राष्ट्रीय सर्वधर्म संत सम्मेलन: पंजाब के राधा स्वामी सत्संग ब्यास में ऐतिहासिक समागम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-02-2025
National All Religion Saint Conference: Historical gathering at Radha Soami Satsang Beas in Punjab
National All Religion Saint Conference: Historical gathering at Radha Soami Satsang Beas in Punjab

 

आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली,ब्यास( पंजाब)

भारत की धार्मिक समरसता और सहिष्णुता की महान परंपरा को और सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए, देश के प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं ने पंजाब स्थित राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास में एकत्र होकर सर्वधर्म एकता को मजबूत करने का संकल्प लिया.

हाजी सैयद सलमान चिश्ती के नेतृत्व में आयोजित इस विशेष समागम का आयोजन "भारतीय सर्वधर्म संसद" के तत्वावधान में किया गया. इस अवसर पर राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक प्रमुख बाबाजी और हज़ूर जी की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया.

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'वसुधैव कुटुंबकम' की भावना को दिया बल

यह समागम भारत की आध्यात्मिक परंपरा "वसुधैव कुटुंबकम" (संपूर्ण विश्व एक परिवार है) की भावना को सुदृढ़ करने के लिए आयोजित किया गया था. इस दौरान उत्तर भारत के ज़ोनल सचिव श्री गुरविंदर सिंह जी ने प्रतिनिधिमंडल को डेरा ब्यास के 10,000 एकड़ में फैले विशाल परिसर का दौरा कराया.

इस दौरे में भव्य लंगर व्यवस्था, आधुनिक शिक्षण संस्थान, छात्रावास, चिकित्सा सुविधाएं और हजारों स्वयंसेवकों (सेवादारों) द्वारा किए जा रहे नि:स्वार्थ सेवा कार्यों से परिचित कराया गया.

सर्वधर्म संतों का अद्वितीय समागम

इस पावन अवसर पर भारत के विभिन्न धार्मिक समुदायों से जुड़े प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु एवं संतों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:

  1. महारिषि भृगु पीठाधीश्वर श्री गुरुजी गोस्वामी सुशील जी महाराज (अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय समन्वयक, भारतीय सर्वधर्म संसद)

  2. हाजी सैयद सलमान चिश्ती (गद्दीनशीन, दरगाह अजमेर शरीफ और चेयरमैन, चिश्ती फाउंडेशन)

  3. आचार्य श्री विवेक मुनि जी (संस्थापक, आचार्य सुशील मुनि मिशन)

  4. परमजीत सिंह चंडोक (सलाहकार, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति)

  5. रेवरेंड फादर सेबेस्टियन कोलिथानम (संस्थापक प्राचार्य, जीसस एंड मैरी कॉन्वेंट स्कूल, ग्रेटर नोएडा)

  6. वेन. भिक्षु संघसेना (संस्थापक, महाबोधि इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर, लद्दाख)

  7. वीर सिंह हितकारी जी (रविदासिया पंथ के आध्यात्मिक नेता)

  8. श्री ध्यानाचार्य डॉ. अजय जैन जी (जैन धर्मगुरु)

  9. श्री शाहीन कासमी जी (संस्थापक, वर्ल्ड पीस फाउंडेशन)

  10. श्री मर्जबान नारिमन ज़ैवाला (पारसी धर्म प्रतिनिधि)

  11. स्वामी शिवनाथ जी (राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय वाल्मीकि साधु समाज)

सर्वधर्म एकता पर हुई गहन चर्चा

इस महत्वपूर्ण आयोजन में सर्वधर्म एकता, आपसी सम्मान, सहयोग और भारत की समृद्ध आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई. धर्मगुरुओं ने इस बात पर जोर दिया कि समानता, करुणा और भाईचारे की भावना से ही समाज में शांति और स्थिरता लाई जा सकती है.

हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा, "यह पवित्र संगम यह सिद्ध करता है कि सभी धर्मों का मूल संदेश प्रेम, सेवा और एकता है। हमें हमेशा करुणा, सम्मान और सौहार्द के मार्ग पर चलना चाहिए, ताकि एक शांतिपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके."

श्री गुरुजी गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा, "भारत सदा से विभिन्न धार्मिक परंपराओं का संगम स्थल रहा है. यह सम्मेलन हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को दर्शाता है कि हमें अपनी संस्कृति और आध्यात्मिकता को विश्व पटल पर साझा करना चाहिए. यह समागम पूरी दुनिया के लिए आशा की एक किरण है."

वेन. भिक्षु संघसेना ने कहा, "आज के दौर में, आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान के माध्यम से ही हम समाज में अहिंसा, शांति और एकता को मजबूत कर सकते हैं."

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बाबाजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों का आध्यात्मिक संदेश

इस अवसर पर राधा स्वामी सत्संग ब्यास के आध्यात्मिक प्रमुख बाबाजी गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने प्रतिनिधिमंडल को प्रेरणादायक आध्यात्मिक संदेश दिया. उन्होंने कहा, "सच्ची आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग नि:स्वार्थ प्रेम और सेवा में निहित है. हमें हर व्यक्ति में ईश्वरीय अंश को पहचानना चाहिए और करुणा को अपनी जीवनशैली का अभिन्न अंग बनाना चाहिए. दूसरों की सेवा करने से हम उस एकता को पोषित कर सकते हैं, जो संपूर्ण मानवता को जोड़ती है."

राधा स्वामी सत्संग ब्यास: सेवा और अध्यात्म का संगम

राधा स्वामी सत्संग ब्यास सेवा और आध्यात्मिक शिक्षा के अपने महान कार्यों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. यहां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और वृहद स्तर पर खाद्य वितरण जैसी सेवाओं के माध्यम से समाज कल्याण के लिए अनगिनत प्रयास किए जाते हैं. यह संस्था "सेवा" (निस्वार्थ सेवा) के सिद्धांत को अपनाकर मानवता की सेवा कर रही है.

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शांति और सहयोग के लिए सर्वधर्म प्रार्थना

समापन के अवसर पर विश्व शांति और धार्मिक सौहार्द के लिए एक सर्वधर्म प्रार्थना आयोजित की गई. भारतीय सर्वधर्म संसद ने संकल्प लिया कि वे विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच प्यार, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य करेंगे.भारत की वैश्विक आध्यात्मिक नेतृत्व की भूमिका

इस महत्वपूर्ण समागम ने भारत की वैश्विक आध्यात्मिक नेतृत्व की भूमिका को और मजबूत किया है। यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि जब धर्मगुरु और आध्यात्मिक नेता एक मंच पर एकत्र होकर सर्वधर्म समभाव और एकता का संदेश देते हैं, तो यह संपूर्ण मानवता के लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत बनता है.

यह ऐतिहासिक पहल भारत की 'एकता में अनेकता' की परंपरा को और सुदृढ़ करते हुए पूरी दुनिया को शांति, सहिष्णुता और सद्भावना का मार्ग दिखाने का प्रयास है.