Pahalgam attack: तस्वीरों में देखिए, कैसे देशभर के मुसलमानों ने आतंकवाद के खिलाफ उठाई आवाज

Story by  ओनिका माहेश्वरी | Published by  onikamaheshwari | Date 26-04-2025
Muslims across the country raised their voice against terrorism and took to the streets
Muslims across the country raised their voice against terrorism and took to the streets

 

ओनिका माहेश्वरी/ नई दिल्ली 

पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में देशभर के मुसलमानों ने सड़कों पर उतरकर आतंकवाद की कड़ी निंदा की. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शांति मार्च निकालकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई. इस दौरान लोगों ने आतंकवाद की निंदा करते हुए शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की.

गुजरात के सूरत में मुस्लिम समुदाय ने शुक्रवार की नमाज़ को एक मार्मिक भाव के साथ मनाया - पहलगाम आतंकी हमले का विरोध करने के लिए काली पट्टी बांधी. शोक के प्रतीकात्मक कार्य ने पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाई और हिंसा की कड़ी निंदा की. समुदाय के सदस्यों ने न्याय की मांग की, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और शांति को बढ़ावा देने का आह्वान किया. 

लखनऊ में मस्जिदों के बाहर भीड़ जमा हुई, हमले का विरोध किया और दोषियों के खिलाफ त्वरित, निर्णायक कार्रवाई की मांग की. धार्मिक नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामी शिक्षाएं सभी समुदायों के लिए करुणा, न्याय और सम्मान की वकालत करती हैं. 
 
लखनऊ की कई मस्जिदों में आयोजित प्रार्थना सत्रों ने अंतर-धार्मिक संबंधों को मजबूत करने और भारत की धर्मनिरपेक्ष नींव का समर्थन करने के लिए इस्लामी नेतृत्व की व्यापक पहल का प्रतिनिधित्व किया. शुक्रवार की नमाज के बाद, बड़ा इमामबाड़ा में एक विरोध प्रदर्शन किया गया, जहां बड़ी भीड़ ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

 

 

शुक्रवार को दिल्ली की जामा मस्जिद की प्रतिष्ठित सीढ़ियों और नीचे सड़क पर तिरंगा लहराया गया, जिससे हिंदू-मुस्लिम एकता की घोषणा हुई, जबकि दिल्ली की मस्जिदों में पहलगाम के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. केंद्रीय सचिवालय के पास संसद मार्ग मस्जिद में इमाम मोहिबुल्लाह नदवी ने नमाज़ को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "जो कोई भी निर्दोष को मारता है, वह मानवता को भी मारता है."

पुरानी दिल्ली में फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि आतंकवादी हमले के पीड़ितों के लिए शुक्रवार की नमाज़ के दौरान "दुआ" की गई. "हमने निर्दोष लोगों की हत्या को रोकने के लिए भगवान से प्रार्थना की."

कई लोगों ने भारत के झंडे ले रखे थे, जबकि अन्य के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था: 'आतंकवाद मुर्दाबाद, इंसानियत जिंदाबाद,' 'सभी की निगाहें पहलगाम पर,' और 'घर घर से निकलेगी आवाज, आतंक का होगा विनाश.' एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. हम मुस्लिम या हिंदू के तौर पर नहीं, बल्कि भारतीय के तौर पर इसके खिलाफ खड़े हैं." 

शुक्रवार को श्रीनगर के सैकड़ों लोगों ने हुर्रियत अध्यक्ष और कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के साथ मिलकर पहलगाम पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक मिनट का मौन रखा, जबकि मौलवी ने नागरिक हत्याओं की कड़े शब्दों में निंदा की. 

कानपुर में 25 अप्रैल 2025 शुक्रवार मुस्लिम ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया. जुमे की नमाज भी काली पट्टी बांध कर अदा की . कुल हिंद जमी अतुल आवाम उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में यह प्रदर्शन जुम्मे की नमाज के बाद नई सड़क स्थित मस्जिद एहसानउल मदरिस जदीद में आयोजित किया गया. 

भोपाल में शुक्रवार की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर मध्य प्रदेश की सड़कों पर उतरे और कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की तथा इस हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. 

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने भोपाल, खरगोन और हरदा में विरोध प्रदर्शन किया तथा पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए, आतंकवाद के पुतले फूंके तथा सरकार से इस हत्याकांड के मद्देनजर इस्लामाबाद के खिलाफ सख्त कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाने का आग्रह किया.
 
 
गुड़गांव में नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग काली पट्टी बांधकर और आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाते हुए शहर और पड़ोसी शहरों की सड़कों पर उतर आए. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. विभिन्न मुस्लिम संगठनों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों में समुदाय के नेताओं और निवासियों ने एक साथ मार्च किया और पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता का संदेश दिया. गुड़गांव इमाम संगठन ने शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. 
 
सराय अलावर्दी में प्रदर्शनकारियों ने आतंकवाद का प्रतिनिधित्व करने वाले पुतले जलाए और 'हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए. "हमने पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए दो मिनट का मौन रखकर अपनी प्रार्थना शुरू की. संगठन के प्रमुख मुफ्ती अब्दुल हसीब कासमी ने कहा, "हमारा समुदाय इन जघन्य कृत्यों के खिलाफ एकजुट है, जिनका किसी भी धर्म या समाज में कोई स्थान नहीं है."
 
 
 
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ हैदराबाद में शुक्रवार को भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. शुक्रवार (25 अप्रैल, 2025) को हैदराबाद की मक्का मस्जिद में सामूहिक नमाज़ में शामिल होने वाले मुसलमानों ने आतंकी हमले के विरोध में काली पट्टियाँ बाँधी. नमाज़ पूरी करने के बाद वे ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते हुए सड़कों पर उतर आए.
 
 
पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हालिया आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए इसे “मानवता के खिलाफ शर्मनाक अपराध” बताया. बुधवार को लुधियाना में जामा मस्जिद के बाहर आयोजित विरोध प्रदर्शन में आतंकवाद का पुतला जलाया गया और पीड़ितों के लिए दुआ मांगी गई.
 
 
कर्नाटक के तुमकुर में मुसलमानों के एक बड़े समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमला, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, देश में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने का एक प्रयास था.
 
मंगलवार को पहागाम के पास बैसरन में पहाड़ी की चोटी पर घास के मैदान में मौजूद कई पर्यटकों ने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और पीड़ितों को मारने से पहले 'कलिमा' (विश्वास की एक इस्लामी घोषणा) का परीक्षण किया, जो लक्षित हमले की ओर इशारा करता है. एक मुस्लिम टट्टूवाला भी मारा गया जब उसने पर्यटकों को बचाने के लिए एक आतंकवादी की बंदूक छीनने की कोशिश की.
 
 
खरगोन में शुक्रवार की नमाज के बाद मुसलमानों के एक बड़े समूह ने आतंकवाद का पुतला जलाया और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए. मोहन टॉकीज के मुस्लिम बहुल इलाके में जब पुतला जलाया गया तो हवा में "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे गूंज उठे. नगर पार्षद अदीब बाबा पठान ने कहा, "इस्लाम में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है और समुदाय सरकार के साथ खड़ा है." 
 
"मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार की नमाज के बाद आतंकवाद का पुतला जलाया. मुस्लिम समुदाय सरकार के साथ खड़ा है. सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. आतंकवाद का जवाब सिर्फ निंदा से नहीं दिया जा सकता... गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जाना चाहिए," उन्होंने कहा.
 
 
हरदा में मुस्लिम समुदाय के कई लोगों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया और हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. शहर की जामा मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें मुसलमानों ने काली पट्टी बांधी. हरदा शहर काजी मुफ्ती मोहम्मद रिजवान ने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि भारत की एकता, सद्भाव, भाईचारे, शांति और चल रहे विकास के भी खिलाफ है. 
 
उन्होंने कहा कि इस दुखद घटना ने देश भर के सभी धर्मों, जातियों और समुदायों के लोगों को गहरे दुख में डाल दिया है. आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मौलवी ने उन परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने इस नरसंहार में अपने सदस्यों को खो दिया है.
 
 
संभल की शाही जामा मस्जिद समेत उत्तर प्रदेश की कई मस्जिदों में शुक्रवार (25 अप्रैल, 2025) की नमाज़ में शामिल हुए लोगों ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में काली पट्टी बांधी. हाथों में तख्तियाँ लिए और पाकिस्तान के खिलाफ नारे लगाते हुए उन्होंने “आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश” के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.