कांवड़ियों पर मुस्लिमों ने बुलडोजर से बरसाए फूल

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 16-02-2023
 कांवड़ियों पर मुस्लिमों ने बुलडोजर से बरसाए फूल
कांवड़ियों पर मुस्लिमों ने बुलडोजर से बरसाए फूल

 

एम मिश्र /लखनऊ

गंगा-जमुनी तहजीब का जिक्र होता है तो बरबस ही उत्तर प्रदेश में समाहित अवध क्षेत्र का नाम जुबां पर आ जाता है. नवाबों के शहर लखनऊ से सटे बाराबंकी में बुधवार को हिंदू—मुस्लिम भाईचारा की मिसाल पर सुनहरी वर्क चढ़ाने वाली ऐसी ही एक तस्वीर लोगों में जेहन में कौंधी. 

हाजी वारिस अली शाह की सूफियाना फितरत में रचे—बसे बाराबंकी में इन दिनों महादेवा मेला चल रहा है. देवा शरीफ से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस पांडवकालीन शिव मंदिर में कांवड़िये गंगा का जल लेकर अपने आराध्य का अभिषेक करने के लिए जुट रहे हैं. घुंघरूओं की छम—छम और बम—बम भोले की लयबंदी ने बाराबंकी शहर के मुस्लिमों के दिलो—दिमाग को भी कौमी एकता से सराबोर कर दिया.
 
लखनऊ—अयोध्या हाईवे पर गुजर रहे इन कांवड़ियों की आवभगत के लिए जहां हिंदुओं की टोली जुटी थी तो वहीं मुस्लिम भी हाथों में फूल लिए इन पर बरसाने के लिए उमड़े. डीएम आवास के करीब जैसे ही कांवड़ियों की टोली पहुंची वहां जमा मुस्लिम भाइयों ने उन पर जमकर फूल बरसाए. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांवड़ियों के जलपान के लिए स्टॉल लगाया.
 
बड़ी ही अकीदत के साथ उन्होंने गुजर रहे शिवभक्तों को फल, पानी व चाय पिलाई.बकायदा मुस्लिम भाइयों ने कांवड़ियों पर फूल बरसाने के लिए बुलडोजर का भी इंतजाम किया. इस पर खड़े होकर उन्होंने शिवभक्तों की टोली का स्वागत फूलों से किया. वहीं शिवभक्ती में लीन मुस्लिम समुदाय के लोग कांवड़ियों की सेवा में लगे रहे। कांवड़ियों को बुला कर जलपान कराने में सेवादार जुटे रहे. 
 
बता दें कि बाराबंकी के देवा जहां पांडवकालीन शिव मंदिर के लिए हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है तो सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की कर्मस्थली के तौर पर भी पहचाना जाता है. वारिस अली शाह की मजार पर देश और दुनिया भर से लोग चादरपोशी करने और मुरादें लेकर आते हैं. इन अकीदतमंदों में मुस्लिम के अलावा हिंदू समुदाय के लोग भी शामिल हैं. 
 
दरअसल, कार्तिक मास में देवा शरीफ मेला के बाद फाल्गुन मास में बाराबंकी महादेवा मेला से गुलजार रहता है. महाशिवरात्रि का इन दिनों मेला चल रहा है, जो 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन शिव के जलाभिषेक के साथ संपन्न होगा.
 
शिवभक्तों का कानपुर से गंगा का जल लेकर बड़ी संख्या में महादेवा पहुंचने का सिलसिला जारी है. डीजे की धुन पर थिरकते शिवभक्तों का उत्साह चरम पर है. उनके स्वागत के लिए जगह-जगह शिविर लगाकर उन्हें प्रसाद ग्रहण कराया जा रहा है. वहीं उनके ठहरने का इंतजाम भी किया गया है.
 
यहां पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सड़क के किनारे कांवरियों के जाने के लिए बाराबंकी से महादेवा तक बड़े वाहनो का प्रवेश पूरी तरीके से ठप है जो महाशिव रात्रि के बाद ही खोला जाएगा.