मंडल और खादी ग्रामोद्योग समिति लक्खीबाग में तिरंगा, गांधी टोपी, खादी के कुर्ते, बंडी, और शर्ट आदि के निर्माण में लगे हुए हैं. उनके पिता मरहूम शकूर हुसैन भी इसी काम से जुड़े थे.

The production of the national flag Tricolor is in full swing by Khadi institutions including Khadi Village Industries Committee, Village Construction Board Gaya

सगीर अंसारी, जो गया के कोंच के निवासी हैं, पिछले 5 सालों से ग्राम निर्माण मंडल में तिरंगा, गांधी टोपी, खादी के कुर्ते और बंडी का निर्माण कर रहे हैं. मोहम्मद निसार अंसारी बुनकर कारीगर हैं. पिछली दो पीढ़ियों से ग्राम निर्माण मंडल में खादी और रेशम वस्त्रों की बुनाई हस्त करघा पर कर रहे हैं. उनके बुने खादी के कपड़ों से तिरंगे झंडे बनाए जाते हैं.

असगरी खातून, एक कत्ती बुनकर हैं. चरखे पर रुई से सूत बनाकर बोबिन भरती हैं, जिससे खादी या रेशम के कपड़े का निर्माण होता है. यहां कई मुस्लिम परिवार तिरंगे के निर्माण में सूत काटने से लेकर कपड़े की बुनाई, धुलाई, रंगाई, सिलाई और अशोक चक्र की छपाई  के कार्य में वर्षों से लगे  हैं.

ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोद्योग समिति लक्खीबाग के कार्यालय सचिव अनिल कुमार ने बताया, " तिरंगे के निर्माण में 200 से अधिक कारीगर पिछले तीन महीनों से जुटे हुए हैं.  एक महीने से झंडे की सिलाई युद्ध स्तर पर जारी है, जिसमें बड़ी संख्या में मुस्लिम परिवार शामिल हैं."

उन्होंने यह भी बताया कि मगध क्षेत्र में ग्राम निर्माण मंडल और खादी ग्रामोद्योग समिति पिछले 70 वर्षों से खादी के तिरंगे का निर्माण और बिक्री कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान के कारण तिरंगे की बिक्री में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

इस वर्ष 15 अगस्त के लिए 10,000 तिरंगे की बिक्री का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 7,000 तिरंगे का निर्माण किया जा रहा है. शेष तिरंगे पहले से स्टॉक में हैं, जिन्हें बिहार के विभिन्न जिलों जैसे गया, नवादा, औरंगाबाद, अरवल, और जहानाबाद के खादी विक्रय केंद्रों पर भेजा जा रहा है. ग्राम निर्माण मंडल 100 रुपये से 500 रुपये मूल्य के तिरंगे का निर्माण कर रहा है. ऑर्डर के अनुसार भी झंडे का निर्माण किया जा रहा है.