गुलाम कादिर /नागपुर
इस्लामिक कल्चरल सेंटर का नाम बदलकर अब "उर्दू घर" कर दिया गया है. इस इमारत को महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक विभाग ने अपने नियंत्रण में ले लिया है. अब इसे "उर्दू घर" के नाम से जाना जाएगा.इस इमारत का उद्देश्य उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए वाचनालय और पुस्तकालय की सुविधा प्रदान करना है.
इसके अलावा, तीन सरकारी कर्मचारी इस केंद्र के संचालन के लिए नियुक्त होंगे. इसका प्रबंधन कलेक्टर द्वारा किया जाएगा. 2017 के सरकारी आदेश (जीआर) के दिशा-निर्देशों में उल्लेखित है.सीएसआर अध्यक्ष और सैफ खान ने 2017 में इस इमारत के लंबित कार्य को पूरा करने के लिए एनआईटी (नागपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट) के अध्यक्ष से मुलाकात की थी.
इसके बाद, कलेक्टर के माध्यम से एनआईटी ने अल्पसंख्यक विभाग को फंडिंग के लिए प्रस्ताव भेजा. सरकार ने इस इमारत को उर्दू घर के रूप में पुनः विकसित करने के लिए 2018 में प्रारंभिक रूप से 50 लाख रुपये और फिर 2023 में 4.5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी.
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— Malik Asgher Hashmi (@mauji_baba) October 7, 2024
इस्लामिक कल्चरल सेंटर हुआ अब उर्दू घर pic.twitter.com/9Pk9sNcoVx
यह इमारत अब एक खूबसूरत ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी और कॉन्फ्रेंस रूम से सुसज्जित है. यह नागपुर के मुसलमानों के लिए एक अद्वितीय उपहार है, बशर्ते इसका उपयोग और प्रबंधन सही तरीके से किया जाए.